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मंत्री एसपी सिंह बघेल पर हुए हमले को सपा ने आवारा पशुओं से कैसे जोड़ दिया?

अखिलेश के खिलाफ चुनाव लड़ रहे एसपी बघेल के काफिले पर मंगलवार को हमला हुआ था!

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बीजेपी के एसपी सिंह बघेल के काफिले पर हमला, टूटे कार के शीशे (सभी फोटो: आजतक)
16 फ़रवरी 2022 (Updated: 16 फ़रवरी 2022, 10:05 IST)
Updated: 16 फ़रवरी 2022 10:05 IST
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उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण में माहौल गर्म होता नजर आ रहा है. मंगलवार, 15 फरवरी को मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार और केंद्रीय राज्यमंत्री एसपी सिंह बघेल के काफिले पर पथराव हुआ. बघेल इस सीट से समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के खिलाफ मैदान में हैं. आजतक के मुताबिक मंगलवार को एसपी सिंह का काफिला करहल थाने के अत्तिकुल्लापुर गांव से गुजर रहा था, आरोप है कि तभी कुछ लोगों ने पथराव शुरू कर दिया. इस घटना में एसपी सिंह बघेल की गाड़ी का शीशा टूट गया. हालांकि, बघेल बाल-बाल बच गए. एसपी बघेल का क्या कहना है? समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए एसपी सिंह बघेल ने कहा,
“मंगलवार को चुनाव प्रचार के दौरान जब मैं कबराई से अत्तिकुल्लापुर होते हुए करहल जा रहा था, तभी रास्ते में अचानक कुछ लोग खेतों से निकल आए और हमला कर दिया. जब उन्होंने हमला किया तो वे 'अखिलेश भैया जिंदाबाद' के नारे लगा रहे थे. उनके पास लाठी और लोहे की छड़ें थीं.”
बघेल ने आगे बताया,
"उनमें से एक शख्स ने कहा कि मंत्री को आज बख्शा नहीं जाना चाहिए...एक ने कहा कि मैं उमाकांत हूं और तू हमारे उस नेता के खिलाफ चुनाव लड़ रहा है, जिसने तुझे सांसद बनाया था. फिर उसने कहा कि बि्टटू मार इसे जान से, आज ये बचने ना पाये. आज ही इसका हम चुनाव करा दे रहे हैं और फिर उन्होंने मेरे काफिले पर हमला कर दिया. मेरे साथ मौजूद सुरक्षाकर्मी जब कार से उतरे तो वे भाग गए. फिर उनमें से एक ने मेरे काफिले में शामिल एक कार पर गोली चला दी."
केंद्रीय राज्य मंत्री और करहल से बीजेपी उम्मीदवार एसपी सिंह बघेल ने यह भी बताया,
"मैंने हस्तलिखित एफआईआर दी है. जिसमें दो लोग नामजद किये हैं, बाकी अज्ञात हैं. अति उत्साह में हमलावरों ने अपना नाम बता दिया, हो सकता है बिट्टू नाम गलत हो."

उधर, मैनपुरी पुलिस ने इस घटना को लेकर एक बयान जारी किया है. उसने कहा है कि मंत्री एसपी सिंह बघेल पर हमले की सूचना मिलते ही करहल के क्षेत्राधिकारी मौके पर पहुंचे. इस मामले में 20-25 अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है. पुलिस की टीम मामले की जांच में जुट गई है.
BJP ने सपा के खिलाफ खोला मोर्चा
इस घटना के बाद बीजेपी ने सपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. यूपी बीजेपी के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने एक ट्वीट कर कहा,
'करहल विधानसभा से बीजेपी के उम्मीदवार केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल के काफिले पर हमला यह दर्शाता है कि वहां से सपा के प्रत्याशी अखिलेश यादव हार की कगार पर खड़े हैं. चुनाव में जीत जनता के आशीर्वाद के बल पर मिलती है, गुंडों के आतंक के बल पर नहीं.'

 

यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी इस घटना को लेकर एक ट्वीट किया. केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट में लिखा,
'मैनपुरी के करहल विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी के प्रत्याशी केंद्रीय मंत्री प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल के काफिले पर सपाई गुंडों की ओर से हमला किया जाना उनका असली चरित्र दिखाता है. कल ही बीजेपी सांसद गीता शाक्य पर भी हमला किया गया था. दोनों घटनाओं के दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी.'

 

सपा ने कहा- आवारा पशुओं के चलते हुआ झगड़ा भाजपा के इन आरोपों पर मैनपुरी के पूर्व सांसद और सपा नेता तेज प्रताप सिंह यादव ने पलटवार किया है. आजतक के मुताबिक तेज प्रताप ने कहा,
'कहीं कोई तोड़फोड़ नहीं हुई है, रात में जब एसपी सिंह बघेल निकले तो कुछ आवारा पशु सड़क पर थे, उनको हटाने को लेकर विवाद हुआ, उनके लोगों ने गांव के लोगों के साथ बदतमीजी की, न कोई गाड़ी टूटी है और न ही कोई हमला हुआ है, जिस दिन से वह चुनाव लड़ने आए हैं, वह विक्टिम कार्ड खेलना चाहते हैं.'
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तेज प्रताप सिंह (फोटो: आजतक)
तेज प्रताप यादव ने एसपी सिंह बघेल पर आरोप लगाते हुए ये भी कहा,
'इन्हें लोगों का समर्थन नहीं मिल रहा है, कोई मीटिंग भाजपा की हो नहीं पा रही है, लोग इनको अपने घर पर बैठने नहीं दे रहे हैं, इस वजह से ये लगातार माहौल खराब करने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन करहल की जनता इसका जवाब देगी.'
एसपी सिंह बघेल की सुरक्षा बढ़ाई गई केंद्रीय राज्यमंत्री एसपी सिंह बघेल पर करहल में हुए हमले के बाद उनकी सुरक्षा बढ़ा दी गई है. समाचार एजेंसी एएनआई ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के हवाले से बताया है कि बघेल को Z श्रेणी की सुरक्षा दी गई है. गृह मंत्रालय की ओर से बताया गया है कि करहल से बीजेपी के उम्मीदवार एसपी सिंह बघेल को अब केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) द्वारा Z श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की जाएगी. कभी मुलायम सिंह यादव के करीबी थे एसपी बघेल उत्तर प्रदेश पुलिस में बतौर सब इंस्पेक्टर के रूप में तैनात रहे एसपी सिंह बघेल 1989 में मुलायम सिंह यादव के मुख्यमंत्री बनने के बाद उनकी सुरक्षा में शामिल हो गए थे. इसके बाद उन्होंने अपनी निडरता, मेहनत और ईमानदारी के बल पर मुलायम सिंह यादव का दिल जीत लिया. एसपी बघेल से प्रभावित मुलायम सिंह यादव ने उन्हें जलेसर सीट से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर उतारा और वे 1998 में पहली बार विधायक बने. उस समय मुलायम सिंह की सरकार में वे मंत्री भी रहे.
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केंद्रीय राज्यमंत्री एसपी बघेल (फाइल फोटो: इंडिया टुडे)

सियासत में कदम रखने के बाद एसपी बघेल ने पलटकर पीछे नहीं देखा और सियासी बुलंदियां चढ़ते चले गए. 2004 में सपा से सांसद रहे, लेकिन रामगोपाल यादव के साथ उनके रिश्ते खराब होने के बाद पार्टी ने उन्हें निष्कासित कर दिया. इसके बाद एसपी बघेल स्वामी प्रसाद मौर्या के जरिए बसपा में शामिल हुए. 2010 में बसपा ने उन्हें राज्यसभा भेजा और साथ ही राष्ट्रीय महासचिव की जिम्मेदारी दी. इसके बावजूद वे बसपा में नहीं रह सके और 2014 के चुनाव से पहले वे बीजेपी में शामिल हो गए.
बीजेपी ने एसपी बघेल को 2014 में फिरोजाबाद संसदीय सीट से सपा महासचिव रामगोपाल यादव के पुत्र अक्षय यादव के खिलाफ उतारा. यह चुनाव बघेल हार गए. इसके बाद 2017 के विधानसभा चुनाव में वे टुंडला से जीत गए और योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री बने. बीजेपी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में एसपी सिंह बघेल को आगरा सीट से उतारा और वे सांसद बन गए. पिछले दिनों मोदी कैबिनेट के विस्तार में उन्हें केंद्रीय राज्यमंत्री बनाया गया और अब भाजपा ने उन्हें सपा प्रमुख अखिलेश यादव के खिलाफ करहल से चुनाव मैदान में उतारा है.


वीडियो देखें | Akhilesh के ख़िलाफ़ चुनाव लड़ रहे Baghel ने क्या कहा?

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