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WhatsApp को बोरिया-बिस्तर समेटने पर मजबूर करेगा Arattai App? या बस कैजुअल चैट तक सिमट के रह जाएगा

Arattai एक तमिल भाषा का है शब्द है जिसका मतलब होता है “casual chat”. बोले तो चिटचैट या बतियाना. इसे डेवलप किया है चेन्नई बेस्ड कंपनी Zoho ने. सोशल मीडिया पर इसे वॉट्सऐप का रिप्लेसमेंट कहा जा रहा है. अब ऐसा होगा या नहीं वो तो भविष्य में ही पता चलेगा मगर उसके पहले थोड़ा कैजुअल चैट कर लेते हैं.

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Arattai एक देसी मैसेजिंग ऐप है

आज की तारीख में दुनिया की कई बड़ी कंपनियों के बॉस इंडियन हैं. माइक्रोसॉफ्ट से लेकर गूगल को चलाने का जिम्मा भारतीयों के पास है. लेकिन एक टीस मन में अब भी बरकरार है. हम आजतक गूगल या WhatsApp जैसा कोई ऐप बना नहीं पाए हैं. लेकिन लगता है हमारे इस दुख दर्द और पीड़ा का हल मिल गया है. बात करेंगे देसी मैसेजिंग ऐप Arattai की जिसे सोशल मीडिया पर वॉट्सऐप का रिप्लेसमेंट कहा जा रहा है. अब ऐसा होगा या नहीं वो तो भविष्य में ही पता चलेगा मगर उसके पहले थोड़ा कैजुअल चैट कर लेते हैं.

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Arattai: देसी मैसेजिंग ऐप

Arattai एक तमिल भाषा का है शब्द है जिसका मतलब होता है  “casual chat”. बोले तो चिटचैट या बतियाना. इसे डेवलप किया है चेन्नई बेस्ड कंपनी Zoho ने. आपका अंदाजा एकदम सही है. Zoho वही कंपनी है जिसका जिक्र कुछ दिनों पहले आईटी मंत्री Ashwini Vaishnaw ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में किया था जब वो लोगों से स्वदेशी प्रोडक्ट इस्तेमाल करने के लिए कह रहे थे.

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Zoho को आप माइक्रोसॉफ्ट का इंडियन वर्जन मान सकते हैं. यह भारतीय कंपनी है क्लाउड-बेस्ड सॉफ्टवेयर और बिजनेस टूल्स बनाती है. इनके टूल्स की मदद से डॉक्युमेंट्स, स्प्रेडशीट्स और प्रेजेनटेशन बनाए जा सकते हैं. 1996 में Sridhar Vembu ने इसे स्टार्ट किया था. यही श्रीधर अब Arattai लेकर आए हैं.

Arattai एक मैसेजिंग ऐप है तो टेक्स्ट मैसेज से लेकर वॉयस और वीडियो कॉल जैसे फीचर तो देता ही है. इसके साथ मीडिया शेयर करने, स्टोरी लगाने और चैनल बनाने का भी प्रबंध करता है. ऐप गूगल प्ले और iOS के लिए उपलब्ध है. ऐप फिलहाल कॉल्स के लिए तो end-to-end encryption सपोर्ट करता है मगर चैट के लिए नहीं.

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ऐप में लॉगिन करने के लिए आपके मोबाइल नंबर और ओटीपी की जरूरत होती है. अगर आपको अपना नंबर शेयर नहीं करना तो आप @ से स्टार्ट होने वाला यूजर नेम भी बना सकते हैं. WhatsApp के जैसे इसमें भी मल्टीपल डिवाइस का सपोर्ट है. माने इसे डेस्कटॉप समेत एंड्रॉयड टीवी पर भी चलाया जा सकता है. होम स्क्रीन पर चैट, कॉल स्टोरी या स्टेटस जैसे कई ऑप्शन नजर आते हैं. इसके साथ कैलेंडर का ऑप्शन भी दिखता है जिसमें आपकी मीटिंग से जुड़े डिटेल नजर आते हैं.

ऐप में और क्या अलग है वो तो कुछ दिनों के इस्तेमाल के बाद ही पता चलेगा मगर यूजर की प्राइवेसी को लेकर Zoho का रुख साफ है. कंपनी यूजर्स के डेटा का इस्तेमाल विज्ञापन दिखाने और थर्ड पार्टी को बेंचने के लिए नहीं करने वाली है. ऐसा कंपनी का कहना है. अगर ऐसा है तो ये वाकई में सुखद है क्योंकि दूसरे मैसेजिंग और सोशल मीडिया ऐप्स की रोजीरोटी तो यूजर का डेटा बेंचकर ही चल रही है.

क्या ये WhatsApp की छुट्टी कर देगा

Arattai को सोशल मीडिया पर खूब भाव तो मिल रहा है मगर ये वॉट्सऐप की काट बनेगा, ये कहना अभी जल्दबाजी होगी. Arattai से पहले भी कई देसी और विदेशी ऐप्स ने ऐसा करने की कोशिश की है. उदाहरण के लिए Hike या गूगल का Allo. Hike ऐप 2012 में स्टार्ट हुआ और 2021 में बंद हो गया. इसी तरह 2016 में स्टार्ट होकर Allo सिर्फ तीन साल में ही मार्केट से बाहर हो गया.

Google Hangouts से लेकर ChatON by Samsung, HipChat, FireChat जैसे कई नाम हैं जो कुछ महीने या कुछ साल में बंद हो गए. एक्स की काट के तौर पर आया इंडिया "Koo" भी नहीं चला जबकि इसका प्रमोशन तो भारत सरकार के कई मंत्री भी करते थे. एक wechat जरूर जिंदा है लेकिन वो भी चीन में क्योंकि वहां WhatsApp बैन है. Telegram Messenger का जिक्र भी कर लेते हैं मगर उसका इस्तेमाल चैट से ज्यादा कहीं और होता है. 

कहने का मतलब WhatsApp अब कोई ऐप तो रहा नहीं. हमारी लाइफस्टाइल का हिस्सा हो चुका है. कई सारी सरकारी सर्विस मसलन आधार और पैनकार्ड का हिस्सा बन चुका है. अकेले भारत में इसके 80 करोड़ से ज्यादा यूजर हैं और दुनिया भर में 300 करोड़.  “casual chat” के साथ कई आधिकारिक बातचीत भी इसी ऐप पर होती है. माने इससे बाहर निकलना मुश्किल है. हालांकि असंभव तो कुछ भी नहीं. कहते हैं ना, 

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