'किल' ट्रेलर: करण जौहर ने इस देश की सबसे ज़्यादा खून-खराबे वाली पिच्चर बना दी है
Kill के लिए विदेशी पब्लिकेशन्स ने लिखा था कि ये आगे जाकर कल्ट क्लासिक फिल्म बनने वाली है. फिल्म ने कुछ ऐसा किया है, जो अभी तक इंडियन सिनेमा में अटेम्प्ट नहीं हुआ.

वैराइटी ने लिखा, ‘इंडिया ने आज तक इतनी क्रूर फिल्म नहीं बनाई’. कॉमिक्स गेमिंग मैगज़ीन ने अपने रिव्यू में लिखा, ‘ये इस साल की सबसे बेस्ट एक्शन फिल्मों में से एक है’. कोलाइडर ने भविष्यवाणी कर डाली कि ये फिल्म आगे चलकर कल्ट क्लासिक बनने वाली है. ये सब बीते साल छपा. टोरंटो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल चल रहा है. 07 सितंबर को ‘मिडनाइट मैडनेस’ नाम की श्रेणी में एक इंडियन फिल्म स्क्रीन होती है. इसे करण जौहर की धर्मा और गुनीत मोंगा की कंपनी सिख्या ने मिलकर प्रोड्यूस किया है. नाम है Kill. फिल्म स्क्रीन हुई. खत्म होने के बाद लोग समझ नहीं पा रहे थे कि उन्होंने क्या देख लिया. क्या ये फिल्म वाकई इंडिया से आई थी. तमाम बड़ी विदेशी पब्लिकेशन्स ने अपने रिव्यूज़ में झोलाभर के तारीफ की. अब ये फिल्म फाइनली इंडिया में रिलीज़ होने जा रही है.
12 जून की शाम ‘किल’ का ट्रेलर आया. कहानी के हीरो लक्ष्य ललवानी हैं. उनके सामने विलन बने हैं राघव जुयाल. राघव पहली बार इस किस्म के रोल में दिखे हैं. कहानी सिम्पल है. लक्ष्य ने अमृत नाम का रोल किया. ये बंदा इंडियन आर्मी का कमांडो है. खतरनाक किस्म का. उसकी मंगेतर को एक ट्रेन में किडनैप कर लिया जाता है. राघव के किरदार बेनी के गुंडे ऐसा करते हैं. आगे अमृत मार-काट मचाता है. ऐसा एक्शन करता है कि आप सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि यार, ये फिल्म सिनेमाघरों में कैसे रिलीज़ होगी. आंख में खंजर घुसाया जा रहा है. लात मारकर गर्दन की हड्डी बाहर निकाल दी. सिर में आग लगा दी. एक शख्स को मारकर ऐसे लटकाया कि राघव का किरदार कहता है, ‘ऐसे कौन मारता है बे? तुम रक्षक नहीं, राक्षस हो’.
‘किल’ ने कुछ ऐसा अटेम्प्ट किया है जिससे भारतीय सिनेमा अब तक दूरी ही बनाता रहा है. वो है बिना रोक-टोक वाला वीभत्स वॉयलेंस. लंबे समय तक हमारे सिनेमा के लिए शारीरिक हिंसा मज़ाक का सबब बनी रही. डिशुम-डिशुम के आवाज़ वाले मुक्कों के साथ हीरो हीरोइन को बचा लेता था. सिनेमा की बनी-बनाई लहर में अपने फ्लेवर की करछी चलाने वाले अनुराग कश्यप ने बिना झिझक के वॉयलेंस दिखाने की कोशिश की. मगर वो खुद मानते हैं कि ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर 2’ का क्लाइमैक्स यादगार तो नहीं. खून-खराबा और रामधीर सिंह के शरीर के उड़ते चिथड़ों से समझ आ रहा था कि मेकर्स जो चाहते थे, वो नहीं हो पाया. बीते कुछ समय में लोकेश कनगराज ने वॉयलेंस को अनकंवेंशनल तरीके से दिखाने की कोशिश की. ‘लियो’ के डाइनर वाले सीन में विजय ने हड्डियां-जबड़े सब तोड़े. बाकी संदीप रेड्डी वांगा की ‘एनिमल’ ने इंडियन सिनेमा में हिंसा के बार को ऊपर उठाने की हल्की कोशिश की. गले कट रहे थे. कुल्हाड़ी-गंड़ासी चल रही थी. कार्पेट का रंग खून से लाल हुआ जा रहा था. इन सब रेफ्रेंस के बाद भी ‘किल’ ने जो किया, वो अब तक अपने यहां ट्राय नहीं हुआ है.
‘किल’ को निखिल नागेश भट्ट ने लिखा और डायरेक्ट किया है. ये 05 जुलाई को सिनेमाघरों में रिलीज़ होने वाली है. फिल्म में लक्ष्य ललवानी और राघव जुयाल के साथ तान्या मानिकतला, आशीष विद्यार्थी और अभिषेक चौहान भी नज़र आएंगे.
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