तन्निष्ठा चटर्जी ने कैसे लड़ी स्टेज 4 ओलिगो मेटास्टेटिक कैंसर से जंग? बीमारी के लक्षण और इलाज जानें
ओलिगो मेटास्टेटिक कैंसर यानी स्टेज 4 वाला ऐसा कैंसर, जो बाकी अंगों में फैल चुका है. लेकिन ये कैंसर लिमिटेड अंगों में ही फैलता है, पूरे शरीर में नहीं.
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तन्निष्ठा चटर्जी. इंडियन एक्ट्रेस और डायरेक्टर हैं. तन्निष्ठा को आपने Parched, Angry Indian Goddesses और UNindian जैसी फिल्मों में देखा है. हाल में तन्निष्ठा ने इंस्टाग्राम पर एक बहुत ही इमोशनल पोस्ट किया. दरअसल तन्निष्ठा को स्टेज 4 ओलिगो मेटास्टेटिक कैंसर है. अपने पोस्ट में तन्निष्ठा ने लिखा-
‘पिछले 8 महीने बेहद ही मुश्किल थे. मैनें न सिर्फ़ अपने पिता को कैंसर के कारण खो दिया, 8 महीने पहले मुझे भी स्टेज 4 ओलिगो मेटास्टेटिक कैंसर डायग्नोज़ हुआ.’
तन्निष्ठा ने उन सभी लोगों को थैंक यू बोला, जिन्होनें इतने मुश्किल वक़्त में उनका साथ दिया है. हम उम्मीद करते हैं तन्निष्ठा जल्दी से पूरी तरह ठीक हो जाएं. क्योंकि ओलिगो मेटास्टेटिक कैंसर ठीक हो सकता है. ऐसा खुद डॉक्टर्स कहते हैं.
आज डॉक्टर से समझेंगे ओलिगो मेटास्टेटिक कैंसर क्या होता है. ये क्यों होता है. इसके क्या लक्षण हैं. और ओलिगो मेटास्टेटिक कैंसर का इलाज क्या है.
ओलिगो मेटास्टेटिक कैंसर क्या होता है?ये हमें बताया डॉक्टर दुर्गातोष पांडे ने.

ओलिगो मेटास्टेटिक कैंसर यानी कोई भी ऐसा कैंसर जो स्टेज 4 है, बाकी अंगों में फैल चुका है. लेकिन ये कैंसर लिमिटेड अंगों में ही फैलता है, पूरे शरीर में नहीं. जब कैंसर 3-5 अंगों में फैल जाता है तो उसे ओलिगो मेटास्टेटिक कैंसर कहते हैं.
ओलिगो मेटास्टेटिक कैंसर क्यों होता है?ओलिगो मेटास्टेटिक कैंसर होने का कोई एक कारण नहीं है. हर तरह का कैंसर ओलिगो मेटास्टेटिक बन सकता है. अगर ओलिगो मेटास्टेटिक कैंसर हुआ है यानी उस कैंसर के सेल्स उतने आक्रामक नहीं हैं, जितने पूरे शरीर में फैले हुए कैंसर के सेल्स होते हैं. इसलिए वो ऐसे अंगों में फैलता है, जहां उसे फिर भी आगे फैलने से रोका जा सकता है.
लक्षणओलिगो मेटास्टेटिक कैंसर के लक्षण वही होंगे, जो प्राइमरी कैंसर के होते हैं. जैसे अगर लंग कैंसर है, तो ओलिगो मेटास्टेटिक कैंसर होने पर लंग कैंसर से जुड़े लक्षण ही महसूस होंगे. ओलिगो मेटास्टेटिक कैंसर में अलग लक्षण आ भी सकते हैं और नहीं भी. जैसे अगर लंग कैंसर के चलते ब्रेन में ओलिगो मेटास्टेटिक कैंसर हो गया है. तब कुछ लक्षण महसूस हो सकते हैं. जैसे उल्टी, सिरदर्द, ब्लड प्रेशर बढ़ना. मगर ये लक्षण कई बार आते हैं, तो कई बार नहीं.
अगर ब्रेस्ट कैंसर फैलकर हड्डियों में चला गया है तो उस हड्डी में दर्द हो भी सकता है, नहीं भी हो सकता है. ज़्यादातर केसेस में अलग से लक्षण नहीं महसूस होते, केवल प्राइमरी कैंसर के लक्षण ही महसूस होते हैं. ओलिगो मेटास्टेटिक कैंसर का पता लगाया जाता है PET स्कैन से. PET स्कैन से पता चलता है कि कैंसर कहां-कहां फैल गया है. अगर कैंसर 2-3 अंगों में फैल गया है, तो उसे ओलिगो मेटास्टेटिक कैंसर मान लिया जाता है

पहले ऐसा माना जाता था कि अगर बीमारी स्टेज 4 है तो वो ठीक नहीं हो सकती. तब पूरा फोकस मरीज़ की जिंदगी बढ़ाने पर होता था या लक्षणों को कंट्रोल करने पर. लेकिन अब कुछ ओलिगो मेटास्टेटिक कैंसर ठीक हो सकते हैं. जैसे अगर ब्रेस्ट कैंसर 2-3 अंगों में फैल गया है, हड्डियों में फैल गया है. तब कीमोथेरेपी, सर्जरी और रेडियोथेरेपी की मदद से इस कैंसर को ठीक किया जा सकता है. 15-20% ब्रेस्ट कैंसर के कारण होने वाले ओलिगो मेटास्टेटिक केसेस ठीक हो सकते हैं.
इलाजआमतौर पर स्टेज 4 में लोकल इलाज पर फोकस नहीं किया जाता. यानी जिस अंग से कैंसर शुरू हुआ है उसका इलाज. सिस्टमिक इलाज किया जाता है जैसे कीमोथेरेपी, टारगेटेड थेरेपी और इम्यूनोथेरेपी. लेकिन ओलिगो मेटास्टेटिक कैंसर में भी लोकल इलाज किया जा सकता है. इससे ओलिगो मेटास्टेटिक कैंसर के ठीक होने का चांस बढ़ जाता है. हर कैंसर में नहीं, पर कुछ में ये मुमकिन है जैसे ब्रेस्ट कैंसर. इस केस में ब्रेस्ट कैंसर की सर्जरी की जा सकती है. साथ ही, फैले हुए कैंसर पर अलग-अलग थेरेपी की जा सकती है जैसे रेडिएशन थेरेपी. कुल जमा बात ये है कि ओलिगो मेटास्टेटिक कैंसर ठीक हो सकता है. बस ज़रूरी है सही इलाज मिलना. हम उम्मीद करते हैं तन्निष्ठा चटर्जी भी कैंसर को जल्दी हरा देंगी.
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
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