विशाल भारद्वाज को उनकी शेक्सपीयर ट्रायलॉजी ‘मक़बूल’, ‘ओमकारा’ और ‘हैदर’ के लिएजाना जाता है. पर उन्होंने बहुत बाद में शेक्सपीयर के नाटकों को ढंग से जाना. वोमकड़ी फ़िल्म की रिसर्च कर रहे थे. उस दौरान किसी ने शेक्सपीयर पढ़ने की सलाह दी.विशाल ने मैकबेथ को शॉर्ट स्टोरी के फॉर्म में पढ़ा. उन्हें वो बहुत मसालेदार लगा.इससे पहले वो शेक्सपीयर को बोरिंग राइटर समझते थे. प्ले पढ़ने के बाद उन्होंनेजापानी फिल्ममेकर अकीरा कुरोसावा की मैकबेथ पर बनी मूवी 'थ्रोन ऑफ ब्लड' देखी. तबजाकर उन्हें शेक्सपीयर के नाटकों की ताकत का अंदाज़ा हुआ. उसके बाद विशाल ने उनकेप्लेज़ पर तीन-तीन फिल्में बनाईं, और सबकी सब मास्टरपीस. आज इन्हीं में से एक फ़िल्म'ओमकारा' की मेकिंग से जुड़े कुछ किस्से आपसे साझा करेंगे. देखिए वीडियो.