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सोना मोहापात्रा के नए गाने 'रासरकेली' के पीछे का आइडिया हैरान और सम्मान करने लायक है

आज के दौर में कोई ऐसा म्यूज़िशियन नहीं है, जो किसी गाने को बनाने से पहले इतनी गंभीरता से सोचता और समझता हो.

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सोना मोहापात्रा के नए गाने 'रासरकेली बो' का एक सीन.
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श्वेतांक
13 दिसंबर 2022 (Updated: 13 दिसंबर 2022, 10:07 PM IST) कॉमेंट्स
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Sona Mohapatra का नया गाना आया है. मगर अपने को बेमाने-बेमतलब गाने सुनने की ऐसी लत लग गई है कि उससे उबरने में वक्त लगेगा. ऐसे में हमारे म्यूज़िक डिटॉक्स में मदद करेगा सोना का ये गाना. इसका नाम है- 'रासरकेली बो' (Rasarkeli Bo). ये ओडिसा के संबलपुरी डायलेक्ट का गाना है. इस गाने के पीछे की कहानी गंभीर होते हुए भी बड़ी मज़ेदार है. ये एक पेड़ के लिए गाया जाने वाला प्रेम गीत है. इंसान और प्रकृति के बीच जो बैलेंस है, उसके सम्मान में.

'रासरकेली बो' का म्यूज़िक वीडियो भी काफी सारगर्भित है. ये रावजॉ (Rawjaw) नाम के प्राचीन ओड़िया त्यौहार से प्रेरित है. इसमें उर्वरता का प्रतीक मानी जाने वाली धरती मां की पूजा की जाती है. इसमें स्त्रीत्व यानी फेमिनिटी और दूसरे जीवन को जन्म देने की क्षमता को सेलिब्रेट करते हैं. जिसे जीवन का चमत्कार माना जाता है. इस त्यौहार का नाम संस्कृत शब्द 'रजस्वला' से निकला है. रजस्वला का मतलब होता है मेनस्ट्रूएशन (Menstruation).

ओड़िसा में तीन दिनों तक रावजॉ मनाया जाता है. ऐसा माना जाता है कि इन तीन दिनों में धरती माता को आराम और पोषण की ज़रूरत है. क्योंकि अमूमन धरती पर कुछ न कुछ चलता रहता है. कभी खुदाई, कभी जुताई, कभी बुवाई. इसलिए इन तीन दिनों के लिए ये सारी चीज़ें बंद कर दी जाती हैं. ऐसी मान्यता है कि रावजॉ के तीन दिनों के बाद धरती मां वापस उर्वरक हो जाती हैं. इसके बाद अगर खेती की जाए, तो उस जमीन पर खूब अन्न उपजता है.  

ये त्यौहार महिला होने का भी सेलेब्रेशन है. इस दिन पिठास नाम का खास पकवान बनाया जाता है. महिलाओं को मिठाइयां और नए कपड़े दिए जाते हैं. झूलों को फूलों से सजाया जाता है. नाच-गाने और नाटक का आयोजन होता है. बेसिकली, इस फेस्टिवल का मक़सद माहवारी के इर्द-गिर्द के टैबू को खत्म करना है. उन दो शक्तियों का सम्मान, जिनके पास जीवन का निर्माण करने की क्षमता है. धरती और महिला.

ये जो बैकस्टोरी है, यही 'रासरकेली बो' को खास बनाती है. आज के समय में कितने संगीतकार हैं, जो किसी गाने को बनाने से पहले इतना सोचते हैं? इसलिए जो लोग अपने काम को गंभीरता से लेते हैं, उन्हें सपोर्ट किया जाना चाहिए. उनके बनाए गानों को सुना और समझा जाना चाहिए. बाकी राम संपत के संगीत में लिपटी सोना मोहपात्रा की आवाज़ को कौन नहीं सुनना चाहेगा!

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