चावल की कीमतों में 20 फीसदी तक का उछाल, क्या सरकार एक्सपोर्ट पर बैन लगाएगी ?
मीडिया रिपोटर्स के मुताबिक बांग्लादेश की तरफ से चावल पर आयात शुल्क 62.5 फीसदी से घटाकर 25 फीसदी किये जाने से चावल की कीमतों में बंपर तेजी दर्ज की गई है

गेहूं के बाद चावल की कीमतों में उछाल देखने को मिल रहा है. पिछले पांच दिन में चावल के निर्यात में बेतहाशा तेजी दर्ज की गई है. इसके चलते घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार में चावल के दामों में 20 फीसदी तक का उछाल आ चुका है.
मीडिया रिपोटर्स के मुताबिक बांग्लादेश की तरफ से चावल पर आयात शुल्क 62.5 फीसदी से घटाकर 25 फीसदी किये जाने से चावल की कीमतों में बंपर तेजी दर्ज की गई है. इकोनॉमिक टाइम के रिपोर्ट के अनुसार चावल की कीमतें पहले ही 10 फीसदी बढ़ी हुई हैं और कीमतों में अब भी तेजी जारी है. बांग्लादेश हर साल बड़ी मात्रा में भारतीय गैर बासमती चावल का आयात करता है. आमतौर बांग्लादेश पश्चिम बंगाल , बिहार और उत्तर प्रदेश से चावल खरीदता है. इस वजह से इन राज्यों में चावल का भाव 20 फीसदी तक उछल चुका है जबकि दूसरे राज्यों में भी चावल की कीमतों में 10 फीसदी तक का इजाफा हुआ है.
22 जून को बांग्लादेश ने एक अधिसूचना जारी जारी कर 31 अक्टूबर, 2022 तक गैर-बासमती चावल के आयात की मंजूरी दे दी थी. बांग्लादेश के इस फैसले के बाद केवल पांच दिनों भारतीय गैर-बासमती चावल का दाम 350 डॉलर प्रति टन से बढ़कर 360 डॉलर प्रति टन पर जा पहुंचा है. साल 2020-21 में बांग्लादेश ने 13.59 लाख टन चावल का आयात किया था. घरेलू बाजार में कीमतें बढ़ने से कारोबारियों की बीच चर्चा है कि सरकार गेहूं के तरह चावल के एक्सपोर्ट पर रोक लगा सकती है. इसी घबराहट के चलते बांग्लादेश ने चावल आयात करने का फैसला लिया है.
आंकड़ों के मुताबिक भारत ने 2021-22 में 6.11 अरब डॉलर का गैर-बासमती चावल निर्यात किया था, जबकि 2020-21 में 4.8 अरब डॉलर का चावल निर्यात किया गया था. चावल के वैश्विक कारोबार में भारत की हिस्सेदारी 40 फीसदी है. गेहूं के दाम बढ़ने से बांग्लादेश में आटे के दाम आसमान छू रहे हैं. इस वजह से लोग चावल का काफी मात्रा में इस्तेमाल कर रहे हैं. इसके अलावा समय से पहले शुरू हुए भारी बारिश और तूफान ने चावल का उत्पादन घटा दिया है.
वीडियो: तुर्की ने भारत के गेहूं को वापस लौटाया, क्या यह साजिश है?