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पीएचडी एडमिशन को लेकर 14 दिनों से बीएचयू के वीसी आवास के बाहर धरने पर बैठा दलित छात्र

BHU के कार्यवाहक Vice-Chancellor ने Shivam Sonkar को अपने ऑफिस में बुलाकर उनके एडमिशन पर विचार करने का आश्वासन दिया है. लेकिन उन्होंने अपना धरना जारी रखा है. उनका कहना है कि एडमिशन प्रोसेस पूरी होने के बाद ही वे अपना धरना समाप्त करेंगे.

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Shivam sonkar dalit student beneras hindu university
शिवम सोनकर 14 दिनों से धरने पर बैठे हैं. ( इंस्टा)
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आनंद कुमार
4 अप्रैल 2025 (Updated: 4 अप्रैल 2025, 10:18 AM IST) कॉमेंट्स
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बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में पीएचडी एडमिशन (PhD) की मांग को लेकर दलित छात्र शिवम सोनकर ( Shivam Sonkar) 14 दिनों से धरने पर बैठे हैं. शिवम डिपार्टमेंट ऑफ पीस एंड कॉन्फलिक्ट में एडमिशन को लेकर कुलपति आवास के बाहर धरना दे रहे हैं. उनका एडमिशन इसलिए खारिज कर दिया गया क्योंकि नॉन - जूनियर रिसर्च फेलोशिप (JRF) के तहत रिसर्च एंट्रेंस टेस्ट (RET) में SC कैटेगरी के लिए कोई सीट नहीं थी. इसके बाद उन्होंने आंदोलन शुरू किया.

शिवम ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में बताया, 

पीएचडी के लिए विभाग ने 7 सीटें निकाली थीं. जिनमें से चार JRF के तहत और तीन नॉन-JRF यानी रिसर्च एंट्रेस टेस्ट के माध्यम से भरनी थी. मैंने नॉन-JRF वाली सीटों के लिए आवेदन किया. और टेस्ट में दूसरा स्थान प्राप्त किया. लेकिन RET के माध्यम से एंट्री में एससी कैटेगरी के लिए कोई सीट नहीं थी, इसलिए तीन सीटें जनरल और ओबीसी कैंडिडेट्स को दे दी गई.

उन्होंने आगे बताया कि विभाग JRF कैटेगरी के तहत चार में से तीन सीटें नहीं भर पाया है. यूनिवर्सिटी के पास खाली सीटों को दूसरे कैटेगरी के कैंडिडेट्स को समायोजित करने के लिए कन्वर्ट करने का अधिकार है. शिवम ने यूनिवर्सिटी के अधिकारियों से JRF कैटेगरी के माध्यम से एडमिशन की अनुमति देने का अनुरोध किया. लेकिन इसे ठुकरा दिया गया. 20 मार्च को रिसर्च एंट्रेस टेस्ट (RET) का रिजल्ट आया था. उसके अगले दिन यानी 21 मार्च से शिवम धरने पर बैठे हैं.

3 अप्रैल को बीचएयू के रेक्टर प्रोफेसर संजय कुमार (जोकि यूनिवर्सिटी के कार्यवाहक कुलपति भी हैं )  ने शिवम को अपने ऑफिस में बुलाया. और उन्हें आश्वासन दिया कि उनके एडमिशन पर विचार किया जाएगा. लेकिन वीसी के आश्वासन के बाद भी शिवम ने अपना धरना जारी रखा है. उनका कहना है कि एडमिशन प्रोसेस पूरी होने के बाद ही वे अपना धरना समाप्त करेंगे. 

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संसद में भी उठ चुकी है आवाज

31 मार्च को नगीना सांसद चंद्रशेखर ने फोन पर शिवम सोनकर से बात की.  इसके बाद उनके पीएचडी एडमिशन के मुद्दे को संसद में उठाया. उन्होंने PMO को लेटर लिखकर न्यायसंगत कार्रवाई की मांग की. उन्होंने लिखा, 

मुझे यह जानकारी मिली है कि बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया के तहत शिवम सोनकर, जिन्होंने सत्र 2024-25 में पीस रिसर्च विष्य के लिए आवेदन किया है, उनके साथ अन्यायपूर्ण व्यवहार किया जा रहा है.

इसके अलावा मछलीशहर से सपा विधायक डॉ. रागिनी सोनकर ने भी इस मसले को उठाया है. उन्होंने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर छात्र के लिए न्याय की मांग की है.

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