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विदेश से MBBS करके आए स्टूडेंट्स के लिए डॉक्टर बनना मुश्किल, नियम बदल गए हैं!

NMC ने Foreign Medical Graduates के लिए एक नोटिस जारी किया है. जानिए इसमें क्या कहा गया है.

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FMG के लिए इंटर्नशिप की अवधि बढ़ा दी गई है. (सांकेतिक तस्वीर: इंडिया टुडे)
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नीरज कुमार
14 जून 2024 (Updated: 16 जून 2024, 05:22 PM IST) कॉमेंट्स
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विदेश से MBBS की पढ़ाई करके भारत लौटे छात्रों को परीक्षा पास करने के बाद अब एक नहीं दो से तीन साल की इंटर्नशिप करनी होगी. इसके बाद ही उन्हें डॉक्टर का दर्जा मिलेगा. नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने MBBS के दौरान ऑनलाइन क्लासेज करने वालों के लिए भी बड़ा अपडेट दिया है. इस आर्टिकल में इस मसले पर विस्तार से बात करेंगे.

भारत के बाहर से MBBS करके लौटे स्टूडेंट्स को Foreign Medical Graduate यानी FMG कहा जाता है. इन्हें लेकर NMC यानी नेशनल मेडिकल कमीशन ने बीते दिनों एक पब्लिक नोटिस जारी किया. इस नोटिस में लिखा है,

“ये देखा गया है कि कई FMG गलत तरीके से अपने द्वारा संचालित ऑनलाइन कक्षाओं के लिए अपने मूल विश्वविद्यालयों से compensatory certificates ले रहे हैं. ये पेशा बहुमूल्य मानव जीवन से जुड़ा है, इसलिए उनके जीवन को कम दक्ष लोगों के हाथों दांव पर नहीं लगाया जा सकता है. इसलिए UGMEB यानी Under-Graduate Medical Education Board ने निर्णय लिया है कि अब से ऑफलाइन प्रैक्टिकल्स या क्लीनिकल ट्रेनिंग की जगह ऑनलाइन क्लासेज करके हासिल किए गए सर्टिफिकेट को स्वीकार नहीं किया जाएगा.”

NMC के नोटिस में ये भी लिखा है,

“जिन Foreign Medical Graduates ने अपने पाठ्यक्रम पूरा करने के दौरान किसी भी अवधि के लिए अपनी कक्षाओं में ऑनलाइन भाग लिया है, उन्हें FMG परीक्षा पास  करने और उसके बाद दो/तीन साल की अवधि के लिए अनिवार्य रोटेटिंग मेडिकल इंटर्नशिप यानी (CRMI) से गुजरना जरूरी है.”

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NMC Notice for FMGE
NMC की ओर से जारी किया गया नोटिस

यानी अब विदेश से MBBS की पढ़ाई कर भारत लौटे छात्रों को 2-3 साल की इंटर्नशिप भी करनी होगी. अब बात इसके आगे बढ़ाएं उससे पहले Foreign Medical Graduates के लिए बने नियमों पर बात कर लेते हैं. जिसके मुताबिक विदेश से MBBS की पढ़ाई कर आने वाले छात्रों को भारत में मेडिकल प्रैक्टिस करने के लिए नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन इन मेडिकल सर्विसेज द्वारा आयोजित Foreign Medical Graduate examination यानी (FMGE) को पास करना पड़ता है. ये स्क्रीनिंग परीक्षा पास करने के बाद ही उन्हें प्रोविजनल मेडिकल रजिस्ट्रेशन दिया जाता है. इसके बाद आती है इंटर्नशिप की बारी. जो कि पहले एक साल की होती थी. 

साल 2022 में इसका पीरियड बढ़ा दिया गया. लेकिन किन Foreign Medical Graduates के लिए? नेशनल मेडिकल कमीशन ने 28 जुलाई 2022 को एक नोटिस में लिखा कि जिन FMG'S की पढ़ाई कोविड 19 या रूस यूक्रेन युद्ध की वजह से बाधित हुई. उन्हें दो साल की इंटर्नशिप करनी पड़ेगी.

अब मेडिकल कमीशन के ताजे नोटिस के मुताबिक सभी FMG'S को  2-3 साल की इंटर्नशिप करनी अनिवार्य कर दी गई है. इसे लेकर 10 जून को विदेशी मुल्कों से MBBS की पढ़ाई कर लौटे कई छात्र दिल्ली में नेशनल मेडिकल कमीशन के दफ्तर के बाहर जुटे थे. कई छात्रों का कहना है कि उनके परिवार ने लोन लेकर उन्हें विदेश पढ़ने भेजा. अब अगर वो 5 साल मेडिकल की पढ़ाई के बाद 2-3 साल इंटर्नशिप करेंगे तो कर्ज कब चुकाएंगे.

यूक्रेन, रूस और जॉर्जिया जैसे और कई देशों से MBBS करके लौटे छात्रों की दिक्कत सिर्फ इंटर्नशिप तक सीमित नहीं है. इनका कहना है कि भारत में डॉक्टरी की पढ़ाई करने वाले और विदेश में पढ़ने वाले छात्रों के लिए नियम एक से होने चाहिए. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत में पढ़ने वाले IMG यानी इंडियन मेडिकल ग्रेजुएट्स को FMGE की परीक्षा नहीं देनी होती साथ ही उनकी इंटर्नशिप का पीरियड सिर्फ एक साल का होता है. दूसरी ओर इंटर्नशिप पूरी करने के बाद रजिस्ट्रेशन के लिए भारत में पढ़े छात्रों और विदेश में पढ़े छात्रों की फीस का अंतर भी एक मुद्दा है.

वीडियो: दी लल्लनटॉप शो: विदेश से MBBS की पढ़ाई कर लौटे छात्रों को कितने साल इंटर्नशिप करनी होगी?

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