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SC ने वक्फ कानून के प्रावधानों पर सवाल उठाए, अब अगली सुनवाई तक बोर्ड में कोई नियुक्ति नहीं होगी

5 मई को सुप्रीम कोर्ट में वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ दायर याचिकाओं पर अगली सुनवाई होनी हैं.

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सांकेतिक तस्वीर. (India Today)
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सौरभ
18 अप्रैल 2025 (Published: 06:16 PM IST) कॉमेंट्स
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केंद्र सरकार ने 18 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि 5 मई तक वक्फ बोर्डों में कोई नियुक्ति नहीं की जाएगी और किसी वक्फ संपत्ति (जिसमें ‘वक्फ-बाय-यूजर’ भी शामिल है) में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा. सरकार ने ये आश्वासन सुप्रीम कोर्ट के वक्फ एक्ट, 2025 के तीन अहम प्रावधानों पर सवाल उठाने के एक दिन बाद दिया है.

सरकार की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट में ये आश्वासन दिया. इसे रिकॉर्ड में लेते हुए मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने कहा,

"यह भी कहा गया है कि अगली सुनवाई तक किसी भी वक्फ संपत्ति (चाहे वह नोटिफिकेशन से घोषित हो या रजिस्ट्रेशन से) को डि-नोटिफाई नहीं किया जाएगा और न ही उसकी स्थिति बदली जाएगी."

वक्फ बोर्डों में गैर-मुस्लिम सदस्यों की नियुक्ति को लेकर कोर्ट ने तुषार मेहता की इस बात को नोट किया, कि जब तक अगली सुनवाई नहीं होती तब तक केंद्र सरकार केंद्रीय वक्फ परिषद या किसी राज्य वक्फ बोर्ड में कोई नियुक्ति नहीं करेगी. अगर कोई राज्य ऐसी कोई नियुक्ति करता है, तो वह नियुक्ति अमान्य मानी जाएगी.

केंद्र सरकार ने कोर्ट से अनुरोध किया कि अंतरिम आदेश पारित करने से पहले उसे एक हलफनामा दाखिल करने के लिए एक हफ्ते का समय दिया जाए. इसके बाद कोर्ट ने संविधान के अनुसार एक्ट की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई को 5 मई तक के लिए टाल दिया.

यहां गौर करने वाली बात ये है कि मौजूदा CJI संजीव खन्ना 13 मई को रिटायर हो रहे हैं. 

सुनवाई में कोर्ट ने कहा,

“हम स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि अगली सुनवाई एक प्रारंभिक सुनवाई होगी और ज़रूरत पड़ने पर अंतरिम आदेश भी पारित किए जाएंगे.”

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के उस प्रस्ताव का विरोध किया था, जिसमें कोर्ट ने कुछ प्रावधानों पर रोक लगाने की बात कही थी. इनमें वक्फ संपत्तियों को डि-नोटिफाई करने का अधिकार, वक्फ बोर्डों और परिषदों में गैर-मुस्लिम सदस्यों की नियुक्ति और कलेक्टर को वक्फ भूमि की स्थिति बदलने का अधिकार शामिल हैं.

कोर्ट ने केंद्र सरकार, राज्य सरकारों और वक्फ बोर्डों को निर्देश दिया कि वे 7 दिनों के भीतर याचिकाओं पर अपनी प्रारंभिक प्रतिक्रियाएं दाखिल करें. इसके बाद, याचिकाकर्ता इन पर 5 दिनों के भीतर अपना जवाब दे सकते हैं.

वीडियो: सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ संशोधन बिल पर केन्द्र सरकार से मांगे जवाब

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