Flipkart BBD और Amazon GIF सेल में अपने पसंद के प्रोडक्ट खरीदने की तैयारी हो चुकी होगी. प्रोडक्ट कार्ट में जोड़ लिए होंगे और साथ में क्रेडिट और डेबिट कार्ड के डिटेल भी पहले से भर दिए होंगे. तगड़े डिस्काउंट और बढ़िया ऑफर्स के लिए इतना करना तो बनता है. सब अच्छा है, मगर ऑफर्स और डिस्काउंट के झुनझुने में आप एक जरूरी चीज भूल रहे हैं.
Flipkart BBD-Amazon GIF सेल: तगड़े डिस्काउंट पर ही ऑर्डर करें, वर्ना ये चार्जेज जान लें
ई-कामर्स कंपनियों के वो चार्जेज जो छुपे (hidden charges of Flipkart BBD Amazon GIF) हुए तो नहीं हैं, मगर दिखते भी नहीं हैं. ई-कॉमर्स कंपनियां ऐसा माहौल बना देती हैं कि आप सिर्फ प्रोडक्ट ऑर्डर करने पर फोकस करते हैं. ये चार्जेज वैसे तो ज्यादा नहीं होते, मगर असल कीमत के तो ऊपर ही होते हैं. जान लीजिए इनको.
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ई-कामर्स कंपनियों के वो चार्जेज जो छुपे (hidden charges of Flipkart BBD Amazon GIF) हुए तो नहीं हैं, मगर दिखते भी नहीं हैं. ई-कॉमर्स कंपनियां ऐसा माहौल बना देती हैं कि आप सिर्फ प्रोडक्ट ऑर्डर करने पर फोकस करते हैं. ये चार्जेज वैसे तो ज्यादा नहीं होते, मगर असल कीमत के तो ऊपर ही होते हैं. जान लीजिए इनको.
पैकिंग चार्जेजइस बात का कोई मतलब है? मतलब भईया जब आप प्रोडक्ट बेच रहे हो तो उसको ढंग से पैक करना आपकी जिम्मेदारी है. अब आप उसे कंपनी के बॉक्स के साथ भेजो या एक और बॉक्स ऊपर से लगाकर. ये ई-कॉमर्स कंपनी की जिम्मेदारी है. लेकिन ऐसा होता नहीं. सुरक्षित पैकिंग के नाम पर आपसे कुछ पैसे वसूले जाते हैं. ये रकम 50-100 रुपये से ज्यादा नहीं होती, मगर लगती जरूर है. ओपन बॉक्स डिलीवरी चार्जेज भी इसी का हिस्सा है. मतलब पैक करने के पैसे दो और बाद में बॉक्स ओपन करने के.
एक शुगर के मरीज को पहले मिठाई खिलाओ और फिर कहो कि भईया इंसुलिन ज्यादा लगा लेना. एकदम ऐसा ही है ऑफर चार्जेज. मतलब सेल में आपको जो ऑफर मिल रहा, उसके लिए आपको चुंगी देनी होगी. क्योंकि आपको बढ़िया ऑफर मिल रहा होता है तो आप भी इसे नजरअंदाज कर देते हैं. मगर ये भी एक किस्म की नई वसूली है.
बैंक डिस्काउंट चार्जेजये तो सरासर मौके का फायदा उठाना है. बैंक यूजर्स को डिस्काउंट दे रहा क्योंकि उसको इसी बहाने रेवेन्यू मिलेगा और नए ग्राहक भी. मगर ई-कामर्स पोर्टल आजकल इसके ऊपर भी अपना चार्ज लगा देते हैं. बताने की जरूरत नहीं कि ये भी कोई हजारों वाला मामला तो है नहीं जो अलग से नजर आए. आपने देखा डिस्काउंट सो बटन दबा दिया.
एक्सचेंज और रिटर्न चार्जेजपहले आदत खराब कर देते हैं और फिर वसूली करेंगे. पहले-पहल कोई रिटर्न और एक्सचेंज चार्ज नहीं था. आजकल ये भी लगता है. कपड़ों में जहां ये दोनों चीजें खूब होती हैं, वहां ये वाकई अखरता है. ऐसा ही एक और चार्ज तब भी लगता है जब आप कोई प्रोडक्ट नगद में मतलब COD में ऑर्डर करते हैं. मगर क्या ही करेंगे. जिस दिन आपने ऐप पर लॉगिन किया था, उसी पल आपने अपने सारे अधिकार खो दिए थे.
प्लेटफॉर्म अपने हिसाब से वसूली कर सकते हैं. इसलिए बेहतर यही होगा कि अगर वाकई जरूरत है तो सामान खरीदें. ऑफर्स में सच्ची में दम हो, डिस्काउंट मोटा हो तभी आगे बढ़ें. वर्ना सेल का क्या है, आती रहती है.
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