The Lallantop
Advertisement

लोकसभा चुनाव के पहले चरण में मतदान कम क्यों हुआ?

Lok Sabha Polls 2024: पहले चरण के चुनाव में शाम 7 बजे तक औसत 60.03% मतदान दर्ज किया गया.

Advertisement
first phase low voting turnout  reason
बिहार में सबसे कम महज 47.49% वोटिंग हुई है. (फोटो- इंडिया टुडे)
pic
प्रगति चौरसिया
20 अप्रैल 2024 (Updated: 20 अप्रैल 2024, 10:57 PM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

19 अप्रैल को 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 102 सीटों पर वोटिंग हुई. पहले चरण की वोटिंग को लेकर दिन भर जगह -जगह से तस्वीरें सामने आती रहीं. शाम 7 बजे तक औसत 60.03% मतदान दर्ज किया गया. जो कि पिछले साल की तुलना में कम है. 

वोटर्स मतदान केंद्र तक क्यों नहीं पहुंचे?

सबसे ज्यादा वोटिंग त्रिपुरा में 80.17 फीसदी हुई. इसके बाद पश्चिम बंगाल में 77.57 प्रतिशत, मेघालय में 74.21 प्रतिशत. वहीं सबसे कम वोटिंग बिहार में हुई महज 47.49%, यूपी में ये आंकड़ा 57.61% था.उत्तराखंड में 53.64% और  राजस्थान में 50.95%. ऐसे में ये सवाल उठ रहे हैं कि वोटर्स मतदान केंद्र तक क्यों नहीं पहुंचे? और इसके पीछे की वजह क्या हो सकती है? 

चुनाव के समय पर सवाल

इंडिया टुडे के कंसल्टिंग एडिटर राजदीप सरदेसाई का कहना है कि 

“देशभर में कम वोटिंग हुई है ये कहना गलत होगा. कुछ जगहों पर ठीक वोटिंग हुई है. मैं कहूंगा मिक्स वोटिंग हुई है. इतने अलग- अलग राज्य है. और एक की फेज में ट्रेंड पकड़ना सही नहीं होगा. उत्तर भारत में वैसी वोटिंग नहीं हुई है. हमें सोचना चाहिए कि क्या चुनाव कराने के लिए ये ठीक समय था. गर्मी पीक पर हैं ऐसे समय में चुनाव कराएंगे तो वोटर टर्नआउट लो (कम मतदान) हो सकता है. यही चुनाव नवंबर में करते तो शायद 5-10% ज्यादा वोटिंग होती.”

राजदीप कहते हैं कि पीक गर्मियों में राजस्थान जैसे राज्यों में वोटिंग हो रही है, तो उसका कुछ न कुछ असर होगा ही.  राजस्थान में 4 महीने पहले ही विधानसभा चुनाव हुए हैं. विधानसभा चुनाव में ज्यादा उत्साह देखने को मिलता है. उम्मीदवार लोकल लेवल पर जोर लगाता है. लोकसभा चुनाव में दायरा ज्यादा होता है और प्रत्याशी के लिए मतदाताओं की संख्या भी. ऐसे में सबसे कनेक्ट कर पाना मुश्किल होता है.

हालांकि, राजदीप कहते हैं कि इस बार वोटरों में उत्साह कम है. इस पर विश्लेषण किया जा सकता है. उन्होंने ये भी कहा कि भले ही अभी मतदाताओं में उत्साह कम हो लेकिन ये पहला फेज है. असली लड़ाई अभी कई राज्यों में होना बाकी  है. अभी ये कहना कि किसका पलड़ा भारी होगा और कौन कमतर है, सही नहीं होगा.

'एकतरफा चुनाव कह लीजिए'

इस बारे में हमने राजनीतिक गतिविधियों पर करीब से नजर रखने वाले राहुल वर्मा से भी बात की. उन्होंने देशभर में वोटिंग टर्नआउट को लेकर कहा,

केवल पहले चरण के चुनाव के बाद कुछ भी कह पाना मुश्किल है. लो वोटिंग टर्नआउट की कई वजहें हो सकती हैं. आप इसे एकतरफा चुनाव कह लीजिए या ये कह लीजिए कि लोगों की भावनाओं पर असर पड़ा है.

वहीं जामिया मिल्लिया इस्लामिया के सामाजिक-राजनीतिक रिसर्चर पंकज चौरसिया कहते हैं कि ये चुनाव एकतरफा है, इसलिए मतदान केंद्रों में लोगों का उत्साह नज़र नहीं आ रहा. उन्होंने कहा कि

विपक्ष मजबूत नहीं है. सभी को ये लग रहा है कि BJP दोबारा आने वाली है. जब कॉम्पटीशन होता है तो लोगों में उत्साह होता है. लोग बढ़- चढ़कर वोट करने जाते हैं. लेकिन इस बार ऐसा नहीं है. केवल विपक्ष को लग रहा है कि फाइट है. लेकिन असली लड़ाई तो सिर्फ कुछ ही सीटों पर है.

ये भी पढ़ें- Lok Sabha Election 2024: पहले चरण की ये 10 सीटें तय करेंगी चुनाव की दशा और दिशा

7 चरणों के चुनावों में पहला चरण पूरा हो चुका है. दूसरे चरण का चुनाव 26 अप्रैल को है. 1 जून को आखिरी चरण के चुनाव के बाद 4 जून को नतीजों का ऐलान होगा.

Subscribe

to our Newsletter

NOTE: By entering your email ID, you authorise thelallantop.com to send newsletters to your email.

Advertisement