'ओपनहाइमर' के सेक्स सीन विवाद पर बोले किलियन मर्फी: वो फिल्म का ज़रूरी हिस्सा है
'ओपनहाइमर' में सेक्स के दौरान गीता पढ़े जाने वाले सीन पर विवाद हुआ था.

'ओपनहाइमर' 21 जुलाई को रिलीज हुई थी. फिल्म भारत में बढ़िया बिजनेस भी कर रही है. लेकिन इसके एक सेक्स सीन में भगवद गीता के ज़िक्र पर बवाल भी मचा. इस पर आम जनता के साथ-साथ सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी आपत्ति जताई थी. इस पर क्रिस्टोफर नोलन पहले ही बोल चुके हैं. अब ओपनहाइमर का किरदार निभाने वाले किलियन मर्फी का भी इस पर बयान आया है. उन्होंने कहा है कि ये सीन फिल्म में ज़रूरी था.
जब किलियन से कंट्रोवर्शियल सेक्स सीन में भगवद गीता का श्लोक पढ़े जाने के आसपास हो रही चर्चा के बारे में पूछा गया, उनका कहना था कि फिल्म में जिस जगह भी सेक्स सीन है और उसे जिस तरह से दिखाया गया है, उसकी बिलकुल ज़रुरत थी. वो एक महत्वपूर्ण सीन है. उनका स्टेटमेंट था,
मुझे लगता है कि वो (विवादित सीन) इस फिल्म में महत्वपूर्ण था. क्योंकि जीन के साथ उनका रिश्ता फिल्म के सबसे ज़रूरी भावनात्मक हिस्सों में से एक है.
उन्होंने सेक्स सीन और उसके दौरान गीता का श्लोक पढ़े जाने पर आगे की बातचीत में कहा,
अगर वो सीन्स कहानी के लिए सही हैं, तो सार्थक भी हैं. मुझे नहीं लगता कि किसी को वो करना पसंद है, ये हमारे काम का सबसे अजीब हिस्सा है. पर आपको उनके साथ ही आगे बढ़ना पड़ता है.
इससे पहले 'ओपनहाइमर' के डायरेक्टर क्रिस्टोफर नोलन भी इस पूरे विवाद और उस सीन पर बात कर चुके हैं. उन्होंने इनसाइडर से बात करते हुए बताया,
जब आप ओपनहाइमर की जिंदगी देखते हैं, तो उनकी कहानी, उनके सेक्सुअलिटी के पहलू, महिलाओं के साथ उनके सम्बन्ध, उनका चार्म, ये सब उनके जीवन का अहम हिस्सा हैं.
फिल्म में किलियन मर्फी ने फिजीसिस्ट रॉबर्ट जे. ओपनहाइमर का किरदार निभाया है. वहीं फ्लॉरेंस प्यू बनी हैं जीन टैटलॉक. जिस सीन पर आपत्ति जताई गई उसमें जीन, ओपनहाइमर से इंटिमेट होते समय उसकी किताबों की अलमारी की तरफ जाती है. वो देखती है कि वहां बहुत सी किताबें है. उनकी नज़र संस्कृत की एक किताब पर रुक जाती है. वो ओपनहाइमर से पूछती है, "ये क्या है?" इस पर वो बताता है कि ये संस्कृत की एक किताब है. जीन उन्हें किताब का एक श्लोक पढ़ने के लिए कहती है. ओपनहाइमर पढ़ता है,
I am become death, the destroyer of worlds
इस मसले पर बीआर चोपड़ा की 'महाभारत' में कृष्ण बने नितीश कुमार भी बोल चुके हैं. उन्होंने कहा था,
जब ओपनहाइमर ने एटम बॉम्ब बनाया और उससे जापान की बहुत बड़ी आबादी को खत्म कर दिया गया, तब वो अपने आप से सवाल कर रहा था कि क्या उसने अपने धर्म का पालन सही से किया. उनके फेमस इंटरव्यू ने उन्हें रोते हुए दिखाया गया है, जो ये दर्शाता है कि उन्हें अपनी रचना पर दुख था. उन्हें लगा कि उनकी रचना से भविष्य में मानव खत्म हो जाएंगे. इस कारण वो मलाल से भरे हुए थे. फिल्म में इस श्लोक को ओपनहाइमर के इमोशनल स्टेट ऑफ माइंड के नज़रिए से देखा जाना चाहिए. एक वैज्ञानिक हमेशा अपनी रचना के बारे में सोचता रहता है, चाहे वो कुछ भी कर रहा हो. उनका दिमाग अपनी रचना से भरा हुआ है. शारीरिक क्रिया सिर्फ मैकेनिकल है. मैं लोगों से अपील करता हूं कि वो ओपनहाइमर के भावनात्मक पहलुओं को समझें.
खैर, आपने 'ओपनहाइमर' देखी. कैसी लगी? कमेंट बॉक्स में हमें बताइए.
वीडियो: ओपनहाइमर के किलियन मर्फी और फलोरेंस पग वाले सेक्स सीन के दौरान भगवद गीता का ज़िक्र आता है