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आगामी जनगणना में ही होगी जातीय जनगणना, मोदी सरकार का बड़ा फैसला

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सरकार के इस निर्णय को मीडिया के सामने रखा.

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Caste census to be included in national census, announces Union Minister Ashwini Vaishnaw
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सरकार के इस निर्णय को मीडिया के सामने रखा. (फोटो- PTI/X)
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प्रशांत सिंह
30 अप्रैल 2025 (Updated: 30 अप्रैल 2025, 04:59 PM IST) कॉमेंट्स
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केंद्र सरकार ने जातीय जनगणना को लेकर बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने बताया है कि जातीय जनगणना आगामी जनगणना के साथ ही कराई जाएगी. ये फैसला मोदी सरकार की राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति (CCPA) की मीटिंग में लिया गया है. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सरकार के इस निर्णय को मीडिया के सामने रखा.

मंत्रिमंडल की ब्रीफिंग में वैष्णव ने कहा,

“कांग्रेस हमेशा से जाति जनगणना के खिलाफ रही है. आजादी के बाद कभी जाति जनगणना नहीं हुई. 2010 में तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय मनमोहन सिंह जी ने संसद में आश्वासन दिया था कि कैबिनेट में जाति जनगणना पर चर्चा होगी... कांग्रेस और INDIA गठबंधन ने इस मुद्दे का इस्तेमाल सिर्फ राजनीतिक लाभ के लिए किया है. कुछ राज्यों ने गैर-पारदर्शी तरीके से जाति सर्वेक्षण किया है. हमने तय किया है कि जाति जनगणना मुख्य जनगणना का हिस्सा होनी चाहिए. इससे ये सुनिश्चित होगा कि राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक रूप से मजबूत हो.”

रेल मंत्री ने कहा कि इस तरह के सर्वेक्षण समाज में "संदेह पैदा करते हैं" और कहा कि ये सुनिश्चित करने के लिए कि राजनीति से सामाजिक ताना-बाना बिगड़े नहीं, सर्वेक्षण के बजाय जनगणना में जाति गणना को शामिल किया जाना चाहिए.

बता दें कि कांग्रेस, इंडिया ब्लॉक और कुछ क्षेत्रीय दलों की लंबे समय से मांग रही है कि केंद्र सरकार जाति जनगणना की घोषणा करे. हाल ही में कांग्रेस शासित कर्नाटक ने अपना खुद का जाति सर्वेक्षण करवाया था. हालांकि, इसे कर्नाटक के वोक्कालिगा और लिंगायत समुदायों की आपत्तियों का सामना करना पड़ा. इन समुदायों का तर्क है कि 'सामाजिक और शैक्षिक सर्वेक्षण रिपोर्ट', जिसे दस साल पहले कमीशन किया गया था उनके हितों का पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं करती है और इसकी गहन समीक्षा की आवश्यकता है.

केंद्रीय कैबिनेट के फैसलों के बारे में बताते हुए रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गन्ने के उचित और लाभकारी मूल्य के बारे में भी जानकारी दी. उन्होंने बताया,

“सीजन 2025-26 के लिए गन्ने का उचित और लाभकारी मूल्य 355 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है. ये बेंचमार्क मूल्य है जिससे नीचे इसे नहीं खरीदा जा सकता है."

सरकार ने शिलांग से सिलचर के बीच हाई स्पीड हाईवे को भी मंजूरी दी है. अश्विनी वैष्णव ने कहा,

“केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 22,864 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से शिलांग से सिलचर तक एक हाई-स्पीड कॉरिडोर राजमार्ग को मंजूरी दी है.”

स्वतंत्र भारत में 1951 से 2011 तक की हर जनगणना में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के बारे में डेटा जारी किया गया है. लेकिन अन्य जातियों के बारे में इनमें कोई जानकारी नहीं है. इससे पहले, 1931 तक की हर जनगणना में जाति के बारे में डेटा होता था.

लालू ने क्या कहा?

सराकर ने इस फैसला पर बिहार के पूर्व सीएम लालू यादव की प्रतिक्रिया भी सामने आई. X पर लालू ने कहा,

“मेरे जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहते दिल्ली में हमारी संयुक्त मोर्चा की सरकार ने 1996-97 में कैबिनेट से 2001 की जनगणना में जातिगत जनगणना कराने का निर्णय लिया था. जिस पर बाद में NDA की वाजपेयी सरकार ने अमल नहीं किया. 2011 की जनगणना में फिर जातिगत गणना के लिए हमने संसद में जोरदार मांग उठाई. मैंने, स्वर्गीय मुलायम सिंह, स्वर्गीय शरद यादव ने इस मांग को लेकर कई दिन संसद ठप किया और बाद में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण कराने के आश्वासन के बाद ही संसद चलने दिया. देश में सर्वप्रथम जातिगत सर्वे भी हमारी 17 महीने की महागठबंधन सरकार में बिहार में ही हुआ. जिसे हम समाजवादी जैसे आरक्षण, जातिगणना, समानता, बंधुत्व, धर्मनिरपेक्षता इत्यादि 30 साल पहले सोचते है उसे दूसरे लोग दशकों बाद फॉलो करते है.”

लालू ने आगे कहा कि जातिगत जनगणना की मांग करने पर हमें जातिवादी कहने वालों को करारा जवाब मिला, अभी बहुत कुछ बाकी है. उन्होंने ये भी कहा कि ये संघी हमारे एजेंडे पर नचाते रहेंगे.
 

वीडियो: अनुसूचित जनजातियों में सब कैटेगराइज़ेशन पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा है?

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