कांग्रेस ने बिहार में बनाई प्रदेश चुनाव समिति, इन 39 लोगों की उम्मीदवार चुनने में होगी अहम भूमिका
Bihar Elections: Congress की प्रदेश चुनाव समिति में 39 सदस्य होंगे. इनके अलावा समिति में स्थायी आमंत्रित सदस्यों के तौर पर बिहार के सभी MP, MLA, विधान पार्षद, कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) के मेंबर, NSUI और यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष को भी जगह मिली है.

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 (Bihar assembly election) के लिए कांग्रेस ने प्रदेश चुनाव समिति का गठन किया है. प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम (Rajesh Ram) की अगुवाई वाली इस कमेटी में 39 सदस्य बनाए गए हैं. इसके अलावा स्थायी आमंत्रित सदस्यों को भी जगह मिली है. कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने इस कमेटी की घोषणा की है. पटना में 18 सितंबर को इस कमेटी की बैठक होगी. बैठक में विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के चयन के लिए पार्टी नेतृत्व को अधिकृत किया जाएगा. इसके बाद 19 सितंबर को दिल्ली में अजय माकन की अध्यक्षता में स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक होगी.
अखिलेश प्रसाद सिंह को मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारीसामाजिक समीकरणों का ध्यान रखते हुए कांग्रेस ने चुनाव समिति में अति पिछड़ा और अल्पसंख्यक समुदाय को वरीयता दी है. 39 सदस्यों के अलावा समिति में स्थायी आमंत्रित सदस्यों के तौर पर बिहार के सभी सांसद, विधायक, विधान पार्षद, कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) के मेंबर, NSUI और यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष को भी जगह मिली है. कांग्रेस से जुड़े सूत्रों के मुताबिक बिहार में कैंपेन कमेटी यानी प्रचार अभियान समिति की जिम्मेदारी राज्यसभा सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह को दी जा सकती है.

कांग्रेस पार्टी पिछली बार हारी 51 सीटों में से 37 सीटों पर लड़ने के लिए तैयार नहीं है. इन 37 में से 21 तो वैसी सीटें हैं, जिन पर 2010 और 2015 के विधानसभा चुनाव में राजद और कांग्रेस समेत महागठबंधन के उम्मीदवार जीत नहीं पाए थे. वहीं 15 सीटें ऐसी हैं जिन पर साल 2015 में महागठबंधन के साथ लड़कर जदयू ने जीत दर्ज की थी. 2020 में ये सीटें कांग्रेस के खाते में गई और पार्टी को हार का सामना करना पड़ा.
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साल 2020 में कांग्रेस 70 सीटों पर चुनाव लड़कर 19 ही जीत सकी. उसमें से दो विधायक पार्टी छोड़ कर चले गए हैं. अब पार्टी के पास केवल 17 विधायक बचे हैं. जीत का अनुपात कम होने का हवाला देकर राजद कांग्रेस पर पिछली बार से कम सीटों पर चुनाव लड़ने का दबाव बना रहा है. बताया जा रहा है कि लालू यादव ने खुद सीट बंटवारे की कमान संभाल ली है. और वो राजद को 50-55 से ज्यादा सीट देने को तैयार नहीं हैं.
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