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ममता के भतीजे अभिषेक बनर्जी की बहुत बड़ी जीत, BJP को दोगुने से भी ज्यादा अंतर से हराया

अभिषेक बनर्जी तृणमूल कांग्रेस (TMC) के राष्ट्रीय सचिव भी हैं. उन्हें पार्टी में नंबर दो माना जाता है.

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अभिषेक बनर्जी साल पिछले 10 साल से इस सीट से सांसद हैं. (फोटो- PTI)
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साकेत आनंद
4 जून 2024 (Updated: 4 जून 2024, 07:09 PM IST) कॉमेंट्स
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पश्चिम बंगाल की चर्चित डायमंड हार्बर सीट (Diamond Harbour Lok sabha) से ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) लगातार तीसरी बार सांसद बन चुके हैं. उन्होंने बीजेपी के उम्मीदवार अभिजीत दास को 7,10,930 वोटों से हरा दिया है. पिछली बार की तुलना में उनकी जीत का मार्जिन दोगुने से भी ज्यादा है. दक्षिण 24 परगना जिले की इस सीट से अभिषेक बनर्जी 2014 से ही चुनते आ रहे हैं. इस सीट पर आखिरी चरण में एक जून को वोटिंग हुई थी. साल 2019 में भी अभिषेक ने बीजेपी उम्मीदवार को 3 लाख 20 हजार वोट से हराया था.

अभिषेक बनर्जी तृणमूल कांग्रेस (TMC) के राष्ट्रीय सचिव भी हैं. उन्हें पार्टी में नंबर दो माना जाता है. राजनीतिक जानकार अभिषेक को ममता बनर्जी का सेनापति मानते है. कहा जाता है कि परदे के पीछे से पार्टी के सारे काम वही देखते हैं. ममता बनर्जी के बाद उन्हें ही टीएमसी का उत्तराधिकारी मान लिया गया है.

वहीं, अभिजीत दास राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की पृष्ठभूमि से आते हैं. उन्होंने अपने फेसबुक अकाउंट पर लिख रखा है कि वो राष्ट्रीय RSS में प्रचारक रहे हैं. ऑटो एंड वर्कर्स यूनियन्स में अलग-अलग पदों पर रह चुके हैं. अभिजीत दास को ‘बॉबी दा’ के नाम से जाना जाता है. साल 2009 और 2014 के लोकसभा चुनाव में भी दास यहां से किस्मत आजमा चुके थे. एक बार फिर उन्हें हार का सामना करना पड़ा.

डायमंड हार्बर सीट का इतिहास

कुछ साल पहले तक इस सीट पर वाम दलों का दबदबा रहा करता था. 1952 से लेकर 2009 तक इस सीट पर कम्युनिस्ट पार्टी सिर्फ एक चुनाव हारी थी. वो था 1962 का चुनाव. तब कांग्रेस के सुधांशु भूषण दास यहां से जीते थे. फिर 1967 से लेकर 2009 तक सीपीएम यहां से लगातार चुनाव जीतती रही.

2009 में सोमेन मित्रा ने यह सीट सीपीएम से छीन ली थी. तब वो TMC से सांसद बने थे. इससे एक साल पहले यानी 2008 में कांग्रेस से बगावत करके TMC में शामिल हुए थे. लेकिन जनवरी 2014 में ममता का साथ छोड़कर फिर से कांग्रेस में आ गए थे. 2014 से ये सीट अभिषेक बनर्जी के हिस्से है.

इस लोकसभा क्षेत्र में अल्पसंख्यकों की आबादी करीब 40 फीसदी और अनुसूचित जाति की आबादी 20 फीसदी है. बीजेपी इस सीट पर खाता खोलने की तैयारी कर रही थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी 29 मई को इस क्षेत्र में एक रैली को संबोधित किया था.

इस सीट के साथ राज्य की दूसरी सीटों पर भी बीजेपी का प्रदर्शन खास नहीं रहा. एग्जिट पोल में बीजेपी के बढ़त की संभावना जताई गई थी. लेकिन पिछले साल की 18 सीटों के मुकाबले बीजेपी इस बार 12 सीट पर सिमटती दिख रही है. राज्य में लोकसभा की कुल 42 सीटें हैं.

बीजेपी ने दोबारा वोट कराने की मांग की थी

चुनाव के दिन बीजेपी ने डायमंड हार्बर सीट के कई पोलिंग स्टेशन पर दोबारा वोटिंग कराने की मांग की थी. आरोप लगाया गया कि एक जून को वोटिंग के दौरान गड़बड़ी की गई. भाजपा ने पश्चिम बंगाल के मुख्य चुनाव अधिकारी (CEO) को पत्र लिखा और कहा कि पार्टी के कई बूथ एजेंट को बाहर निकाल दिया गया. बजबज, फाल्टा, महेशतला, डायमंड हार्बर, बिष्णुपुर, सतगछिया और मेटियाब्रुज विधानसभा क्षेत्रों के वोटिंग सेंटर्स पर दोबारा चुनाव कराने की मांग की गई थी.

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