पड़ताल: क्या नकली उंगलियां लगाकर चुनाव में फर्ज़ी वोटिंग हो रही है?
मतदान अधिकारियों को चेतावनी देता मैसेज सोशल मीडिया पर वायरल.
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नकली उंगलियों के बारे में किया जा रहा पोस्ट वायरल हो रहा है.
‘दी लल्लनटॉप’ देश में चल रहे लोकसभा चुनाव की ग्राउंड से सीधी कवरेज के अलावा फेसबुक के साथ मिलकर देश के अलग-अलग इलाकों में फ़ेक न्यूज़ से बचने के लिए वर्कशॉप भी कर रहा है. लोगों से जान रहा है कि उन्हें किन ख़बरों के फ़ेक होने पर शक है. इस कड़ी में हमारी टीम पहुंची मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा शहर में. यहां‘दी लल्लनटॉप’ के रिपोर्टर विनय ने ऐसी ही वर्कशॉप की.
बरखा स्कूल प्रिंसीपल हैं और उन्हें किसी ने मतदान से ज़ुड़ी जानकारी भेजी है.
वर्कशॉप अटेंड कर रहीं बरखा बेदी को एक ख़बर पर शक था. वो एक वायरल मैसेज की सच्चाई जानना चाहती हैं जिसमें दावा किया जा रहा है कि मतदान के लिए फर्ज़ी उंगलियों मार्किट में आ गई हैं. बरखा चाहती हैं कि ‘दी लल्लनटॉप’ इसकी ख़बर की पड़ताल करे और उन तक सच पहुंचाए. पहले पूरा दावा जान लेते हैं. इस दावे को फेसबुक, ट्विटर, वॉट्सऐप समेत हर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में फैलाया जा रहा है.
दावा
मतदान अधिकारियों सावधान! उंगली को अच्छी तरह से खींचकर देखे और याद रखें. नकली उंगलियां आ रही हैं. वोट की चोरी करने का नया तरीका !

फेसबुक पर किए जा रहे दावे.
इसके अलावा ट्विटर पर भी ऐसे दावे किए जा रहे हैं.

ट्विटर पर भी ये दावा किया जा रहा है.
इसके अलावा अलग-अलग कैप्शन के साथ शेयर किया जा रहा है.

इस फेक न्यूज़ को कई लोग शेयर कर रहे हैं.
इस दावे की पड़ताल की
पड़ताल
ये ख़बर पहले भी आ चुकी हैं. पहली बार 2017 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान ये तस्वीर वायरल हुई थी. तब दावे की भाषा कुछ अलग थी.

ट्वीट में 2017 साल देख रहे होंगे आप.
हमने इस फोटो को रिवर्स सर्च किया तो हमें इससे जुड़ी कई फोटोज़ मिलीं. हमारी जांच में कुछ और ही सच्चाई सामने निकल कर आई. इसके अलावा कुछ फैक्ट चैक वेबसाइट्स ने इस ख़बर की जांच की थी. दरअसल, ये फोटो भारत की नहीं है. ये फोटो है जापान में बन रहीं प्रोस्थेटिक फिंगर्स यानी कृत्रिम उंगलियों की.

ABC ने अपनी रिपोर्ट में दिखाया था कि कैसे ये टेक्नोलॉजी याज़ूका की जिंदगी बदल रही है.
साल 2013 में ABC न्यूज़ ने जापान के गैंगस्टर्स पर एक स्टोरी की थी. उसमें बताया था कि कैसे ये प्रोस्थेटिक फिंगर्स, याकूजा(गैंगस्टर्स को यही बोलते हैं) की जिंदगी बदल रहीं हैं. इसके अलावा एक ऐसी ही फोटो 'अकीको फुजीता' नाम के एक वेबपोर्टल पर लगी थी.

यही वो फोटो है जिसका इस्तेमाल फेक न्यूज़ फैलाने के लिए किया जा रहा है. ये आर्टिकल 2013 में पब्लिश किया गया था.
अकीको फुजीता पर ये स्टोरी 16 दिसंबर, 2013 को पोस्ट की थी. इसी फोटो का अफवाहबाजों ने इस्तेमाल किया और झूठे कैप्शन के साथ शेयर कर दिया.

ऐसा दावा भाजपा को निशाने पर रखकर किया जा रहा है. 2017 में ये फोटोज़ ख़ूब शेयर की गईं.
2. ये अफवाह 2017 में उत्तर प्रदेश चुनाव में पहली बार उड़ी थी. सभी पार्टियां एक दूसरे का नाम लिखकर कह रही थीं कि फलां पार्टी नकली उंगलिंया ला रही है ताकि एक व्यक्ति से ज्यादा वोट करवाए और चुनाव जीत सके. 2019 में ये अफवाह फिर सामने आ रही है. लेकिन इस ख़बर में सच्चाई नहीं है. भारत में भी नकली उंगलियां यानी प्रोस्थेटिक फिंगर्स मिल सकती हैं. क्योंकि ये मैडिकल से जुड़ा हुआ उपकरण है. ये लोगों की जीवन को बेहतर बना रहा है. लेकिन उससे चुनाव प्रभावित हो ये बात सीधे हज़म नहीं होती. क्योंकि चुनाव के वक्त वोटर की पहचान सुनिश्चित की जाती है. वोटर लिस्ट में नाम होना ज़रूरी है. पोलिंग बूथ में कैंडिडेट के एजेंट होते हैं जो हर घटना पर नज़र रखते हैं. तो कोई नकली वोटिंग कर जाए, ये लगभग नामुमकिन है.
नतीजा ‘दी लल्लनटॉप’ की पड़ताल में ये वायरल मैसेज झूठ निकला. प्रोस्थेटिक उंगलियां भारत में मिलती हैं. लेकिन इससे चुनाव पर कोई असर पड़े, इसके आसार कम ही हैं. अभी तक कोई ऐसा मामला सामने नहीं आया है. ये चुनाव के दौरान फैलाई जा रही कोरी अफवाह है.
अगर आपको चुनाव से जुड़ी या उसके अलावा भी किसी ख़बर पर शक हो तो हमें लिखें. हमारा पता है PADTAALMAIL@GMAIL.COM