The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • India
  • Bihar Patna 1934 earthquake devastating bihar danger of aftershock

बिहार पर मंडरा रहा भूकंप का खतरा, बेहद अहम है 15 जनवरी तक का वक्त

Earthquake: नेपाल और तिब्बत में आये भूकंप से भारत में बेशक जान माल का कोई नुकसान ना हुआ हो, मगर खतरा अभी टला नहीं है. 15 जनवरी के पहले भूकंप के और झटके महसूस किये जा सकते हैं. साल 1934 में आये एक ऐसे ही भूकंप में Bihar में 7253 लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी. बिहार के इतिहास के सबसे खौफनाक भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 8.4 मापी गई थी.

Advertisement
Bihar Earthquake patna mujaffarpur munger
1934 के भूकंप के बाद महात्मा गांधी बिहार आए थे. (विकीमीडिया कॉमन्स)
pic
आनंद कुमार
8 जनवरी 2025 (Updated: 8 जनवरी 2025, 03:35 PM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

7 जनवरी को भारत के कई हिस्सों में भूकंप (Earthquake) के झटके महसूस किए गए थे. इनमें बिहार, बंगाल और असम शामिल हैं. बिहार में राजधानी पटना समेत 9 जिलों में भूकंप के झटके महसूस किए गए. यहां भूकंप के तीन झटके महसूस किए गए. हालांकि इन झटकों में जान माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 15 जनवरी तक बिहार समेत राज्य के दूसरे हिस्सों में फिर से भूकंप के झटके महसूस हो सकते हैं. भूकंप आने के बाद उन्हीं क्षेत्रों में जब दोबारा भूकंप आता है तो उसे आफ्टरशॉक कहा जाता है. बिहार में भूकंप का खतरा हमेशा बना रहता है. राज्य में 1934 में आए प्रलयकारी भूकंप के निशान अब भी कई शहरों में देखे जा सकते हैं. बिहार के सभी 34 जिले भूकंप जोन में है. जिसमें से आठ जिले जोन 5 में हैं, जो सबसे खतरनाक माना जाता है.

1934 में आया सबसे विनाशकारी भूकंप

साल 1934 में आया भूकंप बिहार के इतिहास का सबसे खौफनाक भूकंप था. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 8.4 मापी गई थी. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक पूरे राज्य में इस भूकंप की वजह से 7253 लोगों की मौत हुई थी. इसमें दरभंगा में 1839, मुजफ्फरपुर में 1583 और मुंगेर में 1260 लोगों की मौत हुई. उत्तर बिहार का एक शहर राजनगर तो पूरा खंडहर में बदल गया. इसे आज भी खंडहरों का शहर कहा जाता है. इस भूकंप के बाद राहत बचाव के लिए फंड जुटाने के लिए महात्मा गांधी बिहार आए थे.

जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (GSI) की एक स्टडी के मुताबिक, बिहार में भूकंप का सबसे अधिक प्रभाव मुजफ्फरपुर, दरभंगा और मुंगेर जैसे जिलों में रहा है. बिहार में कई बार भूकंप ने तबाही मचाई है. चार जून 1768 को राज्य को भूकंप के झटके लगे थे. जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6 था. वहीं 23 अगस्त 1833 को 7.5 की तीव्रता का भूकंप आया था. बिहार में आखिरी बार भूकंप के सबसे खतरनाक झटका 21 अगस्त 1988 को लगा था. जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.6 थी.

ये भी पढ़ें - तबाही के बाद भी नहीं थम रहा भूकंप, 24 घंटों में 20 बार कांपी धरती, 126 की मौत

बिहार का हर जिला भूकंप की जद में है. 38 में से आठ जिले तो जोन 5 में हैं. जो सबसे खतरनाक माना जाता है. 22 जिले जोन 4 में हैं. जहां ऊंची बिल्डिंगों के निर्माण पर रोक रहती है. और आठ जिले जोन 3 के अंदर आते है. इस जोन में भूकंप के झटके तो आते हैं. लेकिन इससे नुकसान होने की संभावना कम होती है.

वीडियो: ताइवान में 25 साल का सबसे ताकतवर भूकंप का वीडियो देखकर हिल जाएंगे!

Advertisement