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गाड़ी में प्रीमियम पेट्रोल भरवाते हैं, लेकिन कभी सोचा इसका कोई फायदा है भी या नहीं?

प्रीमियम पेट्रोल को High-octane fuel भी कहा जाता है. क्योंकि इसमें ऑक्टेन की मात्रा 90 होती है. ये नॉर्मल पेट्रोल के मुकाबले ज्यादा होती है. अब जिस पेट्रोल में ज्यादा ऑक्टेन होता है, वो इंजन को चंगा रखने में भी मदद करता है.

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What is Premium Petrol and how it works
नॉर्मल पेट्रोल लें या प्रीमियम पेट्रोल. (तस्वीर- Unsplash.com)
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रितिका
26 मई 2025 (Updated: 27 मई 2025, 07:13 AM IST) कॉमेंट्स
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पेट्रोल पंप पर जब भी आप पेट्रोल भरवाने जाते हैं, तो देखा होगा कि वहां तीन तरह की नोजल होती है. एक पेट्रोल के लिए, दूसरी डीजल के लिए और तीसरी प्रीमियम पेट्रोल के लिए. प्रीमियम पेट्रोल को High-octane fuel, Extra Mile, super fuel आदि नामों से भी जाना जाता है. आप पेट्रोल भरवाने के लिए जाते होंगे, तो वर्कर पूछ ही लेता होगा, ‘सर, नॉर्मल पेट्रोल या फिर एक्स्ट्रा माइल पेट्रोल.’ अब एक्स्ट्रा माइल या प्रीमियम का नाम सुनते ही समझ आ जाता है कि अरे ये तो महंगा ही होगा.

लेकिन जिस हिसाब से ये महंगा होता है, तो क्या उस हिसाब से फायदा भी देता है? क्या इसके इस्तेमाल से गाड़ी वाकई में कुछ एक्स्ट्रा माइल चलती है. या फिर पेट्रोल पंप वाले बस हमें चूना लगा रहे हैं. ये जानने की कोशिश करते हैं.

प्रीमियम पेट्रोल क्या है?

प्रीमियम पेट्रोल में एक्स्ट्रा एडिटिव्स पाए जाते हैं, जो इंजन की परफॉर्मेंस बढ़ाने में मदद करते हैं. दरअसल, समय के साथ इंजन में कार्बन डिपॉजिट जमा होने लगता है, जो इंजन के काम करने की क्षमता पर प्रभाव डालता है. ये एक्स्ट्रा एडिटिव्स इन्हीं कार्बन डिपॉजिट को साफ करते हैं, जिससे इंजन सुचारू रूप से काम कर पाता है. कह सकते हैं कि ये एडिटिव्स इंजन की उम्र बढ़ाने का काम करते हैं. 

Normal Petrol vs Premium petrol
सांकेतिक तस्वीर 

अब दूसरी बात, जैसा हमने बताया था कि प्रीमियम पेट्रोल को हाई-ऑक्टेन पेट्रोल भी कहा जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि नॉर्मल पेट्रोल में ऑक्टेन की मात्रा 87 तक होती है, जबकि प्रीमियम में इसकी मात्रा 91 से 94 के पास होती है. ऑक्टेन का मतलब आप ऐसे समझिए कि पेट्रोल में ऑक्टेन की मात्रा जितनी ज्यादा होगी, पेट्रोल इंजन को उतना ही कम नुकसान पहुंचाएगा. जब इंजन चंगा या कहे बढ़िया बिंदास रहेगा तो गाड़ी की माइलेज और ओवरऑल परफॉर्मेंस पर भी असर पड़ेगा और गाड़ी ठीक से काम कर पाएगी. मतलब प्रीमियम पेट्रोल काम का तो है. लेकिन क्या सभी के काम का है?

प्रीमियम पेट्रोल किसके लिए है? 

तकनीकी डिटेल से ये तो समझ आया कि प्रीमियम पेट्रोल वाकई में नॉर्मल पेट्रोल के मुकाबले बढ़िया होता है. अब आपको ये पेट्रोल भरवाना चाहिए या नहीं, ये तो आपकी गाड़ी पर डिपेंड करता है. आपके पास कोई अल्ट्रा प्रीमियम गाड़ी है तो आप प्रीमियम पेट्रोल इस्तेमाल करें. आपकी गाड़ी पुरानी हो चली है तो भी आप प्रीमियम पेट्रोल डाल सकते हैं. थोड़ी उम्र और बढ़ जाएगी. नई गाड़ी में प्रीमियम पेट्रोल का कोई तुक नहीं. मतलब 25 लाख के बजट तक की गाड़ी में कोई जरूरत नहीं. लेकिन जो आपके पैसे में काई लग रही तो फिर कोई  बात नहीं. योर मनी इस योर मनी!

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