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भले ही आपने ये ना सोचा हो, लेकिन सोशल मीडिया कंपनियों ने इसका पूरा इंतजाम कर रखा है. आपका अकाउंट चाहे गूगल पर हो या फ़ेसबुक पर, आप तय कर सकते हैं कि आपके मरने के बाद उस अकाउंट का वारिस कौन बनेगा. लेकिन अगर आप ऐसा नहीं चाहते. आप चाहते हैं कि आपकी मौत के बाद आपके अकाउंट को डिलीट कर दिया जाए तो इसका भी प्रोसेस है. इस स्टोरी में उस प्रोसेस को समझने की कोशिश करेंगे.
फ़ेसबुक : फ़ेसबुक आपको अपने अकाउंट का वारिस बनाने या उस अकाउंट को हमेशा के लिए डिलीट करने का ऑप्शन देता है. वारिस से मतलब आपके प्रियजन जो आपकी जगह आपके अकाउंट को चला सकते हैं. आप डिलीट ऑप्शन भी चुन सकते हैं. ऑप्शन सलेक्ट करने के लिए आपको फ़ेसबुक अकाउंट कि सेटिंग एंड प्राइवेसी में जाना होगा.

सेटिंग में बहुत से ऑप्शन नजर आएंगे जिसमे से आपको personal account information पर क्लिक करना है. जिसके अंदर सबसे आखिर में account ownership and control मिलेगा.

account ownership and control में आपको Memorialisation सेटिंग में जाना है जहां पर आपको दो विकल्प फ़ेसबुक कि तरफ से दिए जाते हैं .
पहला ऑप्शन है लिगेसी कॉन्टेक्ट और दूसरा डिलीट अकाउंट आफ्टर डेथ.

पहला ऑप्शन आपको अपने किसी प्रियजन को आपका अकाउंट ऑपरेट करने के कई अधिकार देगा. जैसे कोई पोस्ट करना और पोस्ट को डिलीट करना. प्रोफाइल फोटो अपडेट करना या फिर आपके अकाउंट को हटाने के लिए फ़ेसबुक को बोलना. एक बात आपके काम कि, जो भी लिगेसी कॉन्टेक्ट होगा उसके मुताबिक आपका वारिस सिर्फ उन्हीं पोस्ट को डिलीट या मैनेज कर सकता है जो आपके मौत के बाद डाली जाएंगी.
दूसरे ऑप्शन “डिलीट आफ्टर डेथ” को यदि आप चुनते हैं तो आपके मरने के बाद आपके परिवार का कोई सदस्य यदि फ़ेसबुक को आपकी मौत के बारे में इन्फॉर्म करता है तो फ़ेसबुक आपके अकाउंट को हमेशा के लिए डिलीट कर देगा. मौत से जुड़ी जानकारी जैसे डेथ सर्टिफिकेट आपके परिवार को फ़ेसबुक को देना पड़ेगा.

गूगल अकाउंट लिगेसी : फ़ेसबुक से अलग है गूगल अकाउंट लिगेसी जिसमें आप अपना वारिस खुद को बना सकते है मतलब गूगल अकाउंट लिगेसी में आप खुद तय कर सकते है कि आपके मरने के बाद आपके अकाउंट को कब डिलीट किया जाए.
गूगल अकाउंट लिगेसी को चालू करने के लिए आपको प्रोफाइल पिक्चर पर क्लिक करके मैनेज योर अकाउंट में जाकर डेटा एंड प्राइवेसी पर आना होगा.
डेटा एंड प्राइवेसी में मोर ऑप्शन में आपको “ मेक अ प्लान फॉर योर डिजिटल लिगेसी” दिख जाएगा.

यहाँ पर क्लिक करते ही नई स्क्रीन खुल जाएगी और इनऐक्टिव अकाउंट मैनेजर प्रोसेस चालू हो जाएगा.स्टार्ट बटन दबाते ही सबसे पहले आपको अपनी जानकारी अपडेट करना होगी जैसे मोबाईल नंबर, रिकवरी मेल आदि.

पहली शर्त जो आपको मानना पड़ेगी वो ये कि गूगल कब आपको इनएक्टिव मान ले. जैसे तीन महीने या फिर अधिकतम 18 महीने . गूगल इस दौरान SMS और मेल से सूचित भी करता रहेगा. आप ये भी तय कर सकते हैं कि किसको और कितना किसको बताया जाए, लेकिन ये वैकल्पिक है.

आप ऑटो रिप्लाई भी सेट कर सकते हैं जो हमें थोड़ा फनी लगा. मतलब मरने के बाद कोई मेल करे तो उसको क्या रिप्लाय मिले कि भई अपन तो निकल लिए आपको ईमेल नहीं मिला क्या.
सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद आप चाहें तो ये तय भी कर सकते हैं कि कौन आपका डेटा डाउनलोड कर सकता है.

एक बार आपके इनएक्टिव रहने कि समय सीमा पूरी हो गई तो आपका गूगल अकॉउन्ट अपने आप हमेशा के लिए डिलीट हो जाएगा.
इंस्टाग्राम : इंस्टाग्राम के आधिकारिक पेज पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक किसी इंसान के मरने पर उसके परिवार के सदस्य या दोस्त अकाउंट को Memorialize करा सकते हैं. इंस्टाग्राम हेल्प सेंटर पर इसका लिंक उपलब्ध है जिस पर सभी जरूरी जानकारी जैसे डेट ऑफ बर्थ, डेथ सर्टिफिकेट सबमिट करके इस प्रोसेस को पूरा किया जा सकता है.

तो इन प्रोसेस के तहत आप तय कर सकते हैं कि गूगल, फेसबुक और इंस्टाग्राम अकाउंट का क्या होगा. किसी को वारिस बनाना है या उसे हमेशा के लिए डिलीट करना है.