वेब सीरीज़ रिव्यू: मिथ्या
भाग्यश्री की बेटी अवंतिका का डेब्यू कितना दमदार साबित हुआ?
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'मिथ्या' अपने क्लाइमैक्स को जल्दी रैप करने के चक्कर में बिखर जाती है.
ज़ी5 पर एक सीरीज़ रिलीज़ हुई है, ‘मिथ्या’. ये 2019 में आई इंटरनेशनल सीरीज़ ‘चीट’ की ऑफिशियल अडप्टेशन है. ‘मिथ्या’ को डायरेक्ट किया है रोहन सिप्पी ने. ‘बुलबुल’ की राइटर-डायरेक्टर अन्विता दत्त ने एलथिया कौशल के साथ मिलकर शो को लिखा है. साथ ही पूर्वा नरेश ने ‘मिथ्या’ के डायलॉग्स लिखे हैं. हुमा कुरेशी, परमब्रत चैटर्जी, रजीत कपूर, इंद्रनील सेनगुप्ता और समीर सोनी जैसे एक्टर्स कास्ट का हिस्सा हैं. साथ ही भाग्यश्री की बेटी अवंतिका दसानी ने भी ‘मिथ्या’ से अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत की है. इसे अप्लॉज़ एंटरटेनमेंट ने प्रोड्यूस किया है. ये शो कैसा है, आज के रिव्यू में आपको यही बताएंगे. तमाम पहलुओं पर बात करेंगे, वो भी सिर्फ पांच पॉइंट्स में.#1. जूही एक हिंदी साहित्य की टीचर है. पिता जाने-माने अंग्रेज़ी भाषा के लेखक हैं. उनकी छाया से दूर रहकर अपनी पहचान बनाने के लिए उसने हिंदी चुनी. जूही हमेशा असमंजस में रहती है. करना कुछ और चाहती है लेकिन कर कुछ और रही होती है. शो के शुरुआत में भी हमें इसका एग्ज़ाम्पल देखने को मिलता है. अपनी शादी की अंगूठी को निकालती-पहनती रहती है. अपनी सेक्शुअल इच्छाओं को दबाने की कोशिश करती है. जब भी खुद को घबराहट में पाती है, तब एंग्ज़ाइटी की दवा लेती है. जिसके लिए उसका पति उसे मना भी करता है. जूही कहानी का पहला पहलू है. दूसरा है उसकी एक स्टूडेंट, रिया राजगुरु. रिया एक इंफ्लूएंशियल परिवार से आती है.
एक दिन जूही पाती है कि रिया ने अपना असाइनमेंट चीट कर के लिखा है. रिया के विचार इस पर विपरीत होते हैं. यहीं से रिया अपनी टीचर से खीज खाने लगती है. इसी बीच एक मर्डर हो जाता है, जिसका कनेक्शन जूही और रिया दोनों से है. आगे उसके तार कहां जाकर खुलते हैं, यही शो का प्लॉट है. शो शुरू करने के बाद धीरे-धीरे आप पाते हैं कि ‘मिथ्या’ यानी झूठ यहां एक किरदार की तरह मौजूद है. झूठ सिर्फ असाइनमेंट तक नहीं रहता. यहां रिश्ते झूठ पर टिके हैं. कोई दूसरों से झूठ बोल रहा है तो कोई खुद से.

शो से एक स्टिल में परमब्रत चैटर्जी और हुमा कुरेशी.
#2. ‘मिथ्या’ की कहानी जूही और रिया को स्पॉटलाइट में रखकर ही चलती है. लेकिन इनकी दुनिया में शामिल किरदारों को भी राइटिंग ने जगह दी है. जैसे मेरा शो की राइटिंग को लेकर एक आब्ज़र्वेशन था. जूही जब अपनी स्टूडेंट रिया से परेशान होती है, तब अपनी एक कलीग और दोस्त से उस बारे में बात करती है. लेकिन एक पॉइंट पर उसका और उसके पति का रिलेशनशिप पटरी से उतरने लगता है. शो में जब भी ऐसे मोमेंट्स आते हैं, तब वो अपने मां-बाप के घर पहुंचती है. उनसे ये पूछने के लिए नहीं कि अब क्या करूं, बल्कि शायद उनके परफेक्ट रिलेशनशिप को देखने के लिए. जूही के माता-पिता की अंडरस्टैंडिंग ऐसी होती है कि एक बात शुरू करे, तो दूसरा उसे खत्म करता है. वो भी सटल तरीके से.
जैसे एक जगह पिता कहते हैं,
कुछ पैदाइशी महान होते हैं, कुछ महान बनते हैं.
तभी उसकी मां कम्प्लीट करती है, और कुछ पर महानता थोपी जाती है. ऐसा कुछ और पॉइंट्स पर देखने को मिलता है. मर्डर मिस्ट्री की आड़ में शो जूही और रिया के कैरेक्टर्स को स्टडी करना चाहता था, कि कैसे वो अलग होते हुए भी एक जैसी हैं. लेकिन यहीं पर मामला थोड़ा गड़बड़ा जाता है. जूही और रिया, दोनों को एक किस्म के ट्रेट देकर छोड़ दिया गया. उनमें विविधता नहीं दिखती. जूही के बारे में आप इतना नहीं जान पाते कि उससे हमदर्दी रख पाएं.
रही बात मर्डर मिस्ट्री के कारण की, तो उसे भी एंड में जल्दी-जल्दी में रैप अप कर दिया गया. सारे डॉट्स अचानक से जुड़ जाते हैं, और पुलिस के लिए आरोपी चुटकियों में बदल जाते हैं. ये चीज़ खटकती है, ऐसा लगता है कि आपको चीट किया गया है. शायद मेकर्स ने शो की थीम को कुछ ज़्यादा ही लिटरली ले लिया.

डेब्यू परफॉरमेंस के हिसाब से अवंतिका की परफॉरमेंस डिलीवर कर देती हैं. फोटो - यूट्यूब ट्रेलर
#3. शो की एडिटिंग पर बात करनी ज़रूरी है, जिसे टाइट रखा गया है. ऑडियंस का टाइम बचाने की कोशिश हुई है. ऐसा मल्टीपल मौकों पर आए जम्प कट्स की वजह से भी लगता है. जैसे कोई किरदार दूर से चलता हुआ आ रहा है, तो उसकी पूरी वॉक दिखाने की ज़रूरत नहीं. वो दूर से आ रहा है, फिर कट आया और वो अब कैमरे के पास नज़र आता है. कुछ और मौकों पर अगले सीन का विज़ुअल आने से पहले ही उसका साउंड आने लगता है. इससे अगला सीन भी सेट अप हो जाता है और साथ में कहानी का टाइम भी बचता है.
एडिटिंग में सिर्फ प्रो ही नहीं थे, कुछ कॉन भी थे. जिन्हें जानबूझकर रखा गया या गलती से, ये मेकर्स ही बता सकते हैं. जैसे कुछ सीन्स में सस्पेंस क्रिएट करने के चक्कर में धड़म वाला म्यूज़िक लाउड हो जाता है, जिससे किरदारों के डायलॉग दबने लगते हैं.
#4. अब बात एक्टर्स और उनकी एक्टिंग की. जूही बनी हुमा कुरेशी का ये बेस्ट काम नहीं है, फिर भी यहां वो कंट्रोल में दिखती हैं. अपनी एंग्ज़ाइटी के इर्द-गिर्द तमाशा नहीं बनने देतीं. वहीं, रिया के रोल में अवंतिका का डेब्यू निराश नहीं करता. उनसे आगे के लिए उम्मीद रखी जा सकती है. रिया एक मैनिप्युलेटिव किस्म की लड़की होती है, जिसके लिए दूसरों को इंटीमिडेट करना मुश्किल नहीं. अवंतिका स्क्रिप्ट के हिसाब से डिलीवर कर देती हैं. वो बात अलग है कि उनके कैरेक्टर में ज़्यादा शेड्स देखने को नहीं मिलते.
#5. ‘मिथ्या’ एक परफेक्ट अडप्टेशन नहीं है. साथ ही ये उन शोज़ की लाइन में जाकर खड़ा हो जाता है, जो अपना क्लाइमैक्स नहीं संभाल पाते. बाकी कुछ पहलुओं के लिए देखा जा सकता है. फिर बता दें कि ‘मिथ्या’ को आप ज़ी5 पर स्ट्रीम कर सकते हैं.