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'BH' नंबर मिल गया तो हिंदुस्तान में कोई आपकी गाड़ी नहीं रोकेगा, लेकिन...

15 सितंबर, 2021 को भारत सरकार ने BH सीरीज रजिस्ट्रेशन की शुरुआत की थी. BH का मतलब है भारत. BH नंबर उन लोगों के फायदेमंद है, जिन लोगों का अक्सर एक राज्य से दूसरे राज्य में ट्रांसफर होता रहता है. टैक्स में भी बचत है मगर इसके कुछ तगड़े नुकसान हैं.

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Indian Vehicle Registration System
BH नंबर वाली गाड़ियां के लिए कुछ लोग ही अप्लाई कर सकते हैं.
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रितिका
19 जून 2025 (Updated: 20 जून 2025, 06:53 AM IST) कॉमेंट्स
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आपने सड़कों पर राज्य नंबर और केंद्र शासित प्रदेश वाली गाड़ियां देखी होगी.जैसे की दिल्ली की DL और महाराष्ट्र की MH रजिस्ट्रेशन वाली गाड़ियां. लेकिन हाल के सालों में BH नंबर से पंजीकृत गाड़ियां भी सड़कों पर देखी जा रही हैं. कहा जाता है कि इस सीरीज का नंबर लेने से आप अच्छा-खासा टैक्स बचा सकते हैं. इस नंबर के साथ एक और बात कही जाती है कि इसे सिर्फ सरकारी अफसर ही ले सकते हैं. ऐसा नहीं हैं क्योंकि एक प्राइवेट कंपनी में काम करने वाला शख्स भी ये नंबर ले सकता है. माने काफी चीजें हैं जो क्लीयर नहीं. इसलिए हम इसके फायदे और नुकसान समेत पूरी प्रोसेस की बात करेंगे. लेकिन पहला जरा BH नंबर के बारे में जान लेते हैं.

15 सितंबर, 2021  को भारत सरकार ने BH सीरीज रजिस्ट्रेशन की शुरुआत की थी. BH का मतलब है भारत. BH नंबर उन लोगों के फायदेमंद है, जिन लोगों का अक्सर एक राज्य से दूसरे राज्य में ट्रांसफर होता रहता है. क्योंकि इस सीरीज की मदद से उस व्यक्ति को बार-बार अलग राज्य का रजिस्ट्रेशन नंबर नहीं लेना होगा. अब बात इस नंबर के फायदों की करते हैं.

रजिस्ट्रेशन की झंझट नहीं 

भारत सरकार की इस सीरीज का फायदा सरकारी ऑफिसर और प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारी को मिलेगा. केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारी से लेकर डिफेंस सर्विस के लोगों के लिए उनका सर्विस आईडी ही काफी है. लेकिन प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले व्यक्ति का ऑफिस 4 या उससे ज्यादा राज्यों में होना चाहिए. उसे इसका एक लेटर भी गाड़ी लेते समय देना होगा. अब मल्टीनेशनल कंपनी में कोई काम कर रहा है और बार-बार उसका तबादला होता रहता है, तो ये नंबर उसके काम आएगा. इससे उस व्यक्ति को दूसरे राज्य का नंबर लेने का झंझट खत्म हो जाएगा. नॉर्मल नंबर में नियम के मुताबिक दूसरे राज्य में जाने पर 6 महीने के अंदर उस स्टेट में रजिस्ट्रेशन जरूरी है. ये एक बेहद उबाऊ और लंबी प्रोसेस है. 

ये भी पढ़ें: गाड़ी में प्रीमियम पेट्रोल भरवाते हैं, लेकिन कभी सोचा इसका कोई फायदा है भी या नहीं?

टैक्स की टेंशन नहीं

BH नंबर प्लेट से रोड टैक्स हर 2 साल के लिए लिया जाता है. अगर आपकी गाड़ी 10 लाख रुपये तक की है और पेट्रोल इंजन है, तो 8 फीसदी टैक्स देना होता है. ये टैक्स की समय सीमा अधिकतम 14 साल होती है. माने 10 लाख की गाड़ी का कुल टैक्स हुआ 80 हजार रुपये तो इसे 14 साल में डिवाइड किया जाएगा. साल के हुए 5,700 लगभग. 2 साल के हिसाब से जोड़ें तो 11,440. जिस गाड़ी की कीमत 10 लाख से 20 लाख तक है तो 10 फीसदी टैक्स लगेगा. अगर गाड़ी कीमत 20 लाख से ज्यादा है तो आपको 12 फीसदी टैक्स देना होता है. डीजल कारों पर 2 फीसदी एक्स्ट्रा टैक्स देना होता है. तो वही इलेक्ट्रिक वाहनों पर 2 फीसदी कम टैक्स लगता है. ये दो बड़े फायदे हैं. मतलब एकमुश्त टैक्स नहीं देना और देश में कहीं भी ड्राइव करने की आजादी. BH सीरीज बेशक बहुत फायदे का सौदा लगती हो, लेकिन इसके नुकसान भी है.

Govt updates on 'BH-series' for new vehicles: Eligibility criteria, other details
कमर्शियल गाड़ी के मालिक BH नंबर के लिए अप्लाई नहीं कर सकते हैं.  (Photo-Business Today)
कार बेचना सिरदर्द है 

पहला नुकसान BH नंबर बेचने से ही जुड़ा है. यानी BH नंबर वाली कार आप किसी भी व्यक्ति को नहीं दे सकते हैं. कोई व्यक्ति अगर सरकारी ऑफिसर है या फिर भारत में मल्टीनेशनल (भारत में 4 से ज्यादा ऑफिस) कंपनी में काम करता है, तो आप उसे ही ये कार बेच सकते है. यहां ग्राहक आपकी मजबूरी का फायदा उठा सकता है. क्योंकि वे जानता है कि आप ये कार लिमिटिड लोगों को भी बेच सकते हैं, तो वो इसका कम से कम दाम लगवाने की कोशिश करेगा. अगर आप पुरानी कारों में डील करने वाली कंपनी के पास जाएंगे, तो वो भी जानते हैं कि आपके पास कोई चारा नहीं बचा है. कुल मिलाकर कहे तो आपको इसका जल्द ग्राहक मिलने में देरी होगी. अगर ग्राहक मिल भी गया, तो कार का अच्छा-खासा पैसा नहीं लग पाएगा.

टैक्स भरना

अब बेशक ये सीरीज आपके पैसा बचा सकती है. लेकिन इस नंबर का एक नुकसान इसका टैक्स ही है. क्योंकि वाहन मालिकों को हर दो साल में रोड टैक्स जमा करना होता है. अगर इसमें एक दिन की भी देरी हुई तो 100 रुपये रोज का जुर्माना भी लगता है. 

फैसला आपका. अपनी सुविधा के हिसाब से गियर लगाइए. 
 

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