कोरोना वायरस का संक्रमण काल चल रहा है. दुनिया लॉकडाउन में है. जिनके भी वायरस से संक्रमित होने का शक है, उन्हें क्वारंटीन किया जा रहा है. तीन महीने पहले जब ये शब्द सुना तो काफी नया-नया लगा था. लेकिन क्वारंटीन कोई नया कॉन्सेप्ट नहीं है, कई साल पुराना है. घर के बुजुर्गों से सुना और रिपोर्टों में पढ़ा है, कि सालों पहले प्लेग और हैजा जैसी महामारियां गांव के गांव ख़त्म कर देती थीं. प्रेमचंद ने भी लिखा है, ‘गर्मी का महीना आम और तरबूज के साथ-साथ हैजा का भी मौसम साथ लाता है.’ ये किस्सा उसी दौर का है. जब महात्मा गांधी को क्वारंटीन होना पड़ा था.
महात्मा गांधी का वो किस्सा, जब अफ्रीका में रोक दिए गए और फिर उनपे अंडे मारे गए
जब महात्मा गांधी को क्वारंटीन होना पड़ा था.
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