The Lallantop
Advertisement

मूवी रिव्यू: द एडम प्रोजेक्ट

ऊपर से साइंस फिक्शन फिल्म लगने वाली ‘द एडम प्रोजेक्ट’ का असली सेलिंग पॉइंट उसका इमोशनल साइड है.

Advertisement
Img The Lallantop
रायन रेनॉल्ड्स और ज़ोए सैलडाना, दो एक्टर्स जो मार्वल सुपरहीरोज़ रह चुके हैं. फोटो - ट्रेलर स्क्रीनशॉट
pic
यमन
11 मार्च 2022 (Updated: 14 मार्च 2022, 10:51 AM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share
रायन रेनॉल्ड्स. ‘डेडपूल’ वाले रायन रेनॉल्ड्स. अपने टंग इन चीक किस्म के ह्यूमर के लिए मशहूर. यही वजह है कि वो तकरीबन हर दूसरी फिल्म में सेम लगने के बावजूद एंटरटेनिंग लगते हैं. उनकी एक नई फिल्म आई है, ‘द एडम प्रोजेक्ट’. नेटफ्लिक्स पर रिलीज़ हुई इस फिल्म में रायन के कैरेक्टर का नाम एडम है. कहानी खुलती है 2050 से. जहां एडम एक स्पेसक्राफ्ट में कहीं भागने की कोशिश कर रहा है. उसे रोकने के लिए कुछ लोग पीछे पड़े हैं. यहां स्क्रीन पर एक लाइन लिखी आती है,
Time Travel exists. You just didn’t know it yet.
यानी टाइम ट्रैवल नाम की चीज़ वाकई में होती है, बस आपको उसके बारे में अब तक पता नहीं. समझ आ जाता है कि एडम की मंज़िल कोई जगह नहीं, बल्कि साल है. साल 2018. जहां उसे पहुंचकर कुछ बदलना है. लेकिन अगर शुरू में अपनी मंज़िल तक पहुंच जाएगा, तो एक घंटे 45 मिनट की पिच्चर कैसे बनेगी. इसलिए गलती से एडम पहुंच जाता है 2022 में. वहां उसे खुद का ही वर्जन मिलता है. 12 साल वाला एडम. जो अपनी मां से सीधे मुंह बात नहीं करता. स्कूल में एक लड़के से बुली होता रहता है. दोनों एडम मिलते हैं, तो क्या होता है. साथ ही एडम का मिशन क्या है, ये सब आप फिल्म देखकर जानिए.
रीसेंटली, मैंने ‘द शॉशैंक रिडेम्पशन’ देखी. क्लाइमैक्स में एक सीन है. जहां जेल में कैद मॉर्गन फ्रीमैन के किरदार रेड से एक ऑफिसर पूछता है कि क्या तुम सुधर चुके हो. उस पर वो जवाब देता है कि उसे बहुत पछतावा है, इसलिए नहीं कि वो जेल में है. लेकिन जब वो पीछे मुड़कर उस बच्चे को देखता है, उस बेवकूफ बच्चे को जिसने वो संगीन जुर्म किया, तो वो बस उससे बात करना चाहता है. उसे समझाना चाहता है. यहां सीनियर एडम छोटे के लिए ये काम करने की कोशिश करता है. समय से पीछे जाकर उसकी बेवकूफ़ियों को पॉइंट आउट करना चाहता है. वो बेवकूफ़ियां, जिनका उसे ज़िंदगी भर पछतावा होगा. फिर चाहे वो सेल्फ डाउट में जीना हो, या अपनी मां से बेवजह नफ़रत करना. एक तरह से वो खुद को हील करने की कोशिश करता है.
Shawshank Redemption
'द शॉशैंक रिडेम्पशन' का वह डायलॉग, जिसकी ऊपर बात हुई है.

इस रीज़न की वजह से फिल्म सिर्फ बच्चों की साइंस फिक्शन फिल्म बनकर नहीं रहना चाहती. जहां एंड में बड़ी फाइट हो, और सब अच्छे लोग बच निकलें. बल्कि ये किरदारों के इमोशन्स में इंवेस्ट करना चाहती है. ऐसे कुछ वॉर्म मोमेंट्स आते भी हैं, पर एक बड़े लेकिन के साथ. मेकर्स को फिल्म खत्म करने की शायद इतनी जल्दी थी कि सब जल्दी-जल्दी भगाया है. कुछ सीन्स को ठहरकर समय देने की ज़रूरत थी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. ऐसे में आप कोई इमोशनल कनेक्ट महसूस भी करना चाहते हैं, तो नहीं कर पाते. फिल्म ने सभी मेजर किरदारों के दिल पर जाकर थपकी मारने की कोशिश भले ही की. जैसे विलेन का ऐसा बनने के पीछे की वजह को उसकी इनसिक्योरिटी, उसका अकेलापन बताया. पर फिल्म यहां बस इस बात को छूकर निकल जाती है, गहराई में उतरने की ज़रूरत महसूस नहीं करती.
फिल्म की लेंथ का असर सिर्फ इसके इमोशनल साइड पर ही नहीं आता. इसका साइंस फिक्शन, टाइम ट्रैवल वाला पार्ट भी अफेक्ट होता है. सब कुछ जल्दी-जल्दी लपेटने के चक्कर में किसी भी बात को पूरी तरह से समझाने की ज़रूरत नहीं समझी. जैसे ऑडियंस अपने आप टू प्लस टू कर ही लेगी. एक सीन है जहां दोनों एडम अपने पिता से मिलने जाते हैं. उसकी नज़र दोनों पर पड़ती है, और वो उन्हें पहचान लेता है. मतलब फुल फैमिली फ़ील.
23
इमोशनल फ्रंट ही फिल्म का सबसे मज़बूत पार्ट बन सकता था, बस समय की कमी पड़ गई.

पिछले कुछ समय से टाइम ट्रैवल के कॉन्सेप्ट को मेनस्ट्रीम सिनेमा ने अपने-अपने ढंग से इतना दिखा दिया कि सबके पास अपनी-अपनी थ्योरीज़ हैं. ‘द एडम प्रोजेक्ट’ ऐसी फिल्मी थ्योरीज़ पर चुटकी लेती है. जैसे एक जगह छोटा एडम मल्टीवर्स जैसे बड़े-बड़े शब्द बड़े वाले की तरफ फेंकता है. तब सामने से जवाब आता है कि हमने कुछ ज्यादा ही फिल्में नहीं देखी. ऐसे रेफ्रेंस फिल्म में मिलते जाएंगे. साथ में एक डैडपूल रेफ्रेंस भी, बस उसे पकड़ने का काम आपका है. ऊपर से साइंस फिक्शन फिल्म लगने वाली ‘द एडम प्रोजेक्ट’ का असली सेलिंग पॉइंट उसका इमोशनल साइड ही है. वीएफएक्स, बड़े एक्शन सीक्वेंस कुछ देर के लिए आपका ध्यान खींच के रख सकते हैं. लेकिन जब तक कहानी और उसके किरदार आपको छूएंगे नहीं, आपको अपने जैसे नहीं लगेंगे, तब तक आप उस कहानी में इंवेस्ट नहीं कर सकते.
यहां किरदार और उनकी खमियां बनावटी नहीं, रियल लगते हैं. लेकिन काश उन्हें थोड़ा और स्पेस दिया जाता. भागम भाग के चक्कर में नुकसान तो हुआ है. बाकी ‘द एडम प्रोजेक्ट’ को आप नेटफ्लिक्स पर देख सकते हैं. हमें कमेंट कर के बताइएगा कि आपको फिल्म में क्या अच्छा लगा और क्या नहीं.

Subscribe

to our Newsletter

NOTE: By entering your email ID, you authorise thelallantop.com to send newsletters to your email.

Advertisement