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'जबतक जिंदा हूं, किसी की नौकरी नहीं जाएगी', शिक्षक भर्ती रद्द करने के SC के फैसले पर ममता का बयान

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उम्मीदवारों को न्याय दिलाने के लिए सभी संभव कानूनी रास्ते तलाशने की बात कही. उन्होंने कहा कि किसी भी योग्य उम्मीदवार की नौकरी नहीं छीनी जाएगी.

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Continue voluntary service, we will seek legal recourse Mamata to West Bengal teachers who lost jobs after Supreme Court order
भाजपा ने 7 अप्रैल को मुख्यमंत्री के कालीघाट आवास का घेराव करने के लिए मार्च निकाला. (फोटो-PTI)
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प्रशांत सिंह
7 अप्रैल 2025 (Published: 06:30 PM IST) कॉमेंट्स
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पश्चिम बंगाल स्कूल सेलेक्शन कमीशन (SSC) के तहत हुई 25 हजार टीचिंग और नॉन-टीचिंग स्टाफ की भर्ती को लेकर हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया था. कोर्ट ने कोलकाता हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराते हुए इन सभी की नियुक्ति को रद्द करने का आदेश दिया था. कोर्ट के फैसले के बाद उम्मीदवार कोलकाता के नेताजी इंडोर स्टेडियम में प्रोटेस्ट पर उतर आए हैं. 7 अप्रैल को सीएम ममता बनर्जी उम्मीदवारों के एक वर्ग से मुलाकात करने पहुंचीं. ममता ने प्रदर्शनकारियों का समर्थन किया. उन्होंने आश्वासन दिया कि योग्य उम्मीदवार बेरोजगार नहीं रहेंगे.

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उम्मीदवारों से ‘स्वैच्छिक सेवा’ जारी रखने का आग्रह किया और कहा कि उनकी सरकार भर्ती को लेकर कानूनी रास्ता तलाश रही है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक ममता बनर्जी ने कहा,

“जब तक मैं जीवित हूं, मैं किसी को भी योग्य उम्मीदवार की नौकरी नहीं छिनने दूंगी.”

बनर्जी ने आगे कहा,

"मैं चुनौतियों से लड़ना जानती हूं. ये कोर्ट की गलती नहीं है, बल्कि उन लोगों की गलती है जिन्होंने शिक्षकों के साथ राजनीति की."

मुख्यमंत्री ने शिक्षकों का केस लड़ने के लिए सुप्रीम कोर्ट के जाने-माने वकीलों कपिल सिब्बल, कल्याण बनर्जी , प्रशांत भूषण और अभिषेक मनु सिंघवी सहित एक कानूनी टीम की घोषणा की. उन्होंने कहा,

"हमारा वकील कौन था? अभिषेक मनु सिंघवी. इस बार हम किसे ले जा रहे हैं? कपिल सिब्बल, कल्याण बनर्जी, प्रशांत भूषण, सिंघवी को."

ममता बनर्जी के कहा कि उनकी सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बंधी हुई है. हालांकि, मुख्यमंत्री ने उम्मीदवारों को न्याय दिलाने के लिए सभी संभव कानूनी रास्ते तलाशने की बात कही. उन्होंने कहा कि सरकार सबसे पहले सुप्रीम कोर्ट से शिक्षकों की एलिजिबिलिटी के बारे में स्पष्टीकरण मांगेगी.

कोर्ट के इस फैसले पर सीएम ने टीचिंग और नॉन-टीचिंग स्टाफ के भविष्य के बारे में चिंता व्यक्त की. उन्होंने सवालिया अंदाज में कहा कि, "जो लोग वर्तमान में काम कर रहे हैं, वो क्या करेंगे?". उन्होंने कहा,

"सुप्रीम कोर्ट ने नई प्रक्रिया के माध्यम से भर्ती पूरी करने के लिए कहा है, लेकिन हमें पहले ये स्पष्ट करना होगा कि सभी शिक्षकों की नौकरी चली जाने के बाद स्कूल कौन चलाएगा?"

मुख्यमंत्री ने अपने प्रशासन की त्वरित प्रतिक्रिया के बारे में बात करते हुए कहा,

"फैसले के बाद ढाई घंटे के भीतर मैंने मुख्य सचिव के साथ विस्तृत बैठक की और हमने आयोग (WBSSC) को एक लेटर भेजा."

ममता बनर्जी ने शिक्षकों को आश्वस्त किया कि उनकी नौकरी फिलहाल सुरक्षित है. उन्होंने कहा,

"आज तक किसी ने आपको नौकरी से नहीं हटाया है. आप काम करना जारी रखें."

उन्होंने कानूनी प्रक्रिया के दौरान स्वैच्छिक रूप से अपनी ड्यूटी जारी रखने का सुझाव दिया. वो बोलीं,

"आप सभी हमेशा स्वेच्छा से जा सकते हैं और काम जारी रख सकते हैं. अगर वो कहते हैं कि आप ऐसा नहीं कर सकते, तो मैं शिक्षा विभाग से अनुरोध कर सकती हूं."

बंगाल भाजपा का विरोध प्रदर्शन

जिस समय ममता बर्खास्त शिक्षकों से मिल रही थीं, उसी समय बंगाल भाजपा ने इसी मुद्दे पर मुख्यमंत्री के कालीघाट आवास तक विरोध मार्च का आह्वान किया था. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार पूर्व भाजपा सांसद लॉकेट चटर्जी और भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) के करीब 20 कार्यकर्ताओं को कोलकाता पुलिस ने हिरासत में ले लिया. ये सभी नेता जब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आवास का घेराव करने जा रहे थे तभी इन्हें हिरासत में ले लिया गया. इन सभी को कोलकाता पुलिस मुख्यालय ले जाया गया है.

दूसरी तरफ भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी पर कुछ चुनिंदा लोगों का पक्ष लेने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा,

"वो मुख्यमंत्री नहीं, टीएमसी की नेता हैं. अगर वो मुख्यमंत्री होतीं तो सभी शिक्षकों से मिलतीं, न कि केवल कुछ लोगों से."

शुभेंदु भाजपा विधायकों के साथ राज्य विधानसभा के अंदर "ममता चोर" लिखे पोस्टर के साथ विरोध प्रदर्शन पर बैठे थे.

बता दें कि ये विवाद 2016 की WBSSC भर्ती से जुड़ा है, जिसमें 24,640 पदों के लिए 23 लाख आवेदन प्राप्त हुए थे. हालांकि, उपलब्ध पदों से ज़्यादा नियुक्ति पत्र जारी किए गए. जांच में OMR शीट में छेड़छाड़ और रैंकिंग में हेरफेर का पता चला. जिसके बाद कलकत्ता हाई कोर्ट ने अप्रैल 2024 में नियुक्तियों को रद्द कर दिया था. हाई कोर्ट के इस फैसले को पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखते हुए, पूरी भर्ती रद्द कर दी थी.

वीडियो: नेतानगरी: भर्ती घोटाले के आरोपी पार्थ चटर्जी को ममता बनर्जी ने इतने दिनों तक क्‍यों बचाया?

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