20वीं शताब्दी के पहले वैज्ञानिकों की आम समझ थी कि पेड़ पौधे निर्जीव हैं. पर जगदीश चंद्र बसु ने कई प्रयोग किए और साल 1901 में ये तय कर दिया कि पौधों में जीवन है. अब 115 साल वैज्ञानिकों ने नए प्रयोग किए हैं और पौधे अब ईमेल भेजना सीख गए हैं. इतना ही नहीं पौधे अब विस्फोटकों का भी पता लगा सकते हैं और ये प्रयोग कर के ये साइंटिस्ट पौधों को इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की तरह बनाना चाहते हैं.
ईमेल भेजने वाले पौधे: Ep 14
साइंसकारी के इस एपिसोड में जानिए पौधे कैसे भेजते हैं ये ईमेल? क्या होते हैं नाइट्रो ऐरोमैटिक्स? कैसे पता लग जाता है इनसे लैंड-माइंस और विस्फोटक के आस पास होने का. क्या होते हैं कार्बन नैनो ट्यूब्स? क्या है प्लांट नैनो बायोनिक्स? क्या है डॉ. स्ट्रेनो की पौधों पर रिसर्च.
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साइंसकारी के इस एपिसोड में जानिए पौधे कैसे भेजते हैं ये ईमेल? क्या होते हैं नाइट्रो ऐरोमैटिक्स? कैसे पता लग जाता है इनसे लैंड-माइंस और विस्फोटक के आस पास होने का. क्या होते हैं कार्बन नैनो ट्यूब्स? क्या है प्लांट नैनो बायोनिक्स? डॉ. स्ट्रेनो की पौधों पर रिसर्च को समझने के लिए सुनिए साइंसकारी के ये एपिसोड सिर्फ LT Baaja पर.
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