The Lallantop
Advertisement

NTA के DG ने बताया, CUET में अगले साल हो सकते हैं ये बड़े बदलाव

NTA DG विनीत जोशी ने इस साल एग्जाम कंडक्ट कराने में हुई दिक्कतों की वजह से NTA, सब्जेक्ट कॉम्बिनेशन और एग्जाम सेंटर सिटी में कटौती पर विचार कर रही है.

Advertisement
CUET UG 2022 EXAM
NTA DG ने CUET में हुये टेक्निकल ग्लिचेस के बारे में भी बताया (फोटो- आज तक)
25 अगस्त 2022 (Updated: 25 अगस्त 2022, 16:38 IST)
Updated: 25 अगस्त 2022 16:38 IST
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

CUET. कॉमन यूनिवर्सिटीज एंट्रेंस टेस्ट. ऑल इंडिया लेवल पर पहली बार अंडरग्रेजुएट और पोस्ट-ग्रेजुएट कोर्सेज में एडमिशन के लिये ये एग्जाम हो रहा है. देशभर की 45 सेंट्रल यूनिवर्सिटीज में इस एग्जाम से एडमिशन लिया जा सकता है. पहली बार हुये CUET UG एग्जाम में टेक्निकल ग्लिचेस की शिकायतें सामने आईं थीं. इसकी वजह से NTA यानी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी जो ये एग्जाम कराती है, अगले साल से कुछ बदलाव करने पर विचार कर रही है. NTA, CUET UG एग्जाम में सब्जेक्ट कॉम्बिनेशन्स और एग्जाम सेंटर सिटी कम करने पर विचार कर रही है. 

JEE, NEET कराने के बाद CUET में क्या दिक्कत हुई?

NTA के डायरेक्टर जनरल विनीत जोशी ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए ये जानकारी दी. जोशी ने कहा कि पिछले कुछ सालों में एंट्रेंस एग्जाम में चीटिंग और गड़बड़ी होने के केस बढ़े हैं. इसी को देखते हुये CUET एग्जाम के लिये हमने तय किया कि कैंडिडेट्स के एग्जाम सेंटर डिटेल्स, एग्जाम से कुछ दिन पहले बताए जाएं. ये तरीका हमने JEE एग्जाम में पहले लागू किया था. टेक्निकल गड़बड़ियों पर जोशी ने बताया, 

 एग्जाम को सही से कराने के लिये हमने एग्जाम शुरू होने और क्वेश्चन पेपर अपलोड करने के बीच कम समय रखने का सोचा था. लेकिन ये समय, सही समय पर पेपर अपलोड करने के लिये कम था. अब हम इसको घंटों पहले से करते हैं. इसके अलावा हम पेपर का साइज कम करने वाले सॉफ्टवेयर पर भी टेस्ट कर रहे हैं जिससे इसे कम किया जा सकेगा. 

4 अगस्त को कैंसिल हुये एग्जाम पर जोशी ने बताया, 

पेपर अपलोड करने में देरी हो गई थी. दूसरे स्लॉट में कैंडिडेट्स ज्यादा थे. इंटरनेट की स्पीड धीमे होने के कारण पेपर अपोलड होने में देरी हुई. हमने इनविजिलेटर्स और स्टूडेंट्स से पूछा था कि एसे में एग्जाम कराना चाहिये या नहीं? ज्यादतर ने पोस्टपोन करने का बात की थी तभी एग्जाम पोस्टपोन किया गया था.

अगले साल से क्या बदलाव?  

NTA के DG विनीत जोशी ने कहा कि CUET बाकी एंट्रेंस टेस्ट्स से अलग एग्जाम है. इसमें स्टूडेंट्स के पास सब्जेक्ट चुनने की सबसे ज्यादा फ्लेक्सिबिलिटी है. उन्होंने कहा, 

ये एग्जाम पहली बार हो रहा था. लोग इसे लेकर दुविधा में थे. इसलिए हमने सब्जेक्ट्स में लिमिट लगाने की नहीं सोची थी. इसका परिणाम ये हुआ कि 45 हजार से ज्यादा सब्जेक्ट कॉम्बिनेशन्स के लिये स्टूडेंट्स ने अप्लाई किया. लेकिन अब इसपर कई एकेडमीशियन और स्टूडेंट्स से चर्चा कर हम एक बैलेंस बनाने की कोशिश करेंगे. हो सकता है हम सबजेक्ट कॉम्बिनेशन्स को कम करें. इसके अलावा हम एग्जामिनेशन सिटीज को भी कम करने पर विचार करेंगे. ये सारे प्वाइंट्स हम कमेटी के सामने रखेंगे जो CUET लिये रोडमैप तैयार करेगी. ये कमेटी पंजाब यूनिवर्सिटी के वीसी की अध्यक्षता में बनाई गई है.

क्या CUET साल में दो बार होगा?

नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP 2020) में कॉम्पटीटिव एग्जाम साल में दो बार कराने का प्रस्ताव है. क्या CUET भी साल में दो बार होगा? इस पर जोशी ने कहा कि हम UGC के साथ इसपर विचार करेंगे. अगर CUET साल में दो बार होता है तो JEE मेन एग्जाम का कैलेंडर फॉलो किया जाएगा. जिसमें पहला सेशन जनवरी में 12वीं के बोर्ड एग्जाम के पहले और दूसरा सेशन अप्रैल में कराया जायेगा, जिससे CUET का रिजल्ट बोर्ड एग्जाम रिजल्ट के पहले घोषित किया जा सके.

JEE, CUET, NEET मर्ज होगा?

JEE, CUET और NEET एग्जाम को मर्ज करने की बात UGC चेयरमैन ने की थी. इसपर जोशी ने कहा कि NTA ये डिसिजन नहीं लेती है. हम ये सब एग्जाम UGC, एजुकेशन मिनिस्ट्री और हेल्थ मिनिस्ट्री के अधीन कराते हैं. इसपर फैसला ये विभाग ही कर सकते हैं. लेकिन एग्जाम को मर्ज कर एक साथ कराने का आइडिया अच्छा है. हम एक साथ इतने सारे स्टूडेंट्स के लिये एग्जाम करा ही रहे हैं. तो एग्जाम को एक साथ कराने का आइडिया सही है, लेकिन इसके लिये हमें प्लानिंग करनी होगी.

मास्टर्स प्रोग्राम में MCQ पैटर्न पर क्या बोले?

हाल ही में JNU वीसी शांतिश्री पंडित ने कहा था कि मास्टर्स प्रोग्राम में एडमिशन MCQ टेस्ट के आधार पर नहीं होना चाहिये. इसपर जोशी ने कहा कि NTA को एग्जाम पैटर्न पर एक कमेटी गाइड करती है. इसके लिये सुझाव भी मांगे जाते हैं और इन्हें कमेटी डिसकस भी करती है. इससे पहले NEET और UGC-NET एग्जाम में हमने ये एक्सपीरियंस किया है कि सब्जेक्टिव मोड में इवैल्युएशन में दिक्कतें आती हैं. इसी वजह से इन एग्जाम को भी अब MCQ पैटर्न पर लिया जाता है. स्टूडेंट्स की लिखने की कला को यूनिवर्सिटीज एडमिशन के बाद परख सकती हैं. NTA से ये काम कराना ठीक नहीं होगा.

इसके अलावा NTA चीफ ने केरल में NEET एग्जाम के दौरान चेकिंग में एक छात्रा के कपड़े उतरवाने जाने की बात पर कि कमेटी की रिपोर्ट अभी नहीं आई है. उन्होंने कहा कि कई एग्जाम में माइक्रोफोन जैसे डिवाइस पाये जाने की वजह से ये सब किया जाता. ये सब किसी की भावनायें आहत करने के लिये नहीं किया जाता. सिक्योरिटी स्टॉफ को इसे संवेदनशील तरीके से हैंडल करने को बोला जाता है.  

रंगरूट. दी लल्लनटॉप की एक नई पहल. जहां आपको खबर मिलेगी पढ़ाई-लिखाई, कॉलेज-यूनिवर्सिटी, कैंपस से लेकर प्लेसमेंट और करियर तक की. सरकारी भर्तियों का हाल भी और स्टार्ट अप्स की कहानियां भी यहीं मिलेंगी. अपने सुझाव और सवाल हमें लिखिए rangroot@lallantop.com पर. रंगरूट से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें.फेसबुकयूट्यूबट्विटर

thumbnail

Advertisement

Advertisement