रवि किशन भोजपुरी फिल्म स्टार हैं. बीजेपी के टिकट पर गोरखपुर से चुनाव लड़ रहे हैं. इस सीट पर सातवें चरण के तहत 19 मई को वोटिंग होगी. रवि किशन का मुकाबला सपा-बसपा गठबंधन के उम्मीदवार रामभुआल निषाद और कांग्रेस के मधुसूदन तिवारी से है. 2014 के लोकसभा चुनाव में यह सीट यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जीती थी. डेढ़ साल पहले हुए उपचुनाव में बीजेपी ने उपेंद्र नाथ शुक्ला को टिकट दिया था. तब उन्हें समाजवादी पार्टी के प्रवीण निषाद के हाथों तगड़ी शिकस्त खानी पड़ी थी.
रवि किशन की एजुकेशनल डिग्री को लेकर विवाद हो गया है. वह केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के बाद दूसरे ऐसे नेता हैं जिनकी डिग्री को लेकर विवाद हो रहा है. कुशीनगर के एक युवक संतोष कुमार ने गोरखपुर जिला निर्वाचन अधिकारी ने इस मामले की शिकायत भी की है.
बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे रवि किशन ने एफिडेविट में बताया है कि 1990 में उन्होंने रिजवी कॉलेज ऑफ आर्ट साइन्स एंड कॉमर्स, रिजवी कॉम्पलेक्स, बांद्रा वेस्ट मुंबई से 12वीं किया है.
2014 के लोकसभा चुनाव में रविकिशन ने कांग्रेस के टिकट पर जौनपुर से चुनाव लड़ा था. उस समय उन्होंने चुनाव आयोग को दिए अपने एफिडेविट में बताया था कि रिजवी कॉलेज ऑफ आर्ट साइन्स एंड कॉमर्स, रिजवी कॉम्पलेक्स, बांद्रा वेस्ट मुंबई से बी.कॉम किया है. यानी कॉलेज वही है लेकिन डिग्री बदल गई है.
अब सवाल उठ रहे हैं कि 2014 में रवि किशन ने खुद को ग्रेजुएट बताया था तो 2019 में वह खुद को 12वीं पास ही क्यों बता रहे हैं. और ये सवाल उठाया है कुशीनगर के संतोष कुमार ने. उन्होंने चुनाव आयोग से इसकी शिकायत भी की है. आरोप लग रहे हैं कि रविकिशन ने चुनाव आयोग को दिए गए हलफनामे में हेरफेर की है.
कौन हैं रवि किशन?
रवि किशन पूर्वांचल के जौनपुर जिले के केराकत ब्लॉक के बराही बिसूही गांव के रहने वाले हैं. रविकिशन के पिता पंडित श्यामा नारायण शुक्ला मंदिर में पुजारी हैं. रवि किशन का जन्म साल 1969 में बंबई (मुंबई) में सांताक्रूज चॉल में हुआ था. उस वक्त उनका परिवार बंबई में ही रहता था. पिता डेयरी का कारोबार करते थे. रवि किशन 10 साल के थे, तभी एक विवाद के बाद परिवार को वापस जौनपुर अपने गांव लौटना पड़ा. बाद में 17 साल की उम्र में रवि किशन फिर से मुंबई लौटे.
रवि किशन को बचपन से ही अभिनय का शौक था. गांव में रामलीला में वे ‘सीता’ का रोल करते थे. उन्होंने अपनी अभिनय यात्रा एक बी ग्रेड फिल्म पीतांबर से शुरू की थी. उन्हें 5000 रुपए मिले थे. बाद में 2003 में आई तेरे नाम में वे सलमान खान के साथ दिखाई दिए. फिल्म में वे एक पुजारी के रोल में थे. संयोग से उनके पिता भी पुजारी हैं. बाद में उन्होंने भोजपुरी फिल्मों की ओर रुख किया. और एक से बढ़कर एक फिल्में दीं. उनका नाम भोजपुरी के तीन बड़े स्टार्स मनोज तिवारी और दिनेश लाल यादव निरहुआ के साथ गिना जाता है.
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