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कौन हैं लिंगायत, जिनके सहारे कांग्रेस इस बार कर्नाटक जीतना चाहती है

राज्य के लिए अलग झंडे की घोषणा के बाद कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार ने लिंगायत समुदाय को एक अलग धर्म के रूप में मान्यता देने का प्रस्ताव केंद्र को भेज दिया है. अब भाजपा इस पसोपेश में है कि करे तो क्या.

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कर्नाटक में चुनाव होने वाले हैं. मोटा भाई वहां भी सरकार बनाना चाहते हैं. जैसे उन्होंने त्रिपुरा में सरकार बनाई. या जैसे उन्होंने मेघालय में बना ली. लेकिन ये सब तब होगा, जब सिद्धारमैया उन्हें चैन लेने दें. कर्नाटक में कांग्रेस सरकार चला रहे सिद्धारमैया एक के बाद एक मास्टर स्ट्रोक चल रहे हैं. विधानसभा चुनाव से ऐन पहले उन्होंने कर्नाटक के लिए अलग झंडे का प्रस्ताव बनाकर केंद्र की एनडीए सरकार के पाले में डाल दिया और अब उन्होंने कर्नाटक में लिंगायत सम्प्रदाय को एक अलग धर्म के रूप में मान्यता देने की कवायद शुरू कर दी है. इस प्रस्ताव पर भी अंतिम निर्णय केंद्र को ही लेना है और झंडे वाले प्रस्ताव की ही तरह इस बार भी केंद्र आसानी से हां या ना नहीं कर सकता, क्योंकि लिंगायत कर्नाटक की जनसंख्या का 17 फीसदी हैं. माने बहुत बड़ा वोट बैंक.

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