The Lallantop

क्या है चार्टर्ड अकाउंटेंट की पढ़ाई छोड़ क्रिकेटर बने वेंकटेश अय्यर की कहानी?

जिनकी माता पढ़ाई से ज्यादा खेलने पर जोर देती थीं!

Advertisement
post-main-image
कोलकाता नाईट राइडर्स के सलामी बल्लेबाज वेंकटेश अय्यर (पीटीआई)
वेंकटेश अय्यर. IPL 2021 सेकंड लेग के सबसे चर्चित खिलाड़ियों में से एक. एक ऐसा बल्लेबाज, जिसने आते ही सबको अपनी बल्लेबाजी का मुरीद कर दिया है. अय्यर ने IPL के अपने दूसरे ही मैच में पचासा जड़ सबको अपनी काबिलियत का जलवा दिखा दिया है. हर कोई वेंकटेश अय्यर की तारीफ कर रहा है और साथ ही लोगों में उनके बारे में ज्यादा से ज्यादा जानने की उत्सुकता भी है. ऐसे में हमने सोचा कि क्यों ना आपको इस नई सनसनी के बारे में बताया जाए. तो चलिए, शुरू करते हैं मध्य प्रदेश के लिए रणजी खेलने वाले इस लड़के की कहानी, जो आजकल कोलकाता में छाया है. # कैसे हुई शुरुआत वेंकटेश का जन्म मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में हुआ. वेंकटेश के पिता मानव संसाधन सलाहकार यानी ह्यूमन रिसोर्स कंसलटेंट हैं. और मां ने कई साल तक अस्पताल प्रबंधन में काम किया है. वेंकटेश एक साउथ इंडियन परिवार से आते हैं. लेकिन उनका परिवार एक स्टीरियोटाइप वाले साउथ इंडियन परिवार से बिलकुल हटकर था. वेंकी के परिवार ने उन्हें पढ़ाई से ज्यादा खेल पर ध्यान देने के लिए प्रोत्साहित किया. अपने क्रिकेट करियर का क्रेडिट अपनी मां को देते हुए वेंकटेश ने क्रिकइंफो से कहा था,
'सच कहूं तो मैंने खेलना तब शुरू किया, जब मेरी मां ने मुझ पर घर बैठकर किताबों में घुसे रहने की बजाय बाहर जाकर खेलने का प्रेशर डाला.'
हालांकि इतने प्रेशर के बाद भी अय्यर 19 साल की उम्र तक क्रिकेट सिर्फ मजे के लिए ही खेलते थे. इसमें करियर बनाने जैसा कोई प्लान नहीं था. उन्हें ज्यादा मजा पढ़ाई में ही आता था. और जल्दी ही उन्होंने चार्टर्ड अकाउंटेंसी के साथ B.com में भी एडमिशन ले लिया. साल 2016 में CA का इंटरमीडिएट एग्जाम भी निकाल लिया. लेकिन तब तक अय्यर मध्य प्रदेश की सीनियर टीम के लिए T20 और 50 ओवर में अपना डेब्यू कर चुके थे. और फिर वेंकटेश ने CA की पढ़ाई छोड़ MBA में एडमिशन ले लिया. लेकिन अब तक उनका मन क्रिकेट में भी लगने लगा था. और अब उन्हें मिलने वाला सपोर्ट भी घर से निकलकर कॉलेज तक आ गया था. कॉलेज के मैनेजमेंट ने उन्हें अटेंडेंस वगैरह के लोड से पूरी तरह दूर रखा. लेकिन दुनिया जानती है कि भारत में क्रिकेट में करियर बनाना आसान नहीं है. ऐसे में अय्यर ने पढ़ाई का दामन भी पकड़कर रखा. और साल 2018 में एक अकाउंटिंग फर्म ने उन्हें जॉब ऑफर की. अब अय्यर को शायद आखिरी बार पढ़ाई और खेल में से किसी एक को चुनना था और उन्होंने क्रिकेट को चुना. # रणजी ट्रॉफी डेब्यू अय्यर साल 2015 से मध्य प्रदेश के लिए डोमेस्टिक क्रिकेट खेलने लगे थे. और रणजी ट्रॉफी तक पहुंचने के लिए भी उन्हें ज्यादा समय नहीं लगा. अय्यर को साल 2018-19 के रणजी ट्रॉफी सीजन के लिए चुना गया. और फिर साल 2020-21 में उन्हें मध्य प्रदेश की सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी की टीम में चुना गया. अय्यर ने इस टूर्नामेंट की पांच पारियों में MP के लिए सर्वाधिक 227 रन बनाए. अय्यर ने यह रन 75.66 की एवरेज और 149.34 की स्ट्राइक रेट से बनाए. और फिर उसके बाद हुई विजय हजारे ट्रॉफी में उन्होंने पंजाब के खिलाफ 146 गेंद में 198 रन कूट दिए. 50 ओवर फॉर्मेट में आई इस पारी ने बचा हुआ काम भी पक्का कर दिया और अब अय्यर पूरी तरह से लाइम लाइट में आ चुके थे. # IPL में एंट्री इसी प्रदर्शन के दम पर KKR ने अय्यर को IPL 2021 के लिए अपनी टीम में शामिल कर लिया. हालांकि फर्स्ट लेग में उन्हें खेलने का मौका नहीं मिला. लेकिन जैसे ही IPL2021 का दूसरा लेग आया, अय्यर की किस्मत ने करवट ली. और 20 सितम्बर 2021 को फाइनली उन्हें IPL डेब्यू करने का मौका मिला. मुक़ाबला था रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की टीम से. अपने पहले ही मैच में अय्यर ने एक छक्के और सात चौकों की मदद से 27 गेंद पर 41 रन की नाबाद पारी खेली और सबको अपने हुनर से वाक़िफ करा दिया. पहले मैच में अय्यर पचासा बनाने से चूक गए लेकिन उसकी भरपाई उन्होंने अपने दूसरे मैच में का दी. 23 सितम्बर को मुंबई इंडियंस के खिलाफ हुए मैच में अय्यर ने फिर से एक शानदार पारी खेली और इस बार भी अपनी टीम की जीत में अहम योगदान निभाया. अय्यर ने अपनी पारी की शुरुआत ही ट्रेंट बोल्ट को जबरदस्त छक्का जड़कर की. उसके बाद अय्यर ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और महज़ 30 गेंदों में 53 रन की बहुमूल्य पारी खेली. अय्यर ने इस पारी में तीन छक्के और चार चौके जड़े.

Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement