The Lallantop
Advertisement

'कश्मीर फाइल्स' की बुराई करने वाले इजराइली जज को उसी के देश के राजदूत ने सुना डाला

इजराइली राजदूत ने फिल्म मेकर नदाव लैपिड को सलाह दी कि अपनी कुंठा को दूसरे देशों में जाहिर करने की जरूरत नहीं है.

Advertisement
Kashmir files navad lapid
भारत में इजराइल के राजदूत नाओर जिलोन और इजराइली फिल्म मेकर नवाद लैपिड (फोटो- ट्विटर)
29 नवंबर 2022 (Updated: 29 नवंबर 2022, 12:50 IST)
Updated: 29 नवंबर 2022 12:50 IST
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' (The Kashmir Files) को लेकर इजराइली फिल्म मेकर नदाव लैपिड (Nadav Lapid) के बयान ने नया विवाद खड़ा कर दिया है. गोवा में इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (IFFI) के समापन पर लैपिड ने कश्मीर फाइल्स को एक 'प्रोपेगैंडा' और 'अश्लील' फिल्म बताया. वो फिल्म फेस्टिवल की जूरी के हेड थे. उनके बयान के बाद इजराइल ने भी नदाव लैपिड की आलोचना की है. भारत में इजराइल के राजदूत नाओर जिलोन ने कहा कि लैपिड को अपने बयान पर शर्मिंदा होना चाहिए. उन्होंने भारत से माफी भी मांगी है. 

इजराइली राजदूत ने एक ट्विटर थ्रेड में कहा,

"भारतीय संस्कृति में मेहमान को भगवान की तरह देखा जाता है, इसके बावजूद लैपिड ने उसका अपमान किया. एक होलोकॉस्ट (यहूदी नरसंहार) सर्वाइवर का बेटा होने के नाते भारत में आपके बयान को लेकर आई प्रतिक्रिया से मुझे दुख हुआ." 

राजदूत ने कहा कि ऐसे बयानों की वे सीधे तौर पर निंदा करते हैं, इसकी कोई सफाई नहीं है. राजदूत ने इसे एक खुला पत्र बताया है. नाओर जिलोन ने लिखा, 

“आपने IFFI में जजों के पैनल के अध्यक्ष के रूप में भारतीय आमंत्रण का और साथ ही उनके भरोसे और सम्मान का भी बुरी तरीके से अपमान किया है. हमारे भारतीय दोस्तों ने फौदा (टीवी सीरीज) के क्रिएटर्स को यहां बुलाया और प्यार दिया.”

'अपने शब्दों का इस्तेमाल इजराइल में करें'

राजदूत नाओर जिलोन ने कहा कि दोनों देशों के बीच समानताएं हैं क्योंकि वे एक तरह के दुश्मन से लड़ रहे हैं जो पड़ोस में हैं. इजराइली प्रतिनिधि ने कहा कि उनके देश के लोगों को भारत को लेकर विनम्र होना चाहिए क्योंकि वहां फिल्म की महान संस्कृति है और वे इजराइली कॉन्टेंट (फौदा और दूसरी) भी देख रहे हैं. उन्होंने आगे लिखा, 

"मैं कोई फिल्म एक्सपर्ट नहीं हूं. लेकिन यह जरूर जानता हूं कि ऐतिहासिक घटनाओं पर बिना गहराई से पढ़े बिना बोलना असंवेदनशील है. यह भारत के लिए एक जख्म है क्योंकि आज भी कई लोग इसे भुगत रहे हैं."

इजराइली राजदूत ने फिल्म मेकर नदाव लैपिड को सलाह दी कि वो अपनी बोलने की आजादी का इस्तेमाल इजराइल के मसलों में आलोचना के लिए करें, अपनी कुंठा को दूसरे देशों में जाहिर करने की जरूरत नहीं है. उन्होंने लैपिड से आगे कहा कि इजराइल जाने के बाद सोचिएगा कि क्या बयान दिया है. 

उन्होंने आखिर में लिखा, 

"इजराइल के प्रतिनिधि के रूप में हमें यहीं रहना है. आपकी 'बहादुरी' के बाद आपको (लैपिड) हमारे मैसेज इनबॉक्स देखने चाहिए कि मेरे तहत काम कर रही टीम पर इसका क्या प्रभाव पड़ सकता है. इजराइल और भारत के लोगों के बीच संबंध काफी मजबूत हैं और आपके द्वारा किए गए इस नुकसान का उस पर कोई असर नहीं होगा. एक इंसान के रूप में मैं शर्मिंदा महसूस कर रहा हूं और इस बुरे व्यवहार के लिए अपने मेजबान से माफी मांगना चाहता हूं."

अनुराग ठाकुर भी कार्यक्रम में मौजूद थे

भारत में इजराइल के पूर्व राजदूत डैनिएल कैरमॉन ने भी लैपिड को माफी मांगने के लिए कहा है. डैनिएल ने कहा कि लैपिड ने बिना ऐतिहासिक तथ्यों को जाने, बिना संवेदनशीलता और बिना जाने कि वे क्या बोले रहे हैं, ये निजी टिप्पणी की. इसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए.

गोवा में इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया के समापन समारोह के दौरान केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर भी मौजूद थे. उन्होंने इस विवाद पर अब तक कोई टिप्पणी नहीं की है. हालांकि उन्होंने इजराइली राजदूत के इन ट्वीट्स को रीट्वीट किया है. वहीं मंत्रालय के टॉप अधिकारी ने इंडिया टुडे को बताया कि इजराइली राजदूत ने इस पर पहले ही बयान दे दिया है, वे इसमें कुछ और नहीं जोड़ना चाहते हैं.

‘द कश्मीर फाइल्स’ रिलीज के बाद भी काफी विवादों में रहा था. फिल्म में कश्मीर घाटी में 1990 के दशक में कश्मीरी पंडितों की हत्या और उनके पलायन की कहानी है. फिल्म के डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री हैं. 

वीडियो: फारूक अब्दुल्ला ने कहा, ‘कश्मीर फाइल्स बैन करो’, विवेक अग्निहोत्री ने फिल्म का डिलिटेड सीन शेयर किया

thumbnail

Advertisement

election-iconचुनाव यात्रा
और देखे

Advertisement

Advertisement

Advertisement