विपक्ष के सांसदों का चुनाव आयोग के खिलाफ मार्च, जमकर हुआ हंगामा, अखिलेश ने बैरिकेड फांदा
INDIA गठबंधन के सीनियर नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, NCP प्रमुख शरद पवार भी मार्च में शामिल हुए हैं. मार्च को दिल्ली पुलिस ने रास्ते में ही रोक लिया गया. वहीं प्रियंका गांधी भी विपक्षी सांसदों के साथ नारेबाजी करतीं नजर आईं.

बिहार में चल रहे हैं SIR और ‘वोट चोरी’ के आरोप में 11 अगस्त को विपक्षी दलों ने संसद भवन से चुनाव आयोग तक मार्च निकाला. इस विरोध मार्च का नेतृत्व संसद में विपक्ष के नेता राहुल गांधी कर रहे थे. मार्च के दौरान जमकर हंगामा हुआ. पुलिस ने सांसदों को रोकने के लिए बैरिकेड समेत तमाम बंदोबस्त किए हुए थे. लेकिन विपक्षी सांसद बैरिकेड तोड़कर चुनाव आयोग की तरफ बढ़ते हुए दिखाई दिए.
इस विरोध मार्च में विपक्ष के 300 से ज्यादा सांसद शामिल हुए. सांसद सरकार और चुनाव आयोग के खिलाफ नारेबाजी करते हुए संसद से चुनाव आयोग के दफ्तर की तरफ बढ़ रहे थे. लेकिन दिल्ली पुलिस ने सांसदों को रोकने के लिए सुरक्षा के कई लेयर के इंतजाम किए थे. लेकिन समाजवादी पार्टी (SP) प्रमुख अखिलेश यादव नारेबाजी करते हुए बैरिकेड पर चढ़कर फांदने लगे. इस दौरान उनका बैलेंस बिगड़ा तो मौके पर मौजूद दूसरे नेताओं ने उन्हें संभाला.
अखिलेश यादव ने कहा कि चुनाव आयोग पर कई बार सवाल उठाए जा चुके हैं. चुनाव आयोग को शिकायत पर कार्रवाई करनी चाहिए. लेकिन चुनाव आयोग कोई एक्शन नहीं ले रहा. अखिलेश ने कहा है कि संसद में हम अपनी बात रखना चाहते हैं. लेकिन सरकार सुनना ही नहीं चाहती है.
INDIA गठबंधन के सीनियर नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, NCP प्रमुख शरद पवार भी मार्च में शामिल हुए हैं. मार्च को दिल्ली पुलिस ने रास्ते में ही रोक लिया गया. वहीं प्रियंका गांधी भी विपक्षी सांसदों के साथ नारेबाजी करती नजर आईं.
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि सच्चाई देश के सामने है. यह लड़ाई राजनीतिक नहीं है. यह संविधान बचाने की लड़ाई है. यह लड़ाई एक व्यक्ति, एक वोट की है. हम एक साफ-सुथरी वोटर लिस्ट चाहते हैं.
कांग्रेस सांसद शशि थरूर भी राहुल गांधी के नेतृत्व में निकाले गए मार्च में शामिल हुए हैं. उन्होंने कहा कि जब तक लोगों के मन में चुनावों की निष्पक्षता को लेकर शक रहेगा तब तक EC की विश्वसनीयता को नुकसान पहुंच रहा है. अगर ये डाउट दूर हो जाते हैं तो चुनाव आयोग की विश्वसनीयता फिर से हासिल की जा सकती है. इन सवालों का समाधान करने में चुनाव आयोग का अपना फायदा है.
बीते दिन ही विपक्षी सांसदों ने इस मार्च का एलान किया था. दिल्ली पुलिस का कहना है कि विपक्षी दलों की ओर से मार्च के लिए औपचारिक इजाजत नहीं मांगी गई थी. इसलिए ही उन्हें रास्ते में रोकने के इंतजाम किए गए.
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