The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • Entertainment
  • PM CARES fund is not a public authority under RTI Act says PMO in a RTI reply

जिस PM CARES फंड में लोगों ने भर-भर दान दिया, उसके बारे में बताने से PMO ने मना कर दिया है

RTI में फंड से जुड़े ट्रस्ट के दस्तावेज, इसे बनाने और चलाने को लेकर सरकारी आदेश, नोटिफिकेशन, सर्कुलर की जानकारी मांगी गई थी.

Advertisement
Img The Lallantop
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विटर पर 28 मार्च को इस फंड की घोषणा की थी. इसमें कोरोना वायरस और ऐसी इमरजेंसी आपदाओं को लेकर डोनेशन किया जा सकता है. फोटो: India Today
pic
निशांत
31 मई 2020 (Updated: 31 मई 2020, 06:24 AM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share
कोरोना वायरस और ऐसी आपदाओं से लड़ाई के लिए पिछले दिनों PM CARES फंड शुरू किया गया था. अब प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने इस फंड के बारे में RTI के तहत सूचना देने से इनकार किया है. PMO ने कहा है कि RTI ऐक्ट, 2005 के तहत ये फंड पब्लिक अथॉरिटी नहीं है. श्रीहर्ष कंदुकुरी नाम के शख्स ने 1 अप्रैल, 2020 को RTI आवेदन किया था कि फंड से जुड़े ट्रस्ट के दस्तावेज, इसे बनाने और चलाने को लेकर सरकारी आदेश, नोटिफिकेशन, सर्कुलर के बारे में जानकारी दी जाए. द हिंदू अख़बार की रिपोर्ट के मुताबिक, कंदुकुरी बेंगलुरू में अज़ीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी में लॉ के छात्र हैं. उन्होंने कहा,
जब हमारे पास पहले से ही प्राइम मिनिस्टर नेशनल रिलीफ फंड (PMNRF) है, तो एक और फंड की ज़रूरत मुझे समझ में नहीं आई. मुझे ट्रस्ट के निर्माण और उद्देश्य को लेकर जिज्ञासा हुई. मैं ट्रस्ट से जुड़े दस्तावेज देखना चाहता था.
जब उन्हें 30 दिनों तक कोई जवाब नहीं मिला तो उन्होंने फिर अपील की. 29 मई को PMO की तरफ से जवाब आया. इसमें कहा गया,
PM CARES फंड RTI ऐक्ट, 2005 के सेक्शन 2(h) के तहत पब्लिक अथॉरिटी नहीं है. फिर भी PM CARES फंड से जुड़ी ज़रूरी जानकारी उसकी वेबसाइट pmcares.gov.in पर देखी जा सकती है.
आवेदन करने वाले कंदुकुरी का कहना है कि वो फिर आवेदन करेंगे. उन्होंने कहा,
नाम, ट्रस्ट की संरचना, कंट्रोल, राष्ट्रीय प्रतीक का इस्तेमाल, सरकारी डोमेन का इस्तेमाल, हर चीज बताती है कि ये एक पब्लिक प्रॉपर्टी है. प्रधानमंत्री ट्रस्ट के चेयरमैन हैं और तीन कैबिनेट मंत्री इसके सदस्य हैं. ट्रस्ट की बनावट से लगता है कि सरकार का इस पर काफी कंट्रोल है, जिससे ये पब्लिक प्रॉपर्टी हो जाती है.
PMNRF पर भी स्थिति साफ नहीं  इससे पहले PM CARES को लेकर एक ऐक्टिविस्ट विक्रांत तोंगड़ का RTI आवेदन अप्रैल महीने में PMO की तरफ से ख़ारिज किया गया था. ये बात भी बहुत स्पष्ट नहीं है कि दूसरा फंड यानी प्रधानमंत्री नेशनल रिलीफ फंड (PMNRF) RTI ऐक्ट के तहत आता है या नहीं. 2008 में सेंट्रल इन्फॉर्मेशन कमिशन (CIC) ने फंड की सूचना सार्वजनिक करने को कहा था. लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट की एक बेंच ने अलग-अलग मत दिए थे कि PMNRF ऐक्ट के तहत पब्लिक अथॉरिटी है या नहीं. फंड से 3,100 करोड़ रुपए का आवंटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 मार्च को PM CARES फंड की घोषणा ट्विटर पर की थी. कोरोना वायरस और ऐसी इमरजेंसी वाली आपदाओं के लिए इसमें डोनेशन दिया जा सकता है. PM CARES का फुलफॉर्म The Prime Minister’s Citizen Assistance and Relief in Emergency Situations है. इसके फंड के इस्तेमाल को लेकर विपक्ष ने कई सवाल उठाए थे. पिछले दिनों 13 मई को PMO की तरफ से COVID-19 को लेकर फंड से 3,100 करोड़ रुपए के आवंटन का ऐलान किया गया था. प्रधानमंत्री फंड के ट्रस्ट के चेयरमैन हैं. रक्षा, वित्त और गृहमंत्री भी इसके सदस्य हैं. इसके अलावा प्रधानंत्री तीन प्रतिष्ठित लोगों को बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज के लिए नॉमिनेट कर सकते हैं.
COVID-19 से लड़ने के लिए बनाए गए PM Cares Fund के हिसाब-किताब की जांच होगी

Advertisement