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पश्चिम बंगाल : TET का ज्वाइनिंग लेटर मांग रहे लोगों को पुलिस ने पीटा, सरकार ने कहा - "फिर से परीक्षा दो"

सुवेंदु अधिकारी बोले - "ये पश्चिम बंगाल है या हिटलर का जर्मनी?"

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West Bengal TET protesters beaten by police, section 144 imposed
धरना दे रहे उम्मीदवारों को ले जाती पुलिस (फोटो- आज तक)
21 अक्तूबर 2022 (Updated: 21 अक्तूबर 2022, 11:35 IST)
Updated: 21 अक्तूबर 2022 11:35 IST
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पश्चिम बंगाल (West Bengal) में 2014 में हुए टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट (TET) के जॉइनिंग लेटर जारी करने की मांग को लेकर उम्मीदवार धरना दे रहे थे. 20 अक्टूबर की रात पुलिस ने उम्मीदवारों पर लाठीचार्ज कर दिया. साथ ही इलाके में धारा 144 भी लगा दी गई है.

दरअसल TET भर्ती से जुड़े अभ्यर्थी कोलकाता के सॉल्ट लेक इलाके में पश्चिम बंगाल बोर्ड ऑफ प्राइमरी एजुकेशन (WBBPE) के ऑफिस के सामने 17 अक्टूबर से धरना प्रदर्शन कर रहे थे. धरना कर रहे लगभग 500 अभ्यर्थियों को पुलिस ने हटने को कहा. लेकिन अभ्यर्थियों ने हटने से मना कर दिया. ख़बरें हैं कि उन्हें हटाने के लिए पुलिस ने उन पर लाठीयां बरसानी शुरू कर दी. आज तक की रिपोर्ट के मुताबिक एक पुलिस अधिकारी ने कहा,

“धरना कर रहे उम्मीदवारों ने जगह को खाली करने से मना कर दिया था. हमने कई बार उनसे जगह को खाली करने को कहा, पर उम्मीदवार फिर भी नहीं हटे. आखिर में हमने 12:32 बजे के आस-पास, कम-से-कम बल का इस्तेमाल कर उन्हें जगह से हटाया.”

लेकिन अपनी मांगों को लेकर धरना दे रहे अभ्यर्थियों ने कहा कि पुलिस ने उन पर जबरदस्ती लाठियां चलाईं. धरना दे रही एक अभ्यर्थी शिला दास ने आज तक को बताया,

“पुलिस ने हमारे साथ हाथापाई की और हमें घसीटा गया. हम लोगों को जबरदस्ती गाड़ियों में भर के ले जाया गया. यहां तक कि महिलाओं का भी शारीरिक शोषण किया गया है. हम लोग जगह से 100 मीटर दूर भी हो गए थे लेकिन फिर भी पुलिस ने हम पर लाठियां चलाईं.”

उम्मीदवारों पर लाठीचार्ज होने के बाद से ही विपक्ष ने पश्चिम बंगाल सरकार पर हमला करना शुरू कर दिया. मामले की निंदा करते हुए भाजपा विधायक अग्निमित्रा पॉल ने पूरे राज्य में धरना आयोजित करने की धमकी दे दी. मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा,

“पुलिस ने रात के समय धरना दे रहे उम्मीदवारों को पीटा है. हम ये सब सहन नहीं करेंगे. हम 21 अक्टूबर को पूरे राज्य में धरना प्रदर्शन करेंगे.”

पॉल ने आगे कहा कि ममता बनर्जी सरकार ने ये वादा किया था कि साल 2014 के TET क्वालीफाई उम्मीदवारों को नौकरी दी जाएगी. सरकार ने 20 हजार नौकरियां का वादा किया था. लेकिन अभी तक सिर्फ 6 हजार 100 पदों को ही भरा गया है. इन उम्मीदवारों को अब दोबारा टेस्ट और इंटरव्यू देने को क्यों बोला जा रहा है?

वहीं CPIM के युवा मोर्चा DYFI की अध्यक्ष मीनाक्षी मुखर्जी ने भी मीडिया से बातचीत में कहा है कि वो 21 अक्टूबर को पूरे प्रदेश में धरना प्रदर्शन आयोजित करेंगे.

क्या है मामला?

पश्चिम बंगाल बोर्ड ऑफ़ प्राइमरी एजुकेशन (WBBPE) राज्य में टीचरों की भर्ती के लिए TET परीक्षा का आयोजन कराती है. साल 2014 में हुई TET परीक्षा के क्वालिफाइड उम्मीदवारों को अब तक जॉइनिंग लेटर नहीं मिला है. उम्मीदवारों का कहना है कि उन्होंने साल 2014 में हुए TET एग्जाम को क्लियर किया है. इसके बाद होने वाला इंटरव्यू भी दे चुके हैं. लेकिन जिस पैनल ने उनका इंटरव्यू लिया, उनके द्वारा उन्हें अभी तक नौकरी नहीं दी गई है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, TET परीक्षा आयोजित कराने वाले पश्चिम बंगाल बोर्ड ऑफ प्राइमरी एजुकेशन (WBBPE) ने कहा है कि पैनल का कार्यकाल समाप्त हो चुका है. यानी जिस पैनल ने इंटरव्यू लिया था वो अब काम नहीं कर रहा है. जिसकी वजह से उम्मीदवारों को दोबारा परीक्षा में बैठना होगा.

TET परीक्षा में जॉइनिंग की मांग को लेकर उम्मीदवार 17 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे थे. उम्मीदवारों का दावा है कि वो छोटे-छोटे गुटों में बैठे थे. 20 उम्मीदवार पिछले तीन दिनों से भूख हड़ताल पर भी थे. इन मांगों को लेकर राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु और WBBPE के अध्यक्ष गौतम पॉल ने उम्मीदवारों से धरना खत्म करने की बात भी कही थी. लेकिन उम्मीदवारों ने उनकी बात नहीं मानी और फिर से परीक्षा व इंटरव्यू देने को मना कर दिया. एक अभ्यर्थी ने कहा कि दोबारा परीक्षा और इंटरव्यू देने पर भी क्या गारंटी है कि हमारे साथ धोखा नहीं किया जाएगा?

पश्चिम बंगाल सरकार में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने राज्य की स्थिति पर चिंता जताते हुए राज्य सरकार की तुलना जर्मनी में हिटलर सरकार से कर दी. उन्होंने कहा कि राज्य प्राथमिक शिक्षा बोर्ड कार्यालय के बाहर धरने पर बैठे प्रदर्शनकारियों को जबरन उठाने के लिए बल प्रयोग किया गया. ये पश्चिम बंगाल है या हिटलर का जर्मनी?  

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