अक्षर पटेल की गेंद पर बेन स्टोक्स के ख़िलाफ LBW की ज़ोरदार अपील. गेंद पड़कर थोड़ा अंदर की ओर स्पिन हुई थी. अंपायर नितिन मेनन ने आउट दिया. स्टोक्स ने DRS लिया. थर्ड अंपायर ने ग्राउंड अंपायर के फैसले पर मुहर लगाई.अब मैच के दूसरे दिन पर आइए.
जैक लीच की गेंद पर रोहित शर्मा के ख़िलाफ़ अपील. अंपायर नितिन मेनन ने फिर जांच-परखकर उंगली उठा दी. रोहित ने रिव्यू लिया, और एक बार फिर मैदान अंपायर का फैसला सही निकला.मैच में अंपायर नितिन मेनन के और भी कई फैसले रहे, जिनकी जमकर तारीफ हो रही है. एक यूज़र ने तो ट्विटर पर लिखा –
“नितिन मेनन का अंपायरिंग करियर काफी लंबा चलने वाला है. पिछले 20 साल में भारत के इकलौते अंपायर, जिन्होंने ख़ासा प्रभावित किया है.”
मेनन पहली बार सुर्ख़ियों में आए IPL 2017 के दौरान. टूर्नामेंट में उनके नाम 3 ग़लत फैसले जुड़े. इनमें से एक तो ब्लंडर था. सनराइजर्स हैदराबाद और मुंबई इंडियंस का मैच था. SRH के डेविड वॉर्नर ने एक ओवर की अंतिम गेंद पर चौका मारा, और फिर अगले ओवर की पहली गेंद पर फिर उन्होंने स्ट्राइक ले ली. अंपायर मेनन ध्यान ही नहीं दे सके. इस पर उनकी बड़ी आलोचना हुई. Cricinfo ने तो यहां तक लिख दिया –
“Umpires Nitin Menon had been caught napping.”यानी अंपायर नितिन मेनन झपकी लेते रह गए. मेनन की काफी किरकिरी हुई.

इंटरनेशनल डेब्यू साल 2017 मेनन के लिए एक तरफ थोड़ा बुरा रहा, वहीं कुछ अच्छी बातें भी हुईं. इसी साल उनका इंटरनेशनल डेब्यू हुआ. वनडे मैच में अंपायरिंग की. IPL वाली ग़लतियां इंटरनेशनल लेवल पर कम हुईं. 2 साल बाद ही 2019 में उन्हें टेस्ट मैच में अंपायरिंग करने का भी मौका मिल गया. मेनन ने अफगानिस्तान-वेस्टइंडीज के बीच लखनऊ में हुए मैच से टेस्ट मैच में अंपायरिंग का डेब्यू किया. नितिन मेनन अब तक 6 टेस्ट, 24 वनडे और 16 टी20 मैच में ग्राउंड अंपायरिंग कर चुके हैं. इसके अलावा कई मैचों में टीवी अंपायर भी रहे हैं.

भारत में अंपायरिंग के रोल मॉडल! खेल खेलते तो खिलाड़ी हैं, लेकिन खिलवाने की ज़िम्मेदारी होती है अंपायर्स पर, मैच रेफरी पर. और इनकी नियुक्ति करती है ICC यानी इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल. ICC समय-समय पर अपने एलीट पैनल ऑफ अंपायर्स की लिस्ट अपडेट करती रहती है. जून-2020 में जब ये लिस्ट अपडेट हुई तो इसमें भारत के अंपायर नितिन मेनन का नाम भी शामिल था. उस वक्त मेनन की उम्र थी 36 साल. और इसी के साथ वो ICC के एलीट पैनल ऑफ अंपायर्स में शामिल होने वाले सबसे युवा अंपायर बन गए.
नितिन से पहले सिर्फ दो भारतीय अंपायर ही इस पैनल में जगह बना सके थे– एस. वेंकराघवन और एस. रवि. पैनल में शामिल होने के बाद नितिन ने कहा था –
“मुझे तो अभी भी यकीन नहीं हो रहा कि मैं क्रिकेट जगत के बड़े-बड़े अंपायर्स के साथ अंपायरिंग करूंगा. लेकिन मुझे लगता है कि ये मेरे लिए ज़िम्मेदारी है. ज़िम्मेदारी कि मैं भारतीय अंपायरिंग के कल्चर को आगे लेकर जाऊं, और अपने अनुभव साझा करके बाकियों की मदद करूं.”क्रिकेट जगत के बेहतरीन अंपायर्स में गिने जाने वाले सायमन टॉफेल ने मेनन के बारे में कहा था –
“मुझे नितिन के एलीट पैनल में आने से ज़रा भी हैरानी नहीं हुई. उन्होंने गज़ब का सुधार और नियमितता दिखाई है. उम्मीद है कि भारत में जो लोग अंपायरिंग को करियर के तौर पर सोच रहे हैं, उनके लिए नितिन एक रोल मॉडल बनेंगे.”अंपायर नितिन मेनन के लिए इंटरनेशनल लेवल पर अंपायरिंग का सफर अभी तक अच्छा चलता दिख रहा है. हालांकि उनका एक सपना अभी पूरा होना बाकी है - एशेज़ में अंपायरिंग.