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गनिबेन ठाकोर, जिन्होंने लोगों से वोट के साथ नोट मांग कर गुजरात में कांग्रेस को इकलौती जीत दिलाई

कांग्रेस पार्टी की तरफ से गनिबेन ठाकोर को किसी भी तरह की वित्तीय सहायता नहीं मिली. जिस वजह से उन्हें अपने चुनावी अभियान के लिए क्राउडफंडिंग करनी पड़ी.

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Geniben Thakor crowdsourced her campaign to break Congress Gujarat jinx
2022 गुजरात विधानसभा चुनावों में गेनिबेन ठाकोर ने बनासकांठा जिले की वाव सीट से जीत हासिल की थी. (फोटो- इंडिया टुडे)
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प्रशांत सिंह
6 जून 2024 (Published: 08:57 PM IST) कॉमेंट्स
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गुजरात की 26 लोकसभा सीटों में से 25 पर बीजेपी ने अपना झंडा गाड़ा. पिछले दो चुनावों में सारी की सारी सीटें बीजेपी ने जीती थीं. इस बार बस एक सीट रह गई. कौन सी सीट? बनासकांठा. इसे भी बीजेपी का गढ़ ही माना जाता है. लेकिन इस बार कांग्रेस की गनिबेन ठाकोर ने सरप्राइज कर दिया (Geniben Thakor Banaskantha seat). उन्होंने बीजेपी की कैंडिडेट रेखाबेन चौधरी को 30 हजार 406 मतों से हराया है. गेनिबेन को कुल 6 लाख 71 हजार 883 वोट मिले. बीते 10 सालों में गुजरात में वो कांग्रेस की पहली सांसद हैं.

हालांकि, गेनिबेन के लिए ये चुनाव आसान नहीं था. कहा गया कि चुनाव लड़ने के लिए उनके पास फंड की कमी थी. पार्टी ने भी उन्हें आर्थिक तौर पर खासा सपोर्ट नहीं किया था. अब खबर ये है कि गेनिबेन ने अपना चुनावी कैंपेन ‘क्राउडफंड’ किया था.

नोट के साथ वोट की अपील

इंडिया टुडे से जुड़े अभिषेक डे की रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस की गेनिबेन ठाकोर अपना पहला लोकसभा चुनाव लड़ रही थीं. उन्होंने वित्तीय परेशानियों के बाद भी चुनाव में उतरने का फैसला किया. रिपोर्ट में बताया गया है कि कांग्रेस पार्टी की तरफ से उन्हें किसी भी तरह की वित्तीय सहायता नहीं मिली. जिस वजह से उन्हें अपने चुनावी अभियान के लिए क्राउडफंडिंग करनी पड़ी.

जाहिर है गेनिबेन के लिए बीजेपी के सामने लोकसभा चुनाव लड़ना आसान नहीं था. पार्टी से टिकट मिलने के बाद गेनिबेन ने लोगों से नोट के साथ वोट देने की अपील करते हुए चुनाव प्रचार को आगे बढ़ाया था.

वाव सीट से विधायक हैं

2022 गुजरात विधानसभा चुनावों में गेनिबेन ठाकोर ने बनासकांठा जिले की वाव सीट से जीत हासिल की थी. तब वो दूसरी बार विधायक बनी थीं. साल 2017 में वाव विधानसभा सीट से ही उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के शंकर चौधरी को शिकस्त दी थी. तब उन्होंने 6,655 वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी. गनिबेन ने साल 2012 में भी कांग्रेस के टिकट पर वाव विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन जीत हासिल नहीं कर पाई थीं.

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