5 सदियों में दो देश जूझे तब जाकर बनी दो महासागरों को जोड़ने वाली पनामा नहर
पनामा पेपर्स सुर्ख़ियों में है, पर हम बात कर रहे हैं पनामा नहर की.
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फोटो - thelallantop
'पनामा' लेटेस्ट वाला कीवर्ड है. जब से पनामा वाले पेपर्स खुले हैं, जहां बड़े -बड़े लोग अपना टैक्स वाला पैसा छुपा के रखते थे, पनामा ट्रेंड करने लगा. पर एक पनामा और है. जो ज्यादा इम्पोर्टेंस रखता है. सालों से. सदियों से. पनामा नहर. जिसके बारे में हम जीके की किताबों में पढ़ते थे.1.

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पनामा नहर, 77 कि.मी. लंबी नहर है. ये नहर अटलांटिक महासागर को प्रशांत महासागर से जोड़ती है. ये पनामा में है. यह एक अत्यंत ही महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय व्यावसायिक जल परिवहन मार्ग है. पनामा नहर अगर न होती और आपको पूर्वी अमेरिका से पश्चिमी अमेरिका जाना हो या यूरोप से पश्चिमी अमेरिका जाना हो. और जहाज से जाना हो तो जहाजों को 12,679 किलोमीटर का चक्कर काटना पड़ेगा. इसमें कम से कम दो हफ्ते लगेंगे. पनामा से जाओ तो यही काम 10 से 13 घंटे में हो जाता है.
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ऐक्चुअली पनामा मध्य अमेरिका में स्थित एक देश है. जो उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका के बीच में है. जिसे ऑफिशियली रिपब्लिक ऑफ़ पनामा के नाम से जाना जाता है. इसके पश्चिम में ‘कोस्टा रिका’ है. इसके दक्षिणपूर्व में है कोलंबिया. उत्तर में कैरेबिया और दक्षिण में प्रशांत महासागर.
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पनामा नहर बनने को 15वीं सदी में बनने को था, लेकिन शुरू में ही दिक्कतें आने लगीं. तब नहीं बन पाया फिर फ्रांस नें 1881 में इसे बनाना शुरू किया.फ्रांस ने बनाना शुरू तो किया लेकिन बहुत मजदूर मर रहे थे. रहने की जगह नहीं थी ,सैनिटेशन की व्यवस्था नहीं थी. मजदूरों को पीला बुखार होने और इंजीनियरिंग की परेशानियों की वजह से बीच में ही काम बंद कर दिया. फ्रांस नें लगभग नौ सालों तक इस नहर पर काम किया. इन नौ सालों में लगभग 20 हजार लोगों की मौत हुई.
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इसके बाद अमेरिका नें नहर बनाने का जिम्मा 1904 में लिया और 1914 में नहर का काम पूरा कर दिया गया.इसे दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे कठिन इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट माना जाता है.
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इंजीनियरिंग की सबसे बड़ी परेशानी महाद्वीपों के बीच बंटवारे की लाइन पर खुदाई की वजह से आ रही थी. जब नहर बन रही थी तो समुद्र के लहरों की वजह से खुदाई की जगह पर बार बार पानी भर जाया करता था. कीचड़ होती थी. मशीनें ख़राब हो जाया करती थी.
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ऐसा बताया जाता है कि अमेरिका नें ‘पनामा’ नहर बनाने का काम तय समय से दो साल पहले और तय बजट से कम लागत में पूरा कर दिया था.
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जब शुरू हुई थी 1914 में तब इस नहर से हर साल हजार जहाज गुज़रते थे. वहीं 2008 में 14702 जहाज हर साल इस नहर से होकर गुजरने लगे. 2015 तक 8,15,000 कंटेनर इससे होकर गुजर चुके हैं.
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https://www.youtube.com/watch?v=hoQ7RHyG-EAइस नहर से होकर गुजरने वाले सबसे बड़े जहाज को ‘पनामेक्स’ कहा जाता है. इस नहर को पार करने में औसतन 10 घंटे का वक्त लगता है.
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https://twitter.com/thepanamacanal/status/712667373262647300आज की तारीख में कनाल सबसे ज्यादा बोझ ढो रहा है. 1934 में ऐसा माना जा रहा था,कि इस कनाल की अधिकतम क्षमता 80 मिलियन टन/वर्ष होगी. जबकि 2009 में यह 300 मिलियन टन/वर्ष तक पहुंच गई.