पड़ताल: क्या लॉकडाउन के दौरान मज़दूरों के हंगामे का ये वीडियो कानपुर का है?
वायरल वीडियो में मज़दूर गाड़ियों में तोड़फोड़ करते दिखाई दे रहे हैं.

लॉकडाउन के दौरान सड़कों पर तोड़-फोड़ का एक वीडियो मेसेजिंग ऐप वॉट्सऐप पर वायरल हो रहा है. दावा किया जा रहा है कि ये घटना उत्तर प्रदेश के कानपुर की है.

वायरल वीडियो को वॉट्सऐप पर PIP मोड में प्ले किया गया है.
फ़ेसबुक पेज The Delhi Express ने 20 मई, 2020 को वीडियो पोस्ट
(आर्काइव लिंक)
करते हुए लिखा,
कानपुर हाईवे पर बेकाबू भुके प्यासे मजदूरों ने गाडिय़ों में की तोड़ फोड़...कई और भी फ़ेसबुक
और ट्विटर
यूजर्स ने इस वीडियो को कानपुर का बताकर शेयर किया है. (आर्काइव लिंक)
— Khabaronwala/ख़बरोंवाला/ਖ਼ਬਰਵਾਲਾ/خبریں (@Khabaronwala) May 27, 2020पड़ताल
‘दी लल्लनटॉप’ ने वायरल वीडियो की पड़ताल की. हमारी पड़ताल में ये दावा ग़लत निकला.
हमने वीडियो को कई फ्रेम्स में अलग किया. एक फ़्रेम में हमें बैनर दिखा.

वीडियो का स्क्रीनग्रैब.
बैनर में सबसे नीचे Shapar Veraval Industrial Association का नाम नज़र आया. हमने गूगल पर सर्च किया तो पता चला कि ये एसोसिएशन गुजरात के राजकोट में है.

गूगल पर उपलब्ध डिटेल्स.
हमें 17 मई, 2020 की इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट
(आर्काइव लिंक)
मिली. रिपोर्ट का टाइटल है,
SP, journalist injured as migrant workers go on rampage in Rajkot
(राजकोट में प्रवासी मज़दूरों के उपद्रव में एसपी और पत्रकार घायल)

राजकोट की घटना के संबंध में इंडियन एक्सप्रेस की 17 मई की रिपोर्ट.
रिपोर्ट के मुताबिक़, मज़दूरों को बिहार और यूपी ले जाने के लिए तीन ट्रेनों की व्यवस्था की गई थी. 17 मई की सुबह, तकरीबन एक हज़ार मज़दूर फ़ील्ड मार्शल स्कूल के पास इकट्ठा हो गए थे. लेकिन ट्रेनों को कुछ घंटे पहले री-शेड्यूल कर दिया गया था. जब उन्हें ये जानकारी मिली, उन्होंने बवाल काट दिया. मज़दूरों के हंगामे में एबीपी न्यूज़ के पत्रकार हार्दिक जोशी को भी चोटें आईं. इस हंगामे में पुलिस ने 29 लोगों को गिरफ़्तार किया था.
इस घटना का एक लंबा वीडियो आप यहां
पर देख सकते हैं. ये वीडियो उसी शख़्स ने बनाया है, जिसकी 59 सेकेंड की एक क्लिप सोशल मीडिया पर कानपुर की बताकर वायरल हो रही है. (आर्काइव लिंक)

17 मई की घटना का वीडियो.
राजकोट में मज़दूरों के हंगामे की घटना को इंडिया टुडे
, टाइम्स ऑफ़ इंडिया
जैसे मीडिया संस्थानों ने भी कवर किया था.
लॉकडाउन के दौरान सड़कों पर तोड़-फोड़ का वायरल वीडियो असल में गुजरात के राजकोट का है. ट्रेनों का शेड्यूल बदले जाने से नाराज़ प्रवासी मज़दूरों ने राजकोट के शापर वीरावल इलाक़े पर तोड़फोड़ शुरू कर दी थी. इस घटना में कई पुलिसवाले और पत्रकार भी घायल हो गए थे. पुलिस ने इस मामले में 29 लोगों को गिरफ़्तार किया था.
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