तेजस्वी के करीबी संजय यादव का लालू परिवार में बढ़ा विरोध, अब रोहिणी आचार्य ने लिया निशाने पर
Haryana के महेंद्रगढ़ जिले के रहने वाले Sanjay Yadav RJD के राज्यसभा सांसद है. RJD में उनकी भूमिका तेजस्वी यादव के सलाहकार की मानी जाती है. RJD से जुड़े लोग बताते हैं कि संगठन के भीतर छोटे-बड़े फैसले उनकी सलाह से ही तय होते हैं.

राजद के राज्यसभा सांसद और तेजस्वी यादव के करीबी सलाहकार संजय यादव के खिलाफ लालू परिवार में मोर्चा खुलता दिख रहा है. पार्टी और परिवार से निकाले गए तेजप्रताप यादव अक्सर संजय यादव पर हमलावर रहते हैं. इशारों-इशारों में जयचंद बताते हैं. मीसा भारती भी उनसे खार खाई रहती हैं. अब परिवार के एक और सदस्य रोहिणी आचार्य ने भी उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
लालू यादव की दूसरी बेटी और सारण से लोकसभा चुनाव लड़ चुकीं रोहिणी आचार्य ने 18 सितंबर की सुबह एक फेसबुक पोस्ट शेयर किया है, जिसमें संजय यादव के खिलाफ टिप्पणी की गई है. फेसबुक पर पटना के आलोक कुमार ने एक पोस्ट लिखा है, जिसमें तेजस्वी यादव की बिहार अधिकार यात्रा के दौरान उनके रथ (बस) में उस सीट पर संजय यादव बैठे दिख रहे हैं, जो तेजस्वी यादव की है. आलोक कुमार ने लिखा,
फ्रंट सीट सदैव शीर्ष नेता-नेतृत्वकर्ता के लिए रिजर्व होती है. उनकी अनुपस्थिति में भी किसी को उस सीट पर नहीं बैठना चाहिए. वैसे अगर 'कोई' अपने आप को शीर्ष नेतृत्व से भी ऊपर समझ रहा है तो अलग बात है! वैसे पूरे बिहार के साथ-साथ हम तमाम लोग इस सीट (फ्रंट सीट) पर लालू यादव और तेजस्वी यादव को बैठे/ बैठते देखने के अभ्यस्त हैं उनकी जगह पर कोई और बैठे ये हमें तो कतई मंजूर नहीं है, ठकुरसुहाती करने वालों, जिन्हें एक दोयम दर्जे के व्यक्ति में विलक्षण रणनीतिकार-सलाहकार-तारणहार नजर आता है, की बात अलग है.
रोहिणी आचार्य ने फेसबुक पर इस पोस्ट को शेयर किया है, जिससे माना जा रहा है कि इस पोस्ट से उनकी सहमति है. यानी लालू यादव के परिवार में संजय यादव को लेकर असहजता बढ़ती जा रही है.
कौन हैं संजय यादव?हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के रहने वाले संजय यादव राजद के राज्यसभा सांसद हैं. राजद में उनकी भूमिका तेजस्वी यादव के सलाहकार की मानी जाती है. राजद से जुड़े लोग बताते हैं कि संगठन के भीतर छोटे-बड़े फैसले उनकी सलाह से ही तय होते हैं.
क्रिकेट के मैदान पर हुई मुलाकातसंजय और तेजस्वी की दोस्ती की शुरुआत क्रिकेट के मैदान से हुई थी. पहले संजय एक आईटी कंपनी में काम करते थे. चारा घोटाले में लालू यादव के जेल जाने के बाद तेजस्वी क्रिकेट छोड़कर सक्रिय राजनीति में आ गए. इसके बाद तेजस्वी ने संजय यादव को अपने पास बुला लिया. और तब से पार्टी में उनका कद लगातार बढ़ता गया है.
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