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इंडिया से जुड़ी डॉक्यूमेंट्री को हराकर इस यूक्रेनी फिल्ममेकर ने ऐसी स्पीच दी कि पूरी दुनिया गदगद हो गई

Oscars 2024 में 20 Days in Mariupol के लिए बेस्ट डॉक्यूमेंट्री का अवॉर्ड जीतने के बाद Mstyslav Chernov ने कहा, "काश मुझे ये फिल्म नहीं बनानी पड़ती."

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'20 डेज़ इन मारीयुपोल' का एक सीन. दूसरी तरफ ऑस्कर्स के स्टेज पर एक्सेप्टेंस स्पीच देते चर्नोव.
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11 मार्च 2024 (Updated: 11 मार्च 2024, 20:03 IST)
Updated: 11 मार्च 2024 20:03 IST
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10 मार्च की रात 96th Oscar Award सेरेमनी का आयोजन हुआ.  Oppenheimer और Poor Things ने सबसे ज़्यादा अवॉर्ड्स जीते. कई अपसेट्स और स्नब्स देखने को मिले. मगर कुछ बड़ा उलटफेर नहीं हुआ. न ऐसी कोई घटना हुई, जिसके लिए इस साल के ऑस्कर्स को याद रखा जा सके. कुल मिलाकर इस साल का ऑस्कर ठंडा रहा. मगर इस इवेंट से एक यादगार चीज़ निकलकर आई. वो है यूक्रेनियन फिल्ममेकर Mstyslav Chernov की स्पीच. 20 Days in Mariupol नाम की डॉक्यूमेंट्री बनाने वाले चर्नोव की स्पीच खूब वाहवाही बटोर रही है. चर्नोव के लिए ये अवॉर्ड इसलिए भी खास है क्योंकि ये यूक्रेन के इतिहास का पहला ऑस्कर अवॉर्ड है.

'20 डेज़ इन मारीयुपोल' को बेस्ट डॉक्यूमेंट्री फीचर कैटेगरी में नॉमिनेशन मिला था. इसी कैटेगरी में निशा पाहुजा की डॉक्यूमेंट्री 'टु किल अ टाइगर' भी नामित थी. प्रियंका चोपड़ा, देव पटेल और मिंडी कैलिंग इस डॉक्यूमेंट्री की एग्ज़ीक्यूटिव प्रोड्यूसर हैं. इसे बनाया भारतीय लोगों ने है. मगर इसे ऑस्कर में कैनडा की तरफ से भेजा गया. इसलिए इंडिया का इससे कुछ लेना-देना नहीं था. '20 डेज़ इन मारिउपोल' ने 'टु किल अ टाइगर' को हराकर बेस्ट डॉक्यूमेंट्री का ऑस्कर अपने नाम किया.  

'20 डेज़ इन मारीयुपोल' उन 20 दिनों को डॉक्यूमेंट करती है, जब रूस ने यूक्रेन के मारीयुपोल शहर पर भयंकर बमबारी की थी. इस डॉक्यूमेंट्री में दिखाया गया कि उस बमबारी के बीच वहां के लोग कैसे ज़िंदा रहने के लिए जद्दोजहद कर रहे थे. चर्नोव ने '20 डेज़ इन मारीयुपोल' के लिए ऑस्कर जीतने के बाद पावरफुल स्पीच दी. अवॉर्ड एक्सेप्ट करने के बाद चर्नोव ने कहा-  

"ये यूक्रेन के इतिहास का पहला ऑस्कर है. मैं इसके लिए आभारी हूं. ये मेरे लिए बेहद सम्मान की बात है. मगर मैं शायद इस मंच पर आने वाला पहला डायरेक्टर होऊंगा, जो ये कहेगा कि काश मैं ये फिल्म नहीं बनाता. काश मैं इस अवॉर्ड के बदले ये सुनिश्चित कर पाता कि रशिया यूक्रेन पर हमले करना बंद कर दे. यूक्रेन के शहरों पर कब्ज़ा करना छोड़ दे. हमारे हज़ारों यूक्रेनियन साथियों की हत्याएं करना बंद कर दे. उन सभी लोगों को अपनी जेल से रिहा कर दें, जो हमारी ज़मीन की सुरक्षा करने वाले सैनिक या आम लोग हैं. मगर मैं इतिहास को नहीं बदल सकता. मैं अतीत में जो हुआ उसे नहीं बदल सकता. मगर हम सभी, मैं, आप और दुनिया के कुछ सबसे काबिल लोग मिलकर ये सुनिश्चित कर सकते हैं कि इतिहास को सुधारा जाए. सच्चाई की जीत हो. ताकि मारीयुपोल में जो लोग मारे गए और जिन्होंने अपनी जानें दी हैं, वो कभी भूले न जाएं. क्योंकि सिनेमा स्मृतियों को आकार देता है. और स्मृतियों से इतिहास बनता है. आप सबका शुक्रिया."

'20 डेज़ इन मारीयुपोल' के अलावा इस कैटेगरी में 'बॉबी वाइन- द पीपल्स प्रेज़िडेंट', 'फोर डॉटर्स', 'टु किल अ टाइगर' और 'दी एटर्नल मेमरी' जैसी डॉक्यूमेंट्रीज़ भी नॉमिनेटेड थीं. इस साल ऑस्कर्स में सबसे ज़्यादा 7 अवॉर्ड्स 'ओपनहाइमर' ने जीते. इसमें बेस्ट एक्टर, बेस्ट पिक्चर, बेस्ट डायरेक्टर और बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर्स के अवॉर्ड शामिल हैं. दूसरे नंबर पर रही यॉर्गिस लैंथिमॉस की 'पूअर थिंग्स', जिसने 4 अवॉर्ड्स अपने नाम किए. 

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