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अजीब सा मास्क पहने दौड़ते अनिल कपूर की फोटो वायरल, ट्रेनिंग की सच्चाई क्या निकली?

अनिल कपूर कितना पैसा खर्च करते हैं ट्रेनिंग पर, आप कर सकते हैं क्या?

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अनिल कपूर का वर्कआउट (तस्वीर:सोशल मीडिया)

अनिल कपूर, दुनिया-जहान की फिल्म इंडस्ट्री के सबसे फिट ऐक्टर्स में से एक. 66 साल की उम्र में भी उनका फिटनेस प्रेम किसी से छिपा नहीं है. वर्क-आउट से जुड़े उनके पोस्ट और वीडियो ही सोशल मीडिया पर रौला बनाए रहते हैं. अनिल का ऐसा ही एक वीडियो (Anil Kapoor Cryo Centre Workout At Minus 110 Degrees) कुछ दिनों पहले वायरल हुआ था जिसमें वो एक अजीब सा मास्क पहने ट्रेडमिल पर दौड़ते नजर आ रहे हैं. हमें लगा इसके बारे में पता करना चाहिए. जानकारी खंगालने पर पता चला ना मास्क मामूली है और ना अनिल का वर्कआउट. एक्सपर्ट से भी बहुत कुछ पता चला जो बेहद दिलचस्प है.

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ट्रेनिंग का नाम क्या है?

आगे बढ़ने से पहले एक चेतावनी. कोई भी वर्कआउट करने से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें और अगर हो सके तो उनकी निगरानी में ही व्यायाम करें. अनिल कपूर की इस ट्रेनिंग का नाम है Altitude Training Masks तकनीक. ट्रेनिंग की इस तकनीक का इस्तेमाल आमतौर पर एथलीट और ट्रेनर करते हैं. ट्रेनिंग का मुख्य उद्देश्य ऊंची जगहों के मुताबिक अपने आप को ढालना होता है, जहां ऑक्सीजन का लेवल कम होता है. कई बार सोल्जर्स को भी ऐसी ही ट्रेनिंग दी जाती है. ट्रेनिंग के तरीके, फायदे, टाइमिंग को लेकर हमने जानी-मानी फिटनेस एक्सपर्ट Diksha Chabra से भी बात की. उनके मुताबिक,

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# Altitude Training लो-ऑक्सीजन में परफ़ॉर्म करने के लिए की जाती है. ट्रेनिंग का टारगेट एरिया इंसान के फेफड़े और दिल को मजबूत करना होता है.

# दीक्षा के मुताबिक ट्रेनिंग वाला मास्क आम N95 मास्क से अलग होता है. इस वाले मास्क में वॉल्व लगे होते हैं जो नाक के साथ मुंह भी कवर करते हैं. वॉल्व के सहारे ऑक्सीजन सप्लाई को कम या ज्यादा किया जा सकता है.

# दीक्षा ने हमें बताया कि बहुत ऊंचाई पर ऑक्सीजन की डेंसिटी (घनत्व) कम होती जाती है. यहां एक बात समझना जरूरी है कि वातावरण में ऑक्सीजन की क्वॉन्टिटी कम नहीं होती. वो तो 21 प्रतिशत ही होती है, लेकिन घनत्व कम होने की वजह से सांस लेने में दिक्कत होने लगती है. ऐसे में Altitude Training बहुत काम आती है. दिमाग हमारे शरीर को सिग्नल भेजता है कि भैया ऑक्सीजन कम है इसलिए ब्लड सप्लाई बढ़ा दो जिससे उपलब्ध ऑक्सीजन का अच्छे से इस्तेमाल हो सके.

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# ऐसी ट्रेनिंग करना बहुत मुश्किल है. इसके लिए बहुत धीरे-धीरे स्टार्ट करना होता है. वो भी एक्सपर्ट की निगरानी में. ट्रेनिंग के बाद बॉडी ऑक्सीजन का प्रवाह और उसका मैनेजमेंट बेहतर तरीके से कर सकती है.

# फायदे से इतर इसके नुकसान को लेकर भी दीक्षा आगाह करती हैं. उनके मुताबिक दिल के मरीजों से लेकर अस्थमा के रोगियों के लिए ये ट्रेनिंग नहीं बनी है. इसके साथ अगर कोई दूसरी किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित है तो उसको भी बचने की सलाह दी जाती है.

# ट्रेनिंग कितनी मुश्किल है इसका अंदाजा इसी बात से लग जाता है कि इसकी वजह से कई बार कमजोरी, चक्कर आने जैसे लक्षण नजर आते हैं. इंसान बेहोश भी हो सकता है. इस वजह से लगातार निगरानी बहुत जरूरी है.

# वैसे एक बात और जान लीजिए. मास्क वाली ट्रेनिंग कोई सस्ती भी नहीं है. अकेले मास्क का दाम हजारों में है तो मशीन का प्राइज सब के साथ कितना होगा उसका गुणा-गणित आप खुद लगा लीजिए. ऐसी मशीन वाले जिम की फीस का अंदाजा लगाना भी मुश्किल नहीं

वैसे बात करें कपूर साहब की तो वो इतनी कड़ी ट्रेनिंग अपनी आने वाली फिलम के लिए कर रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ये फिल्म फाइटर है. इस फिल्म में ऋतिक रौशन और दीपिका पादुकोण भी नजर आएंगे. 
  

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