स्मगलर उठा ले गए थे, अब वापस आ रही हैं हमारी धरोहरें
बड़ी पुरानी, कुछ मूर्तियां तो आ गई हैं और कुछ इस साल के सितंबर महीने में वापस आ जाएंगी.
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फोटो - thelallantop
लंबे समय से इंडिया के कुछ मास्टर पीस दूसरे देशों में स्मगल किए गए हैं. सरकार इन एंटिक पीस को लाने की कोशिशें कर रही हैं. 2007 में अमेरिका वालों ने एक ऑपरेशन हिडन आइडल चलाया था. इस ऑपरेशन में भगवान गणेश और बाहुबली की ब्रॉन्ज मूर्तियां मिली थीं. इसके अलावा भी कुछ मूर्तियां मिली हैं. जो इंडिया लाई गई हैं.पता ये मैजिक कब शुरू हुआ. साल 2014 में. जब ऑस्ट्रेलिया के पीएम टोनी एबॉट दो दिन के लिए इंडिया आए थे. दो परमाणु समझौते हुए. जाते-जाते एबॉट ने मोदी जी को दो मूर्तियां गिफ्ट की. जो 9 सौ साल पुरानी थी. जिसे चुरा कर किसी ने ऑस्ट्रेलियन आर्ट गैलरी में बेचा था. कुछ तो आ गई हैं और कुछ नंबर में लगी हैं आने को.
1. शिव नटराज
नटराज की ये मूर्ति बृहदेश्वर मंदिर से चोरी हो गई थी. ये मंदिर तमिलनाडु के श्रीपुराथन गांव में हैं. यहां पर शिव की ब्रॉन्ज की मूर्ति स्थापित थी. जो 11वीं सेंचुरी की थी. जिसे 2008 में एनजीए ने लगभग 40 करोड़ देकर वापस लिया था. ये मूर्ति ऑस्ट्रेलिया के पीएम ने 2014 में मोदी जी को गिफ्ट किया था.
2. अर्धनारीश्वर
ये मूर्ति 10वीं सेंचुरी की है. चोल पीरियड की. एक ही मूर्ति में शिव भी हैं और पार्वती भी. ये तमिलनाडु के विरुधाचलम मंदिर से चोरी हो गई थी. साल 2004 में इसे न्यू साउथ वेल्स की आर्ट गैलरी ने खरीदा थी. वो भी लगभग 2 करोड़ में. ये भी गिफ्टेड है.
3. द पैरेट लेडी
12वीं सेंचुरी की मूर्ति है. एक वक्त खजुराहो मंदिर की सुदंरता में चार चांद लगाता था. बहुत ही इरोटिक था. किसी को नहीं पता ये 3 फीट की मूर्ति कनाडा पहुंची कैसे. कनाडा के उस वक्त के पीएम स्टेफेन हार्पर ने अप्रैल 2015 में इसे मोदी जी को हैंडओवर किया था.
4. दुर्गा महिषासुरमर्दिनी
साल 1991 में ये मूर्ति श्रीनगर के टेंग पोरा मंदिर से चोरी हो गई थी. कहते हैं मां दुर्गा की 10 हाथों वाली ये मूर्ति 10वीं सदी की है. इसे साल 2000 में जर्मनी के स्टुटगार्ट शहर के लिंडेन स्टेट म्यूजियम को बेचा गया था. वो भी लगभग डेढ करोड़ में. पिछले साल अक्टूबर में इंडिया आई है.
5. उमा परमेश्वरी
11वीं सदी की चोल वंश की है ये कांसे की मूर्ति. तमिल नाडु के अरियालुर जिले में स्थित शिवा के पुराने मंदिर से चोरी हो गई थी. साल 2007 में सिंगापुर के एशियन सिविलाइजेशन म्यूजियम से साढे चार करोड़ में लिया गया था. पिछले साल दिसंबर में इंडिया आया है.
6. गणेश
शिव के बेटे की ये मूर्ति हजारों साल पुरानी है. बोले तो चोल वंश की. उस टाइम के कारीगर ने गणेश जी को कांसे से बनाया था. इनके पप्पा के साथ लोग इनको भी भर ले गए थे अपने साथ. तमिलनाडु के श्रीपुराथन मंदिर से. अमरीका के टोलेडो म्यूजियम ने इसको लगभग सवा करोड़ में खरीदा था. ये बात 2006 की है. जून 2016 में इसे अमरीका ने इंडिया को लौटाया था.
ये मूर्तियां अभी आने को हैं.
1. कुषाण बुद्ध
बुद्ध की ये मूर्ति बलुआ पत्थर से बनी है. 18 सौ साल पुरानी और 130 सेमी ऊंची. यूपी के मथुरा के एक आर्कलॉजिकल साइट से चोरी हो गई थी. 2007 में मैनहटन आर्ट स्पेशलिस्ट ने इसे बेच दिया था. जिसे बाद में एनजीए ने लगभग 12 करोड़ रुपये देकर अपने कब्जे में लिया था. इस साल सितंबर तक ये मूर्ति अपने यहां आ जाएगी. आर्ट गैलरी ने इसे वापस करने का मन बनाया है.
2. वर्शिपर्स ऑफ द बुद्ध
बुद्धा की ये मूर्ति तीसरी सेंचुरी BC से तीसरी सेंचुरी AD के बीच की है. आंध्र प्रदेश के अमरावती में से चोरी हो गई थी. 2005 में एनजीए ने लगभग 4 करोड़ में इसे अपने कब्जे में लिया था. इंडिया ने एनजीए को प्रूफ दिखाकर यकीन दिलाया कि ये हमारी धरोहर है.
3. देवी प्रत्यंगिरा
ये काली की मूर्ति है. चोल वंश की. 12वीं सेंचुरी में बनी थी. माना जाता है कि देवी की ये मूर्ति सेना की रक्षक और उनको जीत देने वाली है. दुख-दर्द दूर कर सुख-समृद्धि प्रदान करती हैं. तमिलनाडु से ये चोरी हो गई थी. साल 2005 में एनजीए ने लगभग डेढ करोड़ में कब्जाई थी. इस साल ये मूर्ति हमारे यहां आ जाएगी.