वेब सीरीज़ रिव्यू: द एम्पायर
जिस शो की वजह से सस्ते आईटी ट्रोल्स को ओवरटाइम शिफ्ट में काम करना पड़ा, वो आखिर है कैसा?
Advertisement

क्या इस सीरीज़ ने बाबर का महिमामंडन किया है या उसे क्रूर राक्षस की तरह दिखाया है?
डिज़्नी प्लस हॉटस्टार पर एक सीरीज़ रिलीज़ हुई है. नाम है ‘द एम्पायर’. ये सीरीज़ एलेक्स रदरफोर्ड की लिखी बुक सीरीज़ ‘Empire of the Moghul’ की पहली किताब ‘Empire of the Moghul: Raiders from the North’ पर आधारित है. सीरीज़ की छह किताबों में पूरे मुग़ल साम्राज्य को समेटा गया है. हिंदुस्तान में मुग़ल साम्राज्य की शुरुआत हुई थी बाबर से. इसलिए क्रोनोलॉजी को समझते हुए डिज़्नी प्लस हॉटस्टार की ये सीरीज़ भी बाबर की कहानी बताती है. शो का टीज़र और ट्रेलर देखकर इसे India’s answer to Game of Thrones कहा जा रहा था. लेकिन क्या ये ‘लार्जर दैन लाइफ’ शोज़ की लाइन में जुड़ पाया? यही जानने के लिए मैंने भी ये शो देखा.
# कहानी The Empire की
कहानी साल 1500 के आगे पीछे चलती रहती है. बाबर के बचपन से शुरू होकर उसकी जवानी तक पहुंचती है. उस दौर से परिचित करवाती है जब 14 साल की उम्र में बाबर को तख्त पर बिठा दिया गया था. राजनीति, षडयंत्र से उलझते हुए बाबर उज़्बेकिस्तान का शहर समरकंद जीत लेता है. जिसे उसे जल्द ही खोना भी पड़ता है. मोहम्मद शयबानी के हाथों. शयबानी सिर्फ इतने पर नहीं रुकता. बाबर और उसके खानदान को बख्शने के लिए वो खानज़ादा को मांगता है. जो बाबर की बड़ी बहन है. इसके बाद दोनों में सत्ता और आत्म सम्मान के लिए जंग छिड़ जाती है.
शो का ट्रेलर देखकर लग रहा था कि ये विज़ुअल लेवल पर ग्रांड साबित होगा.
शयबानी निकला ही है बाबर और उसके परिवार का निशान मिटाने के लिए. ऐसे में बाबर का पक्ष हर मायने में उसके आगे कमजोर प्रतीत होता है. बाबर अपने हालात कैसे बदलता है, आंतरिक राजनीति से उभरकर घर के और बाहर के दुश्मनों में फर्क कैसे समझता है, यही शो का प्लॉट है.