इन दो सीटों से समझिए कांग्रेस की छीछालेदर, जहां दो बड़े नेता अपने घरवालों को चुनाव लड़वा रहे थे
राहुल-प्रियंका की रैली हुई, फिर भी 2015 वाला हाल
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राहुल गांधी, पूनम झा आज़ाद, शिवानी चोपड़ा और कांग्रेस पर एक पुराना आरोप. परिवार के चक्कर में सत्ता गंवाने का.
1. शिवानी चोपड़ा, कालकाजी विधानसभा

दिल्ली कांग्रेस प्रेसिडेंट सुभाष चोपड़ा की बेटी. सुभाष खुद तीन बार विधायक रह चुके हैं. शीला दीक्षित के निधन के बाद कांग्रेस की कमान लेने की लड़ाई शुरू हुई. जीत मिली सुभाष चोपड़ा को. कहा गया कि पंजाबी कम्यूनिटी को समेटने के लिए सुभाष को लाया गया. सुभाष ने आते ही अपनी बेटी को आगे कर दिया. पेशे से वकील शिवानी को कालकाजी से कांग्रेस का टिकट मिल गया. लेकिन मामला वही. शिवानी चोपड़ा तीसरे नंबर पर चल रही हैं. आम आदमी पार्टी की आतिशी मरलेना इस सीट पर आगे चल रही हैं. उसके बाद नंबर आता है धरमबीर सिंह का. 110 वोट पीछे ही चल रहे हैं. ये दिनों लोग तो 14 हज़ार के ऊपर हैं. और फिर आता है नंबर शिवानी चोपड़ा का. अब तक कुल मिले हैं 1396 वोट. और वोट कुल 4.5 परसेंट. यानी ज़मानत खोने की कगार पर दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की बेटी.
2. पूनम झा आज़ाद, संगम विहार

अभी बताया कि कांग्रेस प्रेसिडेंट की पोस्ट को लेकर भसड़ मची हुई थी. सुभाष चोपड़ा के नाम के साथ एक और नाम चल रहा था. कीर्ति आज़ाद का. क्रिकेटर. और लोकसभा सांसद. लम्बे समय तक भाजपा में थे. हाल-फिलहाल आ गए कांग्रेस में. इस बार कैम्पेन कमिटी के मुखिया. पूनम झा आज़ाद का भी यही हाल था. भाजपा में थीं. 2016 में कांग्रेस में आ गयीं. बीच में दो महीनों के लिए आम आदमी पार्टी में आवाजाही करके चली आयीं. संगम विहार से कांग्रेस पार्टी ने टिकट दे दिया. टिकट मिलते ही कहा गया कि कीर्ति आज़ाद के रसूख का इस्तेमाल हुआ. इसलिए मिला. लेकिन चुनाव नतीजों में वही हाल. तीसरे नंबर पर चल रही हैं. आम आदमी पार्टी के दिनेश मोहनिया 32 हज़ार वोट पाकर आगे चल रहे हैं. दूसरे नंबर पर जदयू के शिव चरण लाल गुप्ता. 16 हज़ार वोट. और पूनम झा आज़ाद 1172 वोट पाकर चौथे नंबर पर चल रही हैं. वोट लगभग 2.22 परसेंट. यानी ज़मानत खोने के करीब मामला.
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