क्या होली के रंगों से कोरोना वायरस हो सकता है?
चीन से इम्पोर्ट किए गए रंग आप ख़रीदेंगे क्या?
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चीन से इम्पोर्ट होने वाले रंगों की बिक्री में कोरोनावायरस की वजह से गिरावट आई है?
‘होली में इस्तेमाल की जाने वाली ज्यादातर चीज़ें चीन में बनती हैं. जैसे रंग, पिचकारी. ये प्लास्टिक और पॉलीमर से बनते हैं. चीन में एक जगह है हुनाई. वहां. हुनाई कोरोना वायरस का गढ़ है. इसलिए वहां बनने वाली चीज़ों के इस्तेमाल से कोरोना वायरस हो सकता है. इसलिए चीन में बनने वाली इन चीज़ों को इस्तेमाल इस होली न करें.’ये है एक वायरल पोस्ट. फेसबुक. वॉट्सऐप. हर जगह फॉरवर्ड किया जा रहा है.
तो क्या वाकई चीन में बनने वाले रंगों से कोरोना वायरस हो सकता है?
ये जानने के लिए हमने बात की डॉक्टर इंदर किशोर से. वो सफदरजंग अस्पताल, दिल्ली, में सीनियर फ़िज़ीशियन हैं. उन्होंने बताया-
‘नहीं. इसमें कोई सच्चाई नहीं है. नॉन-लिविंग यानी जो चीज़ें जीवित नहीं हैं उनसे कोरोनावायरस नहीं हो सकता. क्योंकि उनसे संक्रमण नहीं फैलता. कोई भी वायरस हो, वो इंसानों और जानवरों से फैलता है. वो जीवित हैं. उनके कांटैक्ट में आने से आप तक वायरस पहुंचता है. अब अगर किसी को कोरोना वायरस है. और वो आपके आसपास छींकें या खांसे या उसका झूठा आप खाएं तो आपको भी कोरोना वायरस होने का चांस है. इसलिए इस वायरस से ग्रसित लोगों के आसपास मुंह ढककर रहना ज़रूरी है. रंगों से संक्रमण नहीं फैलता.’ऐसा सिर्फ़ डॉक्टर इंदर किशोर नहीं, वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) का भी कहना है.

क्या बताया WHO ने
न्यूज़ एजेंसी AFP में छपी ख़बर के मुताबिक, ये दावा झूठा है. सुप्रिया बेज़बारुआ WHO की एक प्रतिनिधी हैं. उन्होंने बताया:
‘रिसर्च के मुताबिक, वायरस चीज़ों की सतह पर ज़्यादा देर नहीं रह पाता. इसलिए इन चीज़ों के इस्तेमाल से कोरोना वायरस नहीं होता. ये दावा ग़लत है कि चीन में बनने वाले रंग और खिलौनो से कोरोना वायरस हो जाएगा.’साथ ही WHO ने अपनी वेबसाइट पर भी एक नोटिस लगाया है. उसके मुताबिक चीन से आने वाला सामान सेफ़ है. उनके इस्तेमाल से कोरोनावायरस नहीं होगा.

लो अब तो यूएन ने भी बोल दिया कि टेंशन लेने का नहीं.
होली पर रंग, पिचकारी और खिलौने बेचने वाले क्या कह रहे हैं
हमने बात की रोहित गर्ग से. वो महेंदर होली कलर एंड पिचकारी शॉप चलाते हैं. गज़ियाबाद में. उन्होंने बताया-
‘हां, ये अफ़वाह ज़रूर फैलाई गई है. पर ये सच नहीं है. चीन में बने रंग, पिचकारी या खिलौनों के इस्तेमाल से कोरोना वायरस नहीं होता. चीन से होली के लिए जो भी सामान आता है उसकी बुकिंग मई-जून में हो जाती है. नवंबर तक सारा माल इंडिया आ जाता है. इसलिए वैसे भी इनका कोरोना वायरस से लेना देना नहीं है. नवंबर तक कोरोना वायरस के केस आए नहीं थे. लोग अभी भी पूरे ज़ोर-शोर से सामान ख़रीद रहे हैं. 100 में से पांच लोगों को डाउट होता है. पर हम उनको समझा देते हैं कि डरने वाली कोई बात नहीं है.’कोरोना वायरस से कितनी मौतें हुई हैं
रिपोर्ट्स के मुताबिक, 26 फ़रवरी, 2020 तक पूरी दुनिया में 2,700 से ज़्यादा लोग कोरोना वायरस से मारे जा चुके हैं. साथ ही ये वायरस 34 देशों में 80,000 लोगों को संक्रमित कर चुका है.
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