चुनाव आयोग का फैसला, फिजिकल रैलियों पर रोक 22 जनवरी तक बढ़ी
कोरोना खतरे के चलते लिया गया फैसला.
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Election Commission अब 22 जनवरी को स्थिति की समीक्षा करेगा.
आज तक के संजय शर्मा की रिपोर्ट के मुताबिक, 22 जनवरी तक इन 5 राज्यों में रैलियों, रोड शो, जुलूस जलसे, साइकिल, मोटर साइकिल या वाहन रैली आदि पर बैन रहेगा. निर्वाचन आयोग ने शनिवार, 15 जनवरी को पांचों राज्यों में चुनाव व्यवस्था से जुड़े अधिकारियों के साथ वर्चुअल मीटिंग के कई दौर के बार अनेक हिदायतों के साथ बताया कि इनडोर सभागार में हॉल की क्षमता से आधे लोगों की सभा की जा सकती है. लेकिन ये ध्यान रहे कि अधिकतम 300 लोग ही वहां मौजूद रह सकते हैं. फिर हॉल चाहे कितना ही बड़ा क्यों न हो.
आयोग ने राजनीतिक दलों को आगाह किया है कि वो कोविड गाइडलाइन का सख्ती से पालन करें. राज्य और जिला निर्वाचन अधिकारियों को सख्त ताकीद की गई है कि कोविड प्रोटोकॉल के मद्देनजर सभी राजनीतिक दलों के नेताओं, कार्यकर्ताओं और जनता की गतिविधियों पर पैनी निगाह रखें. ऑब्जर्वर्स से कहा गया है कि वो मुस्तैद रहें और जनता की नजरों में रहें. ताकि जनता को पता रहे कि उन पर निगाह है. तीन बैठकों के बाद फैसला पांच राज्यों में कोविड/ओमिक्रॉन संक्रमण की स्थिति और चुनावी रैलियों पर लगी पाबंदियों पर निर्वाचन आयोग ने तीन अलग-अलग बैठकें कीं. पहली वर्चुअल मीटिंग ग्यारह बजे केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव के साथ हुई. उसमें कोविड संक्रमण की स्थिति, पीक और टीकाकरण अभियान को लेकर अब तक उठाए गए कदम और भविष्य में किए जाने वाले उपायों पर चर्चा हुई. एक घंटा बाद यानी दोपहर बारह बजे आयोग की बैठक पांचों राज्यों के प्रमुख स्वास्थ्य सचिवों और मुख्य सचिवों सहित अन्य स्वास्थ्य विशेषज्ञों के साथ हुई. इसमें कोविड संक्रमण और टीकाकरण के साथ अन्य एहतियाती उपायों पर राज्यवार स्थिति पर बातचीत हुई.Election Commission further bans poll rallies & roadshows in poll-bound states till 22nd January pic.twitter.com/xXdqPNdKmo
— ANI (@ANI) January 15, 2022

पांच राज्यों की तारीखों की घोषणा करते हुए चुनाव आयोग की तरफ से कहा गया था कि कोरोना वायरस के खतरे को लेकर काफी सारी तैयारियां की गई हैं.
एक बजे निर्वाचन आयोग की वर्चुअल बैठक में पांचों राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारी भी शामिल हुए. इसी बैठक में पिछली दोनों मीटिंग से मिले इनपुट के आधार पर रैलियों, जुलूस, रोड शो पर लगी पाबंदियों को लेकर विस्तृत चर्चा हुई. लखनऊ में शुक्रवार को हुई कथित वर्चुअल रैली पर भी चर्चा हुई. जिसमें लगभग डेढ़ पौने दो हजार लोग कोविड प्रोटोकॉल और निर्वाचन आयोग की हिदायतों को दरकिनार कर इकट्ठा हुए थे. घंटे तक नेताओं ने भाषण भी किया. इस जमावड़े को वर्चुअल रैली बताया गया.
बैठक में कोविड संक्रमण की रफ्तार और उपायों पर विस्तार से चर्चा हुई. स्वास्थ्य सचिव और पांचों राज्यों के प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने एकराय से बताया कि संक्रमण की रफ्तार अभी थमी नहीं है. हालांकि कोविड के नए वेरिएंट ऑमिक्रोन के संक्रमण की तीव्रता डेल्टा जैसी नहीं घातक नहीं है. लेकिन अभी पाबंदियों में छूट दिया जाना उचित नहीं है. बैठक में विशेषज्ञों और अधिकारियों ने राजनीतिक दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ आम जनता में कोविड प्रोटोकॉल के प्रति उदासीनता और उपेक्षा पर चिंता जताई. कोविड प्रोटोकॉल को सख्ती से पालन कराने पर जोर दिया गया. आयोग ने पहले ही साफ कर दिया था कि वो चुनावी कार्यक्रम के सिलसिले में स्वास्थ्य मंत्रालय और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह पर ही चलेगा.