The Lallantop
Advertisement

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में LLB और BA LLB के छात्र एग्जाम का विरोध क्यों कर रहे?

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी (AU) में सात जुलाई से होने वाली LLB और BA LLB की परीक्षा को निरस्त किए जाने की मांग हो रही है. इसके लिए पहले और चौथे सेमेस्टर के छात्र पिछले 17 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं.

Advertisement
छात्रों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया.
छात्रों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया.
6 जुलाई 2022 (Updated: 6 जुलाई 2022, 16:17 IST)
Updated: 6 जुलाई 2022 16:17 IST
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी (AU) में सात जुलाई से होने वाली LLB और BA LLB की परीक्षा को निरस्त किए जाने की मांग हो रही है. इसके लिए पहले और चौथे सेमेस्टर के छात्र पिछले 17 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं. छात्रों के समूह ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका भी दाखिल की है. छात्रों की मांग है कि ओपन बुक एग्जाम या एसाइनमेंट पर आधारित मूल्यांकन किया जाए.

यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा जारी एग्जाम कैलेंडर

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में LLB के छठें सेमेस्टर के छात्र अभिषेक ने लल्लनटॉप से बात करते हुए कहा,

 सात जुलाई से हमारी छठे सेमेस्टर की परीक्षा प्रस्तावित है. इसके साथ ही यूनिवर्सिटी ने अगले सेमेस्टर की क्लास भी सात तारीख से ही शुरू करने का फैसला किया है. कोरोना महामारी के आने के बाद से हर बार कॉलेज प्रशासन ने सिलेबस में कटौती की है. LLB में 20 प्रतिशत तक और BA LLB में 30 प्रतिशत तक सिलेबस कम किया गया है. 

छात्रों का कहना है कि सिलेबस कम किए जाने के कारण पूरे कन्सेप्ट्स नही क्लियर हुए हैं. साथ ही इसका असर भविष्य मे होने वाली परीक्षाओं पर भी पड़ेगा. LLB फर्स्ट सेमेस्टर की स्टूडेंट शिवांगी ने लल्लनटॉप से बात करते हुए कहा, 

हमें 30-40 प्रतिशत सिलेबस ही पढ़ाया गया है. छह महीने का सिलेबस 15-20 दिन में ही खत्म कर दिया गया. अगर हमें पूरा सिलेबस नही पढ़ाया जाएगा तो हमारी समझ पर असर पढ़ेगा. आगे चलकर PCS-J जैसी परीक्षाओं में दिक्कत होगी. सिलेबस पूरा न होने से हमारा नुकसान है.

DU की तर्ज पर मूल्यांकन की मांग

प्रदर्शन कर रहे छात्रों की मांग है कि परीक्षा की बजाय दिल्ली यूनिवर्सिटी की तर्ज पर असाइनमेंट या प्रोजेक्ट वर्क के आधार पर प्रमोट किया जाए. यूनिवर्सिटी मे BA LLB 6th सेमेस्टर की स्टूडेंट सृष्टि ने बताया,

 हम चाहते हैं कि इलाहाबाद यूनिवर्सिटी भी दिल्ली यूनिवर्सिटी की तर्ज पर मूल्यांकन कर हमें प्रमोट करे. ये बात हमने कॉलेज प्रशासन के सामने कई बार रखी है, लेकिन कोई सुनने वाला नही है. इस बात को लेकर हम वाइस चांसलर के पास भी गए पर वो नहीं मिलीं. जब छात्र प्रदर्शन करने गए तो कई छात्रों को पुलिस ने पकड़ लिया. हम पिछले 17 दिन से प्रदर्शन कर रहे हैं. हमारी मांग है कि इस बार हमें प्रमोट किया जाए.

छात्रों द्वारा कॉलेज प्रशासन को सोंपा गया ज्ञापन
6 महीने के सेमेस्टर की पढ़ाई 25 दिन मे पूरी हुई

यूनिवर्सिटी के छात्रों ने ये भी कहा कि कॉलेज प्रशासन ने सिलेबस घटा कर उसे जल्दीबाजी मे पूरा कराया है. BA LLB 4th सेमेस्टर की स्टूडेंट रितिका ने बताया,

 हमारी क्लासेज सिर्फ 20-25 दिन ही चली हैं. सिलेबस भी पूरा नही कराया गया है. जबसे क्लासेज ऑनलाइन होनी शुरू हुई हैं तब से टीचर्स भी अपने मन मुताबिक क्लास लेते हैं. जब उनका मन होता था तो क्लास के लिए लिंक भेज देते थे. हमें परीक्षा देने से कोई समस्या नही है. पर परीक्षा पूरा पढ़ा के ली जाती तो अच्छा होता.

अगले सेमेस्टर की तैयारी के लिए भी कम समय मिलेगा

परीक्षा को निरस्त करने की मांग कर रहे छात्रों ने बताया कि उन्हें अगले सेमेस्टर के लिए भी कम समय मिलेगा. हमसे बात करते हुए LLB 4th सेमेस्टर के स्टूडेंट आशीष ने बताया,

सात जुलाई से 22 जुलाई तक परीक्षा चलेगी. इसके कुछ समय बाद रिजल्ट जारी किया जाएगा. यूनिवर्सिटी ने अगले सेमेस्टर की परीक्षा अक्टूबर में कराने की बात कही है. दो महीने में कैसे अगले सेमेस्टर का सिलेबस पूरा होगा, हम नही जानते. अगर फिर से सिलेबस को घटाया जाएगा तो दिक्कत हम छात्रो को ही होगी.

प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना है कि सेशन करीब 10 महीने पीछे चल रहा है. इसे पटरी पर लाने के लिए इलाहाबाद यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से कोई व्यवस्था नहीं की गई. बल्कि विरोध करने वाले छात्रों को पुलिस पकड़ ले गई. लल्लनटॉप से बात करते हुए आशीष ने कहा,

 विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने 20-25 छात्रों को पकड़ा था. चीफ प्राक्टर ने इस पर कहा था कि इन छात्रों ने यूनिवर्सिटी के गार्ड के साथ मारपीट की थी, जिसकी वजह से पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया. जबकि पुलिस का कहना था कि कुछ छात्र आत्मदाह को प्रयास कर रहे थे जिसकी वजह से उन्हें पकड़ा गया. चीफ प्राक्टर और पुलिस दोनों अलग-अलग बात कह रहे हैं. और दोनों ही सच नही है.

यूनिवर्सिटी का क्या कहना है? 

छात्रों की ओर से लगाए जा रहे आरोपों पर विश्वविद्यालय का पक्ष जानने के लिए हमने लॉ फैकल्टी के डीन प्रो. जय शंकर सिंह से बात की. उन्होंने छात्रों की मांग को सिरे से नकार दिया और परीक्षा कराने की बात कही. डीन प्रो. जय शंकर सिंह ने कहा कि सिलेबस में से वही चैप्टर हटाए गए जो कम जरूरी थे. छात्र बस ये चाहते हैं कि उन्हें प्रमोट कर दिया जाए और परीक्षा न देनी पड़े. 

thumbnail

Advertisement