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अनिल उपाध्याय, सोशल मीडिया पर "भाजपा-कांग्रेस" का विधायक जो हक़ीक़त में है नहीं!

फिर एक बार अनिल उपाध्याय के नाम पर पुलिसकर्मी से मारपीट का वीडियो वायरल हो रहा है.

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अनिल उपाध्याय को भाजपा विधायक बताकर मारपीट का पुराना वीडियो वायरल.
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रजत
20 जनवरी 2021 (Updated: 27 जनवरी 2021, 01:59 PM IST) कॉमेंट्स
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दावा विधायक अनिल उपाध्याय. फ़ेक न्यूज़ की पर कड़ी नज़र रखने वाले लोग इस नाम से परिचित होंगे. इस कथित विधायक के नाम पर- - पुलिसकर्मी को पीटने - हिरण का शिकार करने - EVM/ बूथ कैप्चरिंग और - "कांग्रेस का विधायक होकर PM मोदी की तारीफ़" करने समेत तमाम दावे वायरल हो चुके हैं. अनिल उपाध्याय को कभी भाजपा तो कभी कांग्रेस का विधायक बताया जाता है. हाल-फिलहाल इसी नाम के साथ एक पुराना दावा फिर से वायरल हो रहा है. दावा किया जा रहा है कि भाजपा विधायक अनिल उपाध्याय ने पुलिसकर्मी के साथ मारपीट की है. (आर्काइव)
BJP विधायक अनिल उपाध्याय की हिम्मत तो देखिये जब पुलिस का ये हाल है तो आम जनता का क्या होगा... #localvoicenews Posted by LOCAL VOICE news on Wednesday, 13 January 2021
ऐसा ही दावा कई और यूज़र्स ने किया है. इस बार अनिल उपाध्याय को उत्तर प्रदेश से भाजपा विधायक बताया जा रहा है. पड़ताल दी लल्लनटॉप इस दावे की पड़ताल आप तक 2019 में भी पहुंचा चुका है. अप्रैल 2019 में यही वीडियो इसी नाम से वायरल हुआ था. लेकिन उस वक्त अनिल उपाध्याय को मध्य प्रदेश से कांग्रेस का विधायक बताया गया था. दरअसल वीडियो में पुलिसकर्मी को पीट रहा शख़्स विधायक नहीं, तत्कालीन भाजपा पार्षद है. हमने इस पोस्ट की सच्चाई जानने के लिए गूगल रिवर्स इमेज सर्च का सहारा लिया था. हमें ट्विटर पर ये पूरा वीडियो मिल गया. 19 अक्तूबर 2018 की ये घटना उत्तर प्रदेश के मेरठ की है. पीटने वाले का नाम है मनीष चौधरी. इस घटना के बारे में दी लल्लनटॉप ने भी खबर प्रकाशित की थी. न्यूज़ एजेंसी ANI ने ये वीडियो 20 अक्टूबर 2018 को ट्वीट किया था. ट्वीट के मुताबिक,
पुलिस सब-इंस्पेक्टर एक महिला वकील के साथ होटल आए (मनीष के), जहां उनकी वेटर के साथ लड़ाई हो गई थी. बाद में मनीष आया और उसने मारपीट शुरू कर दी.
घटना के बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए मनीष को गिरफ़्तार भी किया था. और धारा 395(डकैती) और 354(स्त्री की लज्जा भंग करने के आशय से उस पर हमला करना) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. वहीं सब-इंस्पेक्टर और महिला को मेडिकल जांच के लिए भेज दिया था. अब बात अनिल उपाध्याय की. Myneta.info वेबसाइट, जहां देशभर में चुनाव लड़ने वाले नेताओं का रिकॉर्ड रखा जाता है, उसके मुताबिक अनिल उपाध्याय के नाम का कोई विधायक भारतीय जनता पार्टी या कांग्रेस की तरफ़ से बीते 20 सालों में नहीं रहा. अनिल उपाध्याय को विधायक बताकर वायरल हुए झूठ दावे-1. कांग्रेस विधायक अनिल उपाध्याय ने पुलिसकर्मी को पीटा- ये दावा 2019 में वायरल हुआ था. उस वक्त की मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार को निशाना बनाते हुए. लल्लनटॉप ने दावे की पड़ताल की थी और पाया कि ये वायरल वीडियो उत्तर प्रदेश के मेरठ का था, जहां भाजपा के पार्षद मनीष चौधरी ने सब-इंस्पेक्टर से मारपीट की थी. 2. कांग्रेस MLA अनिल उपाध्याय ने बूथ कैप्चरिंग की- ये दावा भी 2019 में वायरल हुआ था. वीडियो दिखाकर दावा किया गया कि कांग्रेस विधायक अनिल उपाध्याय EVM के पास जाकर महिलाओं का वोट खुद डाल रहे हैं. असल में ये वीडियो पश्चिम बंगाल के रायगंज का है. और वीडियो में दिख रहा शख़्स तृणमूल कांग्रेस पार्टी का कार्यकर्ता मोहम्मद सोमुनुद्दीन है, कोई कांग्रेस विधायक अनिल उपाध्याय नहीं. 3. हिरण का शिकार करता भाजपा विधायक अनिल उपाध्याय- ये दावा नवंबर 2019 में वायरल हुआ. वायरल वीडियो में एक शख़्स बंदूक तानता है और पास घूम रहे छोटे हिरण पर निशाना लगा देता है. ये घटना असल में बांग्लादेश के चिटगांव का है. वीडियो में दिख रहे शख़्स का नाम मोइनुद्दीन है. वो बांग्लादेश मूल के ऑस्ट्रेलियाई नागरिक हैं. उन्होंने अपनी इस हरक़त के लिए माफ़ी भी मांगी थी. 4. PM मोदी की तारीफ़ करता "कांग्रेस विधायक अनिल उपाध्याय"- अप्रैल 2019 में ये दावा वायरल हुआ. उस वक्त PM मोदी की तारीफ़ करते एक शख़्स को कांग्रेस विधायक अनिल उपाध्याय बताया गया. ये शख़्स किसी राजनैतिक दल से विधायक नहीं, बल्कि एक आम आदमी हैं. इनका नाम मोहन पांडे है और लिंक्डइन प्रोफाइल के मुताबिक, उस वक्त एक मसाला कंपनी में ज़ोनल सेल्स मैनेजर थे. नतीजा विधायक अनिल उपाध्याय के नाम से वायरल हो रहे दावे फर्ज़ी हैं. वायरल वीडियो 2018 का है और पुलिसकर्मी को पीट रहे शख़्स का नाम मनीष चौधरी है. मेरठ का रहने वाला मनीष घटना के वक्त भाजपा की ओर से पार्षद था. अनिल उपाध्याय के नाम का कोई विधायक हाल में हमें नहीं मिला. इस नाम को कभी कांग्रेस तो कभी बीजेपी के साथ जोड़ा जाता है. असल में इन दोनों ही पार्टियों में ऐसा कोई विधायक मौजूदा वक्त में नहीं है.

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