The Lallantop

कॉलेज स्टूडेंट हैं या हायर एजुकेशन का सपना देखते हैं तो ये वाली ABC आपको सीखनी चाहिए

एकैडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट एक ऐसा वर्चुअल स्टोर है, जो हर स्टूडेंट के डेटा का रिकॉर्ड रखेगा. इसका फायदा खासकर उन स्टूडेंट्स को मिलेगा, जिन्हें किन्हीं कारणों से बीच में ही पढ़ाई छोड़नी पड़ती है.

post-main-image
ABC पोर्टल बहुत काम का है (तस्वीर: पिक्सेल)

अपने ज़माने में पांचवीं जमात में अंग्रेज़ी शुरू होती थी - A फॉर एप्पल, B फॉर बॉल, C फॉर कैट. इसके बाद ABC ने कॉलेज तक पीछा किया. किसी तरह वहां पहुंचने के बाद गलत ABC के नंबर कटने बंद हुए. लेकिन अब शायद ऐसा नहीं होगा. आप चाहे पीएचडी कर चुके हों, ABC से आपका पिंड नहीं छूटेगा. इस एबीसी का नाम है Academic Bank of Credits (ABC). ये एक किस्म का वर्चुअल स्टोर-हाउस है, जो हर स्टूडेंट के डेटा का रिकॉर्ड रखेगा. इस रिकॉर्ड से स्टूडेंट्स को कॉलेज बदलने से लेकर कोर्स चेंज करने तक में आसानी होगी. इस वाली एबीसी के और भी फायदे हैं. एक-एक करके सारे बताते हैं.

आपने कॉलेज की पढ़ाई स्टार्ट की. लेकिन किसी भी वजह से आप अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाए या फिर अधबीचे में कोर्स बदलने का मन हुआ तो बड़ी मुश्किल होती थी. कॉलेज से लेकर यूनिवर्सिटीज से डॉक्युमेंट्स इकठ्ठा करना बहुत लंबा और बोरिंग प्रोसेस होता था. 'एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट' पोर्टल इसका वन स्टॉप सॉल्यूशन है.

ये पोर्टल स्टूडेंट्स का सारा रिकॉर्ड सुरक्षित रखेगा. यदि कोई स्टूडेंट बीच में ही पढ़ाई छोड़ देता है तो उसे टाइम पीरियड के हिसाब से सर्टिफिकेट, डिप्लोमा या डिग्री दी जाएगी -

फर्स्ट ईयर पास करने पर सर्टिफिकेट; 

सेकेंड ईयर पास करने पर डिप्लोमा; और 

तीन साल का कोर्स पूरा करने पर डिग्री दी जाएगी. 

माने अगर आपका आगे पढ़ने का मन नहीं या कोई और कारण हैं तो इस पोर्टल से आप अपने सर्टिफिकेट/ डिप्लोमा के लिए आवेदन कर सकते हैं. ज़ाहिर है, आप पोर्टल पर आवेदन तभी कर पाएंगे, जब आपका कॉलेज/यूनिवर्सिटी इससे लिंक होगा. इसके लिए संबंधित संस्थान को एकैडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट स्कीम में अपना रजिस्ट्रेशन करना होगा. इसके बाद वहां पढ़ने वाले हर स्टूडेंट का डेटा स्टोर होना शुरू हो जाएगा. आज की तारीख में कुल 1537 यूनिवर्सिटीज इस पोर्टल पर रजिस्टर्ड हैं. 

 Academic Bank of Credits 

एकैडमिक बैंक में स्टूडेंट का अकाउंट खोला जाएगा. इसके बाद उसे एक स्पेशल ID दी जाएगी. पोर्टल पर अभी तक लगभग दो करोड़ (1.93 करोड़) आईडी जनरेट हो चुकी हैं. आप सीधे इस पोर्टल पर लॉगिन कर सकते हैं या डिजी-लॉकर आईडी से भी लॉगिन किया जा सकता है. इस पोर्टल का फायदा किसी भी इंस्टीट्यूट का छात्र उठा सकता है. शर्त सिर्फ इतनी है कि इंस्टीट्यूट ने अपना रजिस्ट्रेशन इस स्कीम के तहत कराया हो. ऐसा इसलिए क्योंकि अलग-अलग संस्थानों में सभी कोर्स नहीं होते, इसलिए किसी भी इंस्टीट्यूट को इसमें शामिल होने की छूट दी गई है.

 Academic Bank of Credits 

अगर किसी भी वजह से कोई स्टूडेंट अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाता तो भी उसको अपने हिसाब से पढ़ाई पूरी करने की इजाजत मिलेगी. स्टूडेंट के पास यदि ABC में पुराना रिकॉर्ड जमा है तो वह पढ़ाई छोड़ने के बाद कभी भी दोबारा शुरू कर सकता है. मतलब एक आईडी बनाई और पढ़ाई फिर से स्टार्ट. दुनिया भर के डॉक्युमेंट्स से लेकर कॉलेज के लेटर की जरूरत नहीं. बोले तो कॉलेज में मल्टिपल एंट्री और एक्जिट का जुगाड़. इस पोर्टल पर UGC से मान्य सभी हायर इंस्टीट्यूट के कोर्सेस के साथ-साथ इंजीनियरिंग, मेडिकल, डेंटल, लॉ और अन्य प्रोफेशनल कोर्सेस को भी कवर किया गया है.

तो देर किस बात की. अगर आप खुद स्टूडेंट हैं तो इस्तेमाल कीजीए. नहीं तो अपने जानने पहचानने वालों से शेयर कीजिए. 

वीडियो: सेहत: बच्चे का स्कूल में लड़ाई करना, जिद और सामान तोड़ना अटेन्शन सीकिंग बिहेवियर हो सकता है