यशवंत सिन्हा राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष के उम्मीदवार घोषित किए गए
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने यशवंत सिन्हा के विपक्ष के कॉमन कैंडिडेट बनने की जानकारी दी.
यशवंत सिन्हा राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार होंगे. अब से कुछ देर पहले इसकी घोषणा की गई है. यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) के विपक्ष के कॉमन कैंडिडेट बनने की जानकारी देते हुए कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा,
यशवंत सिन्हा ने खुद ही कर दिया था इशारा"हमने (विपक्ष) एक मत से फैसला किया है कि यशवंत सिन्हा राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के कॉमन कैंडिडेट होंगे."
यशवंत सिन्हा के प्रेजिडेंशियल कैंडिडेट बनने की अटकलों ने मंगलवार 21 जून को जोर पकड़ा. वजह उन्हीं का एक ट्वीट था. इसमें यशवंत सिन्हा ने तृणमूल कांग्रेस (TMC) से इस्तीफा देने की इच्छा जताई. ‘देशहित’ में कुछ बड़ा काम करने की बात कही. साथ ही TMC प्रमुख और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से अपील की कि वे उनका इस्तीफा स्वीकार करें. इसके बाद अटकलें लगना शुरू हो गईं कि यशवंत सिन्हा राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष के उम्मीदवार बनाए जा सकते हैं. अब इसकी आधिकारिक पुष्टि भी कर दी गई है.
आने वाली 18 जुलाई को देश के नए राष्ट्रपति का चुनाव (Presidential Elections) होना है. लेकिन अभी तक बीजेपी की तरफ से किसी कैंडिडेट की घोषणा नहीं की गई है. वहीं विपक्षी उम्मीदवार को लेकर पहले कहा जा रहा था कि वहां से एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार या जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यंत्री फारूक अब्दुल्ला राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हो सकते हैं. लेकिन ये दोनों ही वरिष्ठ नेता इससे इनकार कर चुके थे. चर्चा चल ही रही थी कि अब कौन विपक्ष का प्रेसिडेंशियल कैंडिडेट होगा, कि इसी बीच यशवंत सिन्हा का ये ट्वीट आ गया,
दिल्ली में विपक्ष के साथ बैठकमैं ममता जी का बहुत आभारी हूं कि उन्होंने मुझे सम्मान और प्रतिष्ठा दी. अब समय आ गया है जब एक बड़े राष्ट्रीय उद्देश्य के लिए मुझे पार्टी से हटकर विपक्षी एकता के लिए काम करना चाहिए. मुझे यकीन है कि वो (ममता बनर्जी) मेरे इस कदम को स्वीकार करेंगी.
ये ट्वीट यशवंत सिन्हा के विपक्ष के उम्मीदवार के रूप में चुने जाने की संभावना पर चर्चा छिड़ने की इकलौती वजह नहीं था. खबर ये भी आई थी कि वे मंगलवार को ही विपक्ष के नेताओं के साथ बैठक करने के लिए दिल्ली आने वाले हैं. इसी बैठक के बाद उनके राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार होने की घोषणा की गई है.
बता दें कि शरद पवार और फारूक अब्दुल्ला के अलावा महात्मा गांधी के पोते गोपाल कृष्ण गांधी भी राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनने के विपक्ष के ऑफर को ठुकरा चुके हैं. सोमवार, 20 जून को गोपाल कृष्ण गांधी ने राष्ट्रपति पद के लिए उनका नाम सुझाने पर विपक्ष को धन्यवाद देते हुए चुनाव न लड़ने की इच्छा जताई थी.
उधर बीजेपी में भी राष्ट्रपति चुनाव को लेकर गतिविधियां तेज हो गई हैं. दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के मुताबिक मंगलवार को ही बीजेपी की संसदीय बोर्ड की बैठक होगी जिसमें राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार के नाम पर मंथन किया जाएगा. PM नरेंद्र मोदी भी इस बैठक में शामिल हो सकते हैं. BJP ने इस चुनाव को लेकर 14 लोगों की टीम का गठन किया है. केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत सहित कई अन्य मंत्री, बीजेपी के तीन महासचिव और कुछ अन्य नेता इसके सदस्य हैं.